अमरीका-भारत के ‘स्ट्रैटेजिक टेक अलायन्स’ की आवश्‍यकता – अमरिकी आयोग की सिफारिश

वॉशिंग्टन/नई दिल्ली – अमरीका अपनी इंडो-पैसेफिक’ नीति अधिक व्यापक करने के लिए भारत के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स के साथ अन्य प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में ‘स्ट्रैटेजिक टेक अलायन्स’ करे, यह सिफारिश अमरिकी आयोग ने की है। भारत में हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स क्षेत्र की वैश्‍विक परिषद का आयोजन हुआ था। इस दौरान भारत को इस क्षेत्र का वैश्‍विक केंद्र बनाने का लक्ष्य है, यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। भारत ने बीते कुछ महीनों में जापान, जर्मनी, ब्रिटेन जैसे देशों के साथ ‘आटिफिशियल इंटेलिजन्स’ क्षेत्र में समझौते भी किए हैं। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी आयोग ने की हुई सिफारिश ध्यान आकर्षित करती है।

india-us-allianceअमरीका ने कुछ महीने पहले ही ‘नैशनल सिक्युरिटी कमिशन ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स’ का गठन किया था। इस आयोग ने अपनी रपट अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प एवं संसद के सामने पेश की और इसमें भारत के साथ प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग की सिफारिश की गई है। इस सहयोग में अमरिकी विदेश विभाग के साथ ही रक्षा विभाग, व्यापार विभाग एवं ऊर्जा विभाग का भी समावेश करें, यह सुझाव अमरिकी आयोग ने किया है। भारत ने बीते कुछ वर्षों में ‘एआय’ क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करने के लिए आवश्‍यक गतिविधियों को बड़ी गति प्रदान की है, इस ओर अमरिकी आयोग ने ध्यान आकर्षित किया है। साथ ही भारत में तकनीकी कुशलता उपलब्ध है और अमरिकी कंपनियों में प्रतिवर्ष दाखिल हो रहे विदेशी कर्मचारियों में करीबन ७० प्रतिशत भारतीय होते हैं, इस बात का अहसास भी इस आयोग ने कराया है।

अमरिकी आयोग के इस सिफारिश के पीछे इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में बन रहे ‘क्वाड’ सहयोग की पृष्ठभूमि है। अमरीका की पहल से भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया के समावेश का ‘क्वाड’ गुट तैयार हुआ है और इन सदस्य देशों के संबंध अधिक मज़बूत करने के लिए ‘एआय’ क्षेत्र के सहयोग का इस्तेमाल करें, यह बात आयोग ने कही है। क्वाड के साथ ही इंडो-पैसेफिक क्षेत्र के अन्य देशों के संबंध मज़बूत करने के लिए भी रक्षा एवं सुरक्षा क्षेत्र में ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स’ का इस्तेमाल करना संभव होगा, यह दावा भी किया गया है।

वैश्‍विक स्तर पर तकनीकी क्षेत्र में जारी होड़ में वर्चस्व स्थापित करने के लिए एवं खुले एवं मुक्त समाज व्यवस्था को बचाने के लिए एआय क्षेत्र का द्विपक्षीय सहयोग आवश्‍यक साबित होगा, यह बयान भी आयोग ने किया है। इसके लिए अमरीका ने विश्‍व की बड़ी जनतंत्रों में से एक भारत के साथ तकनीकी क्षेत्र में सहयोग स्थापित करना अहम है, यह सिफारिश आयोग ने की है। अमरीका ने अपनी इंडो-पैसेफिक नीति के अनुसार भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए भी आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स का इस्तेमाल करें, यह आवाहन भी नैशनल सिक्युरिटी कमिशन ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स ने किया है। यूए इंडिया स्ट्रैटेजिक टेक अलायन्स के तहत अमरीका ने भारत के साथ ‘एआय’ क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान एवं विकास प्रकल्प शुरू करने होंगे, यह बात भी आयोग ने कही है। इस क्षेत्र की कुशलता का आदान-प्रदान, निवेश, तकनीक से संबंधित घटकों के निर्यात, बौद्धिक संपत्ति एवं गलत जानकारी का फैलाव रोकने के लिए ‘एआय’ का इस्तेमाल करने जैसे कई प्रावधान भारत-अमरीका सहयोग का हिस्सा बन सकते हैं, यह बात भी इस रपट में कही गई है।

india-us-allianceबीते कुछ वर्षों में भारत ने उत्पादन एवं तकनीक के क्षेत्र में बढ़त बनाने के लिए जोरदार कोशिश शुरू की है। कोरोना की महामारी की पृष्ठभूमि पर चीन के विरोध में माहौल निर्माण हो रहा है तभी भारत ने इन कोशिशों की गति अधिक बढ़ाई है और इसमें ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स’ जैसी प्रगत तकनीक का भी समावेश है। मई महीने में भारत सरकार ने ‘नैशनल आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स पोर्टल ऑफ इंडिया’ लौन्च किया था। यह पोर्टल भारत के आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स क्षेत्र के लिए ‘वन स्टॉप डिजिटल प्लैटफॉर्म’ के तौर पर काम कर रहा है। इससे पहले भारत ने ‘रिस्पॉन्सिबल आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स फॉर यूथ’ नामक योजना भी शुरू की थी। इस क्षेत्र के वैश्‍विक गुटों के देशों के साथ साझेदारी करने के लिए भी भारत ने पहल की है और हाल ही में जापान के साथ किया हुआ समझौता इसकी पुष्टि करनेवाला साबित होता है।

बीते कुछ वर्षों में चीन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स क्षेत्र में काफी बढ़त बनाई है और यह देश इसके वैश्विक क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। चीन की इन गतिविधियों को रोकने के लिए अमरीका ने भी गतिविधियां शुरू की हैं और भारत के साथ सहयोग स्थापित करना इसमें निर्णायक कदम साबित हो सकता है, यह संकेत अमरिकी आयोग की रपट से प्राप्त हो रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.