‘फाईव्ह आईज्’ में भारत को शामिल करने के लिए अमरिकी सांसद ने रखी मांग

वॉशिंग्टन – अमरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में गोपनीय माहिती का आदान-प्रदान करने संबंधी किए फाईव्ह आईज्इस गठबंधन में भारत को भी शामिल कराने की मांग हो रही है| भारत, जापान और दक्षिण कोरिया इन देशों को भी इस गठबंधन का हिस्सा करना जरूरी होगा, यह बात अमरिकी संसदिय समिती के अध्यक्ष ने रखी है| अगले हफ्ते में भारत और अमरिका के बीच टू प्लस टूबातचीत शुरू हो रही है| इससे पहले अमरिका में हो रही यह मांग सामरिक नजरिए से अहमियत रखती है|

अमरिकी कांग्रेस समिती के अध्यक्ष एडम शीफ ने फाईव्ह आईज्के सहयोग में भारत के साथ जापान और दक्षिण कोरिया को शामिल करना जरूरी होने का दावा किया| इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता बरकरार  रखने के लिए इन जनतांत्रिक देशों का सहयोग अहम साबित होगा, यह दावा करके शीफ ने अपनी मांग रखी| अपने वर्चस्व का दुनियाभर में विस्तार करने के उद्देश्य से चीन ने शुरू की हुई हरकतों पर गंभीरता से संज्ञान लेकर अमरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने फाईव्ह आईज्का गठबंधन किया था|

अलग अलग देशों पर प्रभाव और वर्चस्व स्थापित करने के लिए चीन से हो रही कोशिशों को रोकने के लिए और चीन के हरकतों की जानकारी प्राप्त करने के लिए फाईव्ह आईज्के तहेत यह सहयोग स्थापित किया जा रहा है| पिछले कुछ महीनों से चीन ने अपनी लष्करी और तकनीकी क्षेत्र की प्रगति के बल पर काफी लंबी दूरी लांघ दी है और कनाडा एवं ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में चीन ने अपना दबाव गुट बनाने में कामयाबी हासिल करने की बात भी सामने आयी है| इसके लिए चीन अपनी कंपनियों का इस्तेमाल कर रहा है, यह भी अब स्पष्ट हो चुका है|

ऑस्ट्रेलिया ने इसके विरोध में कार्रवाई शुरू की है| साथ ही कनाडा ने भी अमरिका के सहयोग से चीन के विरोध में आक्रामक निर्णय किए है| इस पृष्ठभूमि पर फाईव्ह आईज्का सहयोग काफी अहमियत रखता है और इसकी राजनीतिक और सामरिक अहमियत काफी मात्रा में बढ चुकी है| इस सहयोग में भारत, जापान और दक्षिण कोरिया को शामिल कराने के लिए एडम शीफ ने रखी मांग भी अंतरराष्ट्रीय निरिक्षकों का ध्यान आकर्षित कर रही है|

इसी बीच भारत और अमरिका की टू प्लस टूबातचीत अगले हफ्ते में शुरू होगी| इससे पहले भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंग और अमरिका के रक्षामंत्री मार्क एस्पर की द्विपक्षीय बातचीत अमरिका का रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन में होगी| भारत के साथ हो रही इस बातचीत को लेकर काफी उम्मीदें होने का दावा अमरिकी रक्षामंत्री ने किया है| अमरिका का नामांकित अभ्यासगुट कौन्सिल ऑन फॉरिन रिलेशन’ (सीएफआर) में किए व्याख्यान के दौरान रक्षामंत्री एस्पर ने यह दावा किया| इंडो-पैसिफिक क्षेत्र आजाद और मुक्त रहे, यह भारत और अमरिका का निर्धार है और इसी दिशा में कदम बढाने के लिए दोनों देशों की यह बातचीत सहायक साबित होगी, यह संकेत अमरिकी रक्षामंत्री ने दिए है|

अलग शब्दों में अमरिका ने चीन के विरोध में कार्रवाई करने के लिए भारत के साथ अन्य देशों का सहयोग प्राप्त करने की कोशिश शुरू की है| चीन की हरकतें इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की शांति और स्थिरता को चुनौती दे रही है और इस क्षेत्र के सभी देशों ने चीन के विरोध में खडे होने के अलावा अन्य विकल्प नही है, यही संदेशा अमरिका अलग अलग तरिकों से दे रही है| फिलहाल अमरिका के इस संदेशा को सकारात्मक प्रतिसाद प्राप्त हो रहा है और इस वजह से चीन की चिंता में बढोतरी हुई है| इसपर, चीन अपने नीति में बदलाव करने के बजाए आक्रामकता बढाकर जवाब देता दिखाई दे रहा है|

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