उघुरवंशी इस्लामधर्मियों पर अत्याचार कर रहे चीन को अमरिका और जर्मनी ने धमकाया

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरसंयुक्त राष्ट्रसंघ: उघुरवंशी इस्लाधर्मियों को अपने झिंजियांग प्रांत के शिविर में रखनेवाले चीन को अमरिका और जर्मनी ने कड़े बोल सुनाएं हैं| बंद दरवाजे के आड़ हुई संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद की बैठक में अमरिका एवं जर्मनी के राजदूत ने इस मुद्देपर चीन का समाचार लिया है| यह अपने देश का अंतर्गत मामला होकर चीन के राजदूत मा झाओकसू ने इन आरोपों को उत्तर दिया है| पर अमरिका एवं जर्मनी ने इस मामले में चीन की धज्जियां उड़ाने की जानकारी एक राजनैतिक अधिकारी ने उजागर की है|

‘एज्युकेशनल ट्रेनिंग सेंटर’ के नाम पर निर्माण किए इन शिविरों में चीन ने लाखों उघुरवंशी इस्लामधर्मियों को कैद करके रखा है| उघुरवंशियों को कट्टरपंथियों के प्रभाव से बाहर निकालने के लिए यह कार्रवाई होने का बचाव चीन से किया जा रहा है| तथा उघुरवंशियों पर योग्य ध्यान दिया जा रहा है, ऐसा दावा भी चीन ने किया है| पर वास्तव में परिस्थिति बहुत अलग होकर इन शिविरों में उघुरवंशियों पर दबाव बढ़ रहा है, ऐसा उजागर हुआ है| इस समुदाय की धार्मिक पहचान मिटाने के लिए चीन का प्रयत्न होने की आलोचना दुनिया भर से हो रही है|

उघुरवंशियों के साथ ही चीन अपने देश के कजाक, किर्गिस वंश के इस्लाम धर्मियों पर भी अत्याचार कर रहा है, यह आरोप संयुक्त राष्ट्रसंघ में अमरिकी राजदूत जोनाथन कोहेन ने किया है| तथा जर्मनी के राजदूत ने चीन की इन कारवाईयों पर कड़े शब्दों में निषेध जताया है| पर यह चीन की अंतर्गत बात है एवं दूसरे देशों को इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार ना होने का दावा चीन के राजदूत मां झाओकसू ने किया है| अमरिका एवं जर्मनी के राजदूत ने चीन का यह दावा ठुकराया है|

इससे पहले भी चीन अपने झिजियांग प्रांत में इस्लामधर्मियों पर अत्याचार कर रहा है, ऐसी खबरें प्रसिद्ध हुई थी| इसपर अमरिका ने जोरदार आलोचना की थी| अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने इन कारवाईयों पर प्रकाश डालते हुए चीन की समस्या बढ़ाई थी|

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