अमरीका की परमाणु पनडुब्बी पर्शियन खाड़ी में दाख़िल – इस्रायल के पनडुब्बी ने सुएझ नहर को पार किया

वॉशिंग्टन – १५४ टॉमाहॉक क्रूझ् क्षेपणास्त्रों से लैस होनेवाली अमरीका की ‘युएसएस जॉर्जिया’ परमाणु पनडुब्बी पर्शियन खाड़ी में दाख़िल हुई है। इस पनडुब्बी ने होर्मुझ की खाड़ी पार की होने की घोषणा अमरिकी नौसेना ने की। ईरान के साथ बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि पर, अमेरिकन पनडुब्बी की पर्शियन खाड़ी में हुई यह तैनाती ग़ौरतलब साबित होती है। इसी बीच, इस्रायल ने भी अपनी पनडुब्बी सुएझ नहर के ज़रिये ‘रेड सी’ की दिशा में रवाना की होने की ख़बर इस्रायली न्यूज़ चैनल ने प्रकाशित की है।

us-persian-gulfअमरिकी नौसेना में ‘ओहिओ’ श्रेणि की चार पनडुब्बियाँ हैं। अन्य देशों की पनडुब्बियों की तुलना में ‘ओहिओ’ श्रेणि की पनडुब्बियाँ सर्वाधिक युद्धसिद्ध मानीं जातीं हैं। बैलिस्टिक परमाणु अस्त्रों का हमला करने की क्षमता इन पनडुब्बियों में है। अमरिकी नौसेना बहुत ही महत्त्वपूर्ण मुहिमों के लिए इन पनडुब्बियों को रवाना करती है। ‘युएसएस जॉर्जिया’ भी इसी ‘ओहिओ’ श्रेणि की पनडुब्बी है। आठ साल बाद पहली बार ‘युएसएस जॉर्जिया’ पर्शियन खाड़ी में दाखिल हुई है।

अमरिकी नौसेना ने जारी की जानकारी के अनुसार, रविवार को इस पनडुब्बी ने ‘युएसस पोर्ट रॉयल’ और ‘युएसएस फिलिपाईन्स सी’ इन विध्वंसकों के साथ होर्मुझ की खाड़ी में से प्रवास किया। इसकी जानकारी सोमवार को घोषित की गयी। इस क्षेत्र में अमरीका की सागरी यातायात की सुरक्षा के लिए ‘युएसएस जॉर्जिया’ तथा सहायक विध्वंसकों को रवाना किया है, ऐसा अमरीका के पाँचवें बेड़े के वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया। पर्शियन खाड़ी में दाखिल होने से पहले अमरिकी पनडुब्बी, सितम्बर महीने तक हिंद महासागर स्थित अमरीका के ‘दिएगो गार्सिया’ द्वीप के क्षेत्र में तैनात थी।

us-persian-gulfअमरीका की परमाणु पनडुब्बी कितने महीनों तक पर्शियन खाड़ी में तैनात होगी, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। गत कुछ हफ़्तों में अमरीका ने इस क्षेत्र में गतिविधियाँ बढ़ायीं हैं। दस दिन पहले अमरीका ने परमाणुअस्त्र वाहक ‘बी-५२’ बॉम्बर विमान खाड़ीक्षेत्र में तैनात किये थे। ईरान की ख़तरनाक गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर इन बॉम्बर विमानों की तैनाती की जा रही है, ऐसा अमरीका ने घोषित किया था। उससे पहले अमरीका का ‘युएसएस निमित्झ’ यह विमानवाहक युद्धपोत ओमान की खाड़ी और हिंद महासागर के मध्य पर तैनात था।

कुद्स फोर्सेस के प्रमुख कासेम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए ईरान अमरिकी लष्कर के वरिष्ठ अधिकारियों की हत्या कराने की धमकी दे रहा है। रविवार रात को इराकस्थित अमरिकी दूतावास पर रॉकेट हमलें भी हुए। इस हमले के लिए ईरान से जुड़े आतंकवादी संगठन ज़िम्मेदार होने का आरोप अमरीका के विदेशमंत्री माईक पॉम्पिओ ने किया। ईरान तथा ईरान से जुड़े आतंकवादी संगठनों से होनेवाले इस ख़तरे की पृष्ठभूमि पर, अमरीका ईरान के हमले का जवाब देने के लिए तैयार होने की घोषणा अमरीका के ‘सेंटकॉम’ के प्रमुख जनरल केनिथ मॅकेन्झी ने कुछ ही घंटे पहले की थी।

us-persian-gulfवहीं, अमरिकी रक्षाबल के प्रमुख जनरल मार्क मिले ने भी पिछले हफ़्ते में सौदी अरब, संयुक्त अरब अमिरात और इस्रायल इन देशों का गोपनीय दौरा किया था। अमरीका के लष्करी अधिकारियों के इस क्षेत्र में दौरे तथा बॉम्बर्स विमान और पनडुब्बियों की यहाँ की तैनाती अलग संकेत दे रही है।

इसी बीच, अमरीका ने पर्शियन खाड़ी में परमाणु पनडुब्बी रवाना की होने की घोषणा करने के बाद, अगले कुछ घंटों में इस्रायल के न्यूज़ चैनल ने ख़बर प्रकाशित की। पिछले हफ़्ते में इस्रायली पनडुब्बी ने सुएझ नहर पार करके ‘रेड सी’ के क्षेत्र में प्रवेश किया है, यह दावा इस्रायली न्यूज़ चैनल ने किया। इस्रायली पनडुब्बी के इस प्रवास के लिए ईजिप्ट की सरकार ने अनुमति दी थी, ऐसा इस न्यूज़ चैनल ने कहा है। इस्रायल के लष्कर ने इसपर बयान करना टाला है।

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