ड्रोन्स एवं युद्धनौकाओं को निशाना बनानेवाली, अमेरिकी नौसेना की ‘स्मार्ट मिनी मिसाईल्स’ यंत्रणा

वॉशिंग्टन, दि. १९: युद्धनौका पर हमला करनेवाले ड्रोन्स एवं छोटे जहाज़ों को लक्ष्य बना सकें, ऐसी ‘स्मार्ट मिनी मिसाईल्स’ यंत्रणा विकसित करने की कोशिश अमरिका ने शुरू की है| अमरिका के रक्षाउद्योग की दो अव्वल दर्ज़े की कंपनियाँ – ‘रेथॉन’ एवं ‘लॉकहिड मार्टिन’ द्वारा यह यंत्रणा बनायी जा रही होकर, उसे ‘मॅड-फायर्स’ नाम दिया गया है| इस प्रणाली हेतु विकसित किए जानेवाले ‘मिडियम कॅलिबर गायडेड प्रोजेक्टाईल’ में क्षेपणास्त्रों के समान अचूकता एवं मार्गदर्शन करने की क्षमता होकर, बंदूक से छूटनेवाली गोली के समान तज़ रफ़्तार, निरंतर बौछार करने की क्षमता तथा काफ़ी बड़े पैमाने पर निर्माण एवं उपयोग इन जैसी विशेषताएँ भी उसमें होंगी, ऐसी जानकारी सूत्रों ने दी|

US-Navy

‘मल्टि ऍझिमथ डिफेन्स फास्ट इंटरसेप्ट राऊंड एंगेजमेंट सिस्टिम’ (एमएडी-मॅड) यह, नौदल की ओर से विकसित की जानेवाली इस यंत्रणा का नाम है| इसके लिए विकसित किया जानेवाला ‘प्रोजेक्टाईल’ अपना निशाना साधने के लिए, उसका मार्ग निर्धारित समय में कभी भी बदल सकता है| इस यंत्रणा के माध्यम से एक ही समय पर अनेक लक्ष्यों का सुराग निकालते हुए, उनपर हमला किया जा सकने की तथा ‘लक्ष्य’ पूर्णतः नष्ट होने तक उसपर पुनः पुन: हमला करने की क्षमता भी इस ‘प्रोजेक्टाईल’ में होगी, ऐसा बताया जा रहा है| ‘बड़ी युद्धनौकाओं पर एक ही समय पर चहुँ ओर से होनेवाले हमलों का मुँहतोड़ जबाब देने के लिए इस प्रकार की यंत्रणा का होना आवश्यक है’ ऐसा नौदल के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है|

ड्रोन्स, क्षेपणास्त्र, छोटे विमान, फास्ट ऍटॅक क्राफ्ट जैसे घटकों से दीर्घकालीन एवं अत्यन्त घातक क़िस्म का ख़तरा है| इसीलिए, युद्धनौकाओं की सुचारु रूप से रक्षा हो सकें, इस प्रकार की यंत्रणा का होना आवश्यक है| ये यंत्रणाएँ, आसमान से तथा ज़मीन पर से किए जानेवाले हमलों का मुँहतोड़ जवाब दे सकनेवाले तंत्रज्ञान से लैस होनीं चाहिए, ऐसी माँग नौदल ने की है| फिलहाल नौदल के पास होनेवालीं ‘क्लोझ रेंज गन सिस्टिम्स’ में यदि एक ही समय पर अनेक ‘लक्ष्यों’ को तेज़ रफ़्तार के साथ अचूक रूप में भेदने की क्षमता आयेगी, तो इसका बहुत बड़े प्रमाण में फ़ायदा हो सकता है, यह दावा भी नौसेना अधिकारियों ने किया|

‘स्मार्ट मिनी मिसाईल्स’

अमरीका के रक्षामंत्रालय के ‘संशोधन उपक्रम’ के रूप में जाने जानेवाले ‘दार्पा’ ने इस संदर्भ में तेज़ी के साथ अपना कार्य आरंभ कर दिया है| ‘रेथॉन’ एवं ‘लॉकहिड मार्टिन’ इन दोनों कंपनियों ने इस संदर्भ में प्राथमिक पड़ाव का काम पूर्ण कर दिया है| ‘रेथॉन’ को दूसरे पड़ाव के लिए २० लाख डॉलर्स का कॉन्ट्रॅक्ट भी मंजूर किया गया है| इस कॉन्ट्रॅक्ट के अनुसार ‘रेथॉन’ ‘मॅड-फायर्स’ का नमूना तैयार करके उसका परीक्षण करनेवाली है| ‘लॉकहिड मार्टिन’ को भी इसी प्रकार का कॉन्ट्रॅक्ट दिया जानेवाला है, ऐसी जानकारी सूत्रों के आधार पर प्राप्त हुई है|

पिछले वर्ष अमरिकी संरक्षणमंत्रालय ने, ‘एक्झॅटो’ नामक ‘पॉईंट फिफ्टी कॅलिबर] के ‘स्नायपर राऊंड बुलेट’ का यशस्वी परीक्षण किया था| यह गोली ‘लक्ष्य’ की हलचल के अनुसार अपना मार्ग बदल सकती है, यह इस परीक्षण से सिद्ध हो चुका था| ‘ऑप्टिकल सेन्सर’ एवं ‘फिन्स’ के लिए उपयोग में लायी जानेवाली इस गोली की लंबाई १० सेंटिमीटर की है| ‘मॅड-फायर्स’ तंत्रज्ञान यह इसका प्रगत पड़ाव होगा, ऐसा माना जाता है|

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