तैवान की शांति और स्थिरता के मुद्दे पर अमरीका-जापान के नेताओं की चर्चा – आगबबूला हुए चीन ने प्रतिक्रिया में उगला गुस्सा

वॉशिंग्टन/बीजिंग – तैवान की खाड़ी में शांति और स्थिरता जापान और अमरीका के लिए काफी अहम है। इस मुद्दे पर दोनों देशों की सहमति है, ऐसा बयान जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन से मुलाकात के बाद किया। तैवान के हवाई क्षेत्र में करीबन २५ विमानों की घुसपैठ करवानेवाले चीन के लिए अमरीका और जापान ने दिया यह सख्त इशारा है। इस पर चीन ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। अमरीका और जापान की दरार निर्माण करनेवाली यह नाकाम कोशिश होने की आलोचना चीन ने की है।

जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा फिलहाल अमरीका के अहम दौरे पर है। अमरीका का दौरा शुरू करने से पहले माध्यमों से बातचीत करते समय प्रधानमंत्री सुगा ने बायडेन के साथ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के मुद्दे पर बातचीत करने का ऐलान किया था। इसमें ‘ईस्ट और साउथ चायना सी’ में जारी तनाव, उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम एवं चीन के मुद्दे पर बातचीत होगी, ऐसा सुगा ने स्पष्ट किया था। इस वजह से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में बढ़ रहे तनाव की पृष्ठभूमि पर सुगा के इस अमरीका के दौरे की ओर देखा जा रहा है।

राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के साथ शुक्रवार के दिन चर्चा के बाद प्रधानमंत्री सुगा ने माध्यमों से बातचीत करते समय इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में जारी चीन की गतिविधियों पर बातचीत करने की बात साझा की। इसमें तैवान, हाँगकाँग और झिंजियांग के मुद्दे भी शामिल थे, ऐसा सुगा ने कहा। ‘तैवान के मुद्दे पर माध्यमों के सामने अधिक बोलना मुमकिन नहीं होगा क्योंकि, यह बात राजनीतिक स्तर की चर्चा तक सीमित है। लेकिन, तैवान की खाड़ी की शांति और स्थिरता काफी अहम है, इस मुद्दे पर जापान और अमरीका के बीच पहले ही सहमति हुई है। इस बातचीत के ज़रिये इसकी पुष्टि हुई’, यह बात सुगा ने स्पष्ट की।

इसके अलावा हाँगकाँग में लोकतंत्र की माँग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर की गई कार्रवाई और झिंजियांग में उइगरवंशियों पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर भी अमरीका और जापान के नेताओंची की चर्चा हुई। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन और प्रधानमंत्री सुगा की इस बैठक के दौरान तैवान, हाँगकाँग और झिंजियांग का ज़िक्र नहीं होगा, इसका ध्यान रखें, ऐसी धमकी चीन के उप-विदेशमंत्री ने शुक्रवार के दिन ही दी थी। इसके बावजूद अमरीका और जापान के नेताओं की चर्चा हुई और प्रधानमंत्री सुगा ने सार्वजनिक तौर पर इसका ज़िक्र करने से चीन काफी आगबबूला हुआ है।

‘मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के नाम से दरार निर्माण करने के साथ गुटबाजी करने जैसी नकारात्मक कोशिश करने जैसी फिजूल बात नही है’, ऐसी आलोचना अमरीका स्थित चीन के दूतावास ने की है।

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