अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने रोकी सौदी की लष्करी सहायता

us-saudiवॉशिंग्टन – अमरीका की विदेश नीति में बड़े बदलाव करनवाले राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने सौदी अरब की लष्करी सहायता पर रोक लगाई है। ‘येमन में हौथी बागियों के खिलाफ सौदी को की जा रही हथियारों की आपूर्ति इसके आगे नहीं होगी। येमन के मसले का हल राजनीतिक बातचीत से निकाला जाएगा’, यह ऐलान भी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने किया। राजनीतिक बातचीत के लिए पहल कर रही अमरीका के इस निर्णय का सौदी अरब ने स्वागत किया है। लेकिन, बायडेन प्रशासन का यह निर्णय हौथी बागियों की सहायता कर रहे ईरान के लिए फायदेमंद और इस्रायल के लिए खतरा साबित होगा, यह दावा इस्रायली माध्यम कर रहे हैं।

us-saudi‘अमरीका इज बैक। डिप्लोमसी इज बैक’, ऐसा कहकर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने उस समय के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के कई निर्णय रद किए हैं। इसमें येमन में हौथी बागियों के खिलाफ संघर्ष कर रहे सौदी को लष्करी सहायता प्रदान करने के निर्णय का भी समावेश है। येमन में जारी संघर्ष के कारण इस देश में मानवीय संकट निर्माण किया गया है, ऐसी आलोचना राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने की। यह संकट दूर करने के लिए और येमन की लड़ाई बंद करने के लिए इसके आगे सौदी को प्रदान हो रही अमरीका की लष्करी सहायता पर रोक लगाने का ऐलान बायडेन ने किया।

us-saudi‘येमन में जारी युद्ध की वजह से वहां की जनता को खत्म ना होनेवाले विनाश का मुकाबला करना पड़ रहा है। येमन की जनता को इस विनाश से छुटकारा देने के लिए अमरीका मानवीय सहायता प्रदान करेगी’, ऐसा बायडेन ने कहा है। इसके लिए टिमोथी लेंडर्कींग की विशेष दूत के तौर पर नियुक्ती करने का बयान बायडेन ने किया। साथ ही येमन की हादी सरकार और हौथी बागियों के बीच राजनीतिक बातचीत शुरू करके यह संघर्ष खत्म करने की बात अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने स्पष्ट की। इस ऐलान के साथ ही हौथीयों को आतंकी संगठनों की सूचि में शामिल करने का पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प का निर्णय भी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने रद किया है।

us-saudiयेमन के संकट पर राजनीतिक हल निकालने की अमरीका की कोशिश का सौदी अरब ने स्वागत किया है। इसके लिए येमन के दोनों गुटों की बातचीत शुरू करने के लिए सौदी ने भी अपना समर्थन घोषित किया है। लेकिन, इस्रायल के माध्यम अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के इस ऐलान पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन का ऐलान यानी हौथी के विद्रोही और उनका समर्थन कर रहे ईरान के लिए जीत होगी, इस बात पर इस्रायली माध्यम ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। इस निर्णय की वजह से येमन में अस्थिरता निर्माण होने की संभावना भी व्यक्त की जा रही है।

इस संघर्ष के पीछे से ईरान ने येमन में अपने हथियारों का परीक्षण किया है। इसमें सौदी की राजधानी रियाध या इस्रायल के दक्षिणी ओर के शहरों तक हमला करने की क्षमता वाली मिसाइलों का भी समावेश था, इस बात की याद इस्रायली माध्यम दिला रहे हैं। इसी बीच, बीते महीने में येमन के हौथी बागियों ने भी हम इस्रायल तक हमला करने की क्षमता रखते हैं, यह ऐलान किया था।

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