भारत, अमरिका, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया चीन के ओबीओआर को चुनौती देने की तैयारी मे

सिडनी: चीन के महत्वाकांक्षी ‘वन बेल्ट वन रोड’ (ओबीओआर) प्रकल्प को प्रत्युत्तर देने की तैयारी भारत, अमरिका, ऑस्ट्रेलिया एवं जापान इन देशों ने की है। ऑस्ट्रेलिया के वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में जानकारी उजागर कर के अंतरराष्ट्रीय माध्यम सृष्टि का ध्यान केंद्रित किया है। पिछले कई दिनों से चीन के ओबीओआर प्रकल्प पर अमरिका एवं यूरोपीय देश स्पष्ट तौर पर टीका करने लगे हैं और यह प्रकल्प चीन के वसाहतवाद की धारणा होने का भाग है, ऐसा आरोप शुरू हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलियन अधिकारी ने उजागर की जानकारी महत्वपूर्ण है।

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ऑस्ट्रेलिया में प्रसिद्ध हुए एक रिपोर्ट की पृष्ठभूमि पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर माध्यमों को यह जानकारी दी है। अमरिका, जापान और भारत की सहायता से ऑस्ट्रेलिया चीन के ओबीओआर प्रकल्प को विकल्प ठहरेगा, ऐसा प्रकल्प हाथ लेने पर विचार कर रहा है, ऐसा अधिकारी ने कहा है। पर इस बारे में चर्चा अभी भी आगे नहीं गयी है। इस की वजह से ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुलके अगले हफ्ते में अमरिका भेंट में इस बारे में घोषणा होने की आशंका नहीं है, ऐसा अधिकारी ने स्पष्ट किया है। पर अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टर्नबुल की चर्चा का यह मुद्दा हो सकता है, ऐसे संकेत अधिकारी ने दिए हैं।

इस संभाव्य प्रकल्प की तरफ ‘ओबीओआर’ की स्पर्धा के तौर पर न देखा जाए बल्कि ओबीओआर को विकल्प के तौर पर  देखा जाए, ऐसी सलाह इस अधिकारी ने माध्यमों को दी है। तथा चीन अरबों डॉलर्स का निवेश कर रहे ‘ओबीओआर’ प्रकल्प व्यवहार्य न होकर उस का चीन को बड़ा आर्थिक लाभ नहीं मिलेगा। पर ऑस्ट्रेलिया, अमरिका जापान और भारत विचार कर रहे यह प्रकल्प व्यवहार्य होकर एवं उस दृष्टी उस की रचना की जाएगी, ऐसा अधिकारी का कहना है। इस अधिकारी ने दिए जानकारी के बाद जापान की कॅबिनेट सचिव योशिहिदा सुगा से माध्यमों ने प्रश्न पूछे है।

इन प्रश्नों पर बोलते हुए योशिहिदा ने जापान, अमरिका, ऑस्ट्रेलिया एवं भारत हमेशा ऐसे स्वरूप के प्रकल्पों पर विचार विनिमय करते हैं, ऐसा स्पष्ट किया है। मुख्य तौर पर इस प्रकल्प की आशंका पर योशिहिदा ने इनकार नहीं किया है। इस की वजह से जल्द ही इस प्रकल्प के बारे में अधिक खुलासा होने की गहरी आशंका सामने आ रही है। पिछले कई दिनों से ओबीओआर प्रकल्प की टीका तीव्र होने के बात दिखाई दे रही है। प्रमुख यूरोपीय देश ‘ओबीओआर’ प्रकल्प चीन के अन्य देशों पर महत्वकांक्षा दिखाने की वृद्धि से उदय में आने की बात जर्मनी के विदेश मंत्री ने हाल ही में कही थी। तथा फ्रान्स के राष्ट्रपति मॅक्रोंन ने भी इस प्रकल्प पर टीका की थी। अमरिका चीन का यह प्रकल्प अन्य देशों के सार्वभौमत्व को आवाहन देनेवाला होने का दावा कर रहा है।

इस पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलियन अधिकारी से मिली जानकारी एवं जापान की कॅबिनेट सचिव ने दिए उस पर प्रतिक्रिया चीन के ओबीओआर प्रकल्प को बडी चुनौती देने का संदेश दे रही है।

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