आत्मरक्षा के लिए अमरिका ईरान पर लष्करी कार्रवाई कर सकती है – वरिष्ठ अमरिकी अधिकारी का दावा

Third World Warवॉशिंगटन: अमरिका को किसी भी प्रकार का संघर्ष नहीं शुरू करना है अथवा अमरिका ने खुलेआम आक्रमण करने की भाषा नहीं की है| लेकिन, आत्मरक्षा के लिए अमरिका संघर्ष कर सकती है, ऐसी जानकारी अमरिका के ईरान विषय पर नियुक्त किए विशेष प्रतिनिधि ब्रायन हुक ने दी है| अमरिकन कांग्रेस के नियमों के दायरे में रहकर सभी कार्रवाई की जाएगी ऐसा हुक ने स्पष्ट किया है|

ईरान ने दबाव बनाया तो अमरिका प्रत्युत्तर देगी और खाड़ी क्षेत्र में अपने हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए अमरिका ईरान पर लष्करी कार्रवाई करेगी, ऐसी चेतावनी अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने दी है| इस पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प विशेष अधिकार का उपयोग करके ईरान के विरोध में युद्ध पुकारेंगे क्या? यह प्रश्न अमरिकन कांग्रेस पूछ रही है|

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान के लिए नियुक्त किए विशेष प्रतिनिधि ब्रायन हुक ने इसपर उत्तर देते हुए अमरिका को ईरान के साथ युद्ध नहीं करना है, राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने किए इस घोषणा की याद दिलाई है| पर साथ ही अमरिका रक्षात्मक लष्करी कार्रवाई का उपयोग यकीनन करेगी, ऐसा भी हुक ने कहा है| ईरान के साथ संघर्ष करने का समय आया तो ट्रम्प प्रशासन कांग्रेस ने दिए अधिकारों का योग्य रूप से उपयोग करेगा, ऐसा हुक ने कहा है|

पिछले महीने से पर्शियन खाड़ी क्षेत्र में ईंधन टैंकरों पर हमलें बढ़े है और इसके पीछे ईरान होने की गहरी आशंका अमरिका, ब्रिटेन, सौदी अरब एवं अरब मित्र देश व्यक्त कर रहे हैं| खाड़ी क्षेत्र में इस तनाव की पृष्ठभूमि पर अमरिका ने इससे पहले ही इस सागरी क्षेत्र में ‘यूएसएस अब्राहम लिंकन’ एवं बी-५२ बॉम्बर विमान तैनात किए थे| उसमें बढ़ोतरी के तौर पर पेंटॅगॉन ने खाड़ी क्षेत्र में पैट्रियोट मिसाइल, ड्रोन और दूर अंतर के गश्ती विमानों की तैनाती करने की जानकारी घोषित की है| यह तैनाती ईरान के साथ युद्ध के लिए न होकर खाड़ी क्षेत्र में अमरिका के हित संबंधों की सुरक्षा के लिए होने की बात पेंटॅगॉन ने कही है|

दौरान पर्शियन खाड़ी क्षेत्र में ईंधन टैंकर्स पर हुए हमलें, ईरान ने २७ जून तक संवर्धित यूरेनियम की मर्यादा लांघने के लिए दी डेडलाइन और अमरिका ने इस क्षेत्र में बढ़ाई लष्करी तैनाती पर जर्मनी के विदेश मंत्री हैको मास ने चिंता व्यक्त की है| खाड़ी क्षेत्र में युद्ध की गहरी आशंका होने का दावा जर्मनी के विदेश मंत्री ने किया है|

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