‘साहेल’ क्षेत्र में बढ रहे आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि पर ‘नायजर’ में हुआ अमरिकी हवाई अड्डा कार्यरत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरनिआमे: अफ्रीका मेंसाहेलके तौर पर जाने जा रहे क्षेत्र में पिछले वर्ष से बडी मात्रा में आतंकी हमलें हो रहे है| ‘अल कायदाऔरआयएससे जुडे आतंकी गुटों के इन हमलों को जवाब देने के लिए अफ्रीकी देश एक हुए है| फिर भी वर्तमान में आतंकी हमलें रोकेने के लिए इन देशों की कोशिशें काफी नही है, यही बात दिखाई दे रही है| इसी पृष्ठभूमि परसाहेलक्षत्र केनायजरमें अमरिका ने अपना हवाई अड्डा कार्यरत किया है| अमरिका कीआफ्रिकॉमकमांड ने हाल ही में एक निवेदन प्रसिद्ध किया है और इसमें नायजर केअगादेझमें हवाई अड्डा पुरी तरह से कार्यरत होने की जानकारी दी गई है|

पश्चिमी अफ्रीका की सुरक्षा के लिए बने खतरे का प्रतिकार करने के लिए अमरिका अपनी अफ्रीकी एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के भागीदार देशों के साथ सहयोग कर रहा है| नायजर के इस हवाई अड्डे का निर्माण यानी इस क्षेत्र की सुरक्षा के मुद्दे पर एक दुसरे के साथ होनेवाले समान हितसंबंध और अफ्रीकी भागीदार देशों में हमारे निवेष का पुख्ता प्रतिक है, इन शब्दों में अफ्रीकॉम के प्रमुख जनरल स्टीफन टाउनसेंड नेअगादेझमें हवाई अड्डा कार्यरत होने का ऐलान किया| इस दौरान अफ्रीका में अमरिकी वायुसेना के एवं सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे|

एअरबेस २०१के तौर पर जाने जा रहे अफ्रीका के इस नए हवाई अड्डे के लिए अमरिका ने करीबन १० करोड डॉलर्स से भी अधिक रकम खर्च की है| शुरू में इस हवाई अड्डे से सिर्फड्रोन्सका इस्तेमाल होगा, यह कहा गया था| पर, पिछले महीने में अमरिका नेसी१३०इस लष्करी यातायात के विमान का भी यहां पर परीक्षण किया| इसके अलावासी१७ ग्लोबमास्टर यह भारी लष्करी विमान भी इस अड्डे पर उतारने का प्रावधान किया गया है, यह जानकारी सूत्रों ने दी| इस हवाई अड्डे पर करीबन ६०० अमरिकी सैनिक तैनात होंगे|

अफ्रीका के जिबौती में अमरिका ने इस महाद्विप का सबसे बडा रक्षा अड्डा बनाया है| इसके अलावा सोमालिया, केनिया, नायजर, ट्युनिशिआ जैसे करीबन १० देशों में छोटे हवाई अड्डे भी सक्रिय रखे है| पर नायजर काअगादेझअफ्रीका की आतंकविरोधी मुहिम के लिए काफी अहम अड्डा साबित होगा और साहेल क्षेत्र की मुहीम का आयोजन अमरिका के इसी अड्डे पर होगा, यह संकेत दिए गए है| जिबौती के साथ यह अफ्रीका में अमरिका ने बनाया दुसरा अहम अड्डा साबित हो सकता है, यह दावा भी हो रहा है|

साहेल क्षेत्र का हिस्सा होनेवाले माली, नायजर, बुर्किना फासो, चाड जैसे देशों में पिछले वर्ष से लगातार आतंकी हमलें हो रहे है| इन आतंकी हमलों को जवाब देने के लिए फ्रान्स की पहल सेजी५ साहेल फोर्शका निर्माण किया गया है| इस दल में हजार से भी अधिक सैनिक तैनात है| पर, आतंकी संगठनों ने इस स्पेशल फोर्से के अड्डों को ही लक्ष्य करके कई सैनिकों की हत्या की है| इस कारण वर्तमान में अफ्रीकी देशों की यह कोशिश कमजोर हो रही है और आतंकवाद विरोधी मुहीम का भी नुकसान हुआ है|

इस पृष्ठभूमि पर अमरिका का हवाई अड्डा कार्यरत होना अहम बात साबित हो रही है और इससे साहेल की आतंकवाद विरोधी मुहिम को नया बल प्राप्त होने के संकेत भी प्राप्त हो रहे है|

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