उत्तर कोरिया के साथ मुमकिन तनाव की पृष्ठभूमि पर जापान और दक्षिण कोरिया को प्रगत मिसाइल देने के लिए अमरिका की मंजुरी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन/टोकिओ/सेऊल – उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जॉंग उन इन्होंने मिसाइल परिक्षण करने के बाद इस क्षेत्र में बने खतरे में बढोतरी होने के संकेत प्राप्त हो रहे है| इस बढते खतरों का सामना करने के लिए अमरिका ने अपने मित्रदेश जापान और दक्षिण कोरिया को प्रगत मिसाइल की सप्लाई करने का निर्णय किया है| इन दोनों देशों को हवाई सुरक्षा के लिए करीबन ६० करोड डॉलर्स की मिसाइल यंत्रणा देने के लिए अमरिका के विदेश विभाग ने मंजुरी देने का ऐलान किया गया है|

विदेश विभाग ने घोषित की जानकारी के नुसार, जापान को करीबन ३१ करोड डॉलर्स की ‘अँटी एअर ऍम्राम मिसाइल्स’ और ‘गायडन्स सिस्टिम’ की आपुर्ति होगी| यह मिसाइल हवा से हवा में हमला करनेवाले प्रगत मिसाइल के तौर पर पहचाने जाते है| साथ ही दक्षिण कोरिया को ९४ ‘एसएम-२’ मिसाइल’ और ‘गायडन्स सिस्टिम’ देने के लिए मंजुरी दी गई है| इन मिसाइल की किमत लिए करीबन ३१.३ करोड डॉलर्स बताई गई है|

‘विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडा उद्देश्य सामने रखकर दोनों देशों के लिए मिसाइल की आपुर्ति करने का निर्णय किया है| प्रमुख मित्रदेशों को जरूरी सहायता देकर संबंधित क्षेत्र का लष्करी संतुलन बिगडेगा नही, इसका ध्यान मिसाइल की आपुर्ति को मंजुरी देते समय रखा गया है’, इन शब्दों में अमरिकी विदेश विभाग ने अपने निर्णय का समर्थन किया|

उत्तर कोरिया ने पिछले १५ दिनों में मिसाइलों का दो बार परिक्षण किया था| यह परिक्षण छोटी दूरी के मिसाइल का होने का दावा दक्षिण कोरिया ने किया था| उत्तर कोरिया ने किए इन परिक्षण के दौरान छोडी गई मिसाइलों में रशियन तकनीक का इस्तेमाल होने का दावा कुछ विश्‍लेषकों से किया जा रहा था| लेकिन, इस बारे में पुख्ता जानकारी सामने नही आयी है|

फरवरी महीने में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जॉंग उन की वियतना में हुई बैठक नाकामयाब साबित हुई थी| उसके बाद पिछले तीन महीनों में उत्तर कोरिया लगातार नए परमाणु अस्त्र और मिसाइल का परिक्षण करने की तैयारी में होने की जानकारी सामने आ रही थी| पिछले हफ्तें में किए गए परिक्षण से उस जानकारी का समर्थन किया है|

लेकिन, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और अन्य अधिकारियों ने उत्तर कोरिया ने किए यह परिक्षण ज्यादा गंभीर नही है, यह संकेत दिए थे| फिर भी इस क्षेत्र में तनाव की संभावना ध्यान में रखकर अमरिका के विदेश विभाग ने जापान और दक्षिण कोरिया की संरक्षण क्षमता बरकरार रखने के लिए उचित कदम उठाया है, ऐसा अमरिकी विदेश विभाग ने दी हुई इस मंजुरी से स्पष्ट हो रहा है|

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