खाडी क्षेत्र में बने तनाव की पृष्ठभूमि पर अमरिका के ‘एफ-३५’ विमानों ने भरी यूएई की दिशा में उडान

उताह – अमरिका के ‘एफ-३५’ विमानों का बेडा संयुक्त अरब अमिरात (यूएई) की दिशा में निकल चुका है| कुछ दिन पहले ही अमरिका की विशाल यूएसएस अब्राहम लिंकन यह विमान वाहक युद्धपोत इस समुद्री क्षेत्र में दाखिल हुई थी| अमरिका ने ईरान के विरोध में लष्करी गतिविधियां गतिमान की है और ‘एफ-३५’ विमान यूएई में तैनात करना अमरिका की इसी तैयारी का भाग होने की बात  दिख रही है|

यूएई के विदेशमंत्री शेख अब्दुल्लाह बिन झईद अल नह्यान ने शुक्रवार के दिन अमरिका की यात्रा करके विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ से भेंट की| पोम्पिओ और शेख अब्दुल्लाह की भेंट के दौरान ईरान एवं अन्य प्रादेशिक मुद्दों पर बातचीत हुई| पर्शियन खाडी में ईरान से हो रही विस्फोटक हरकतें और हौथी बागियों के हमलों पर दोनों देशों के नेताओं ने लंबी बातचीत की है, यह बात अमरिकी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट की| उनकी इस भेंट के बाद ही उताह प्रांत में स्थापित अमरिका  के हवाई अड्डे से ‘एफ-३५’ विमानों का बेडा यूएई की दिशा में निकल पडा है, यह दावा भी होने लगा है|

एक स्क्वाड्रन में १८ विमान शामिल होते है| ‘एफ-३५’ यह दुनिया में सबसे अधिक प्रगत लडाकू विमान होने की बात हो रही है| पांचवे वर्ग के यह स्टेल्थ विमान काफी तेजी से सफर करने की क्षमता रखते है और इन विमानों पर सबसे अधिक भेदक मिसाइल और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध की तकनीक तैनात है| यह विमान व्हर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिंग करने की क्षमता भी रखते है और इसी कारण इन विमानों के लिए बडी मांग है| पर, इस एक विमान की किमत १२ करोड डॉलर्स तक है| ऐसे इन विमानों की किसी भी देश में हुई तैनाती सबसे बडा इशारा समझा जाता है|

पिछले महीने में अमरिका ने कतार में स्थापित ‘सेंटकॉम’ का लष्करी अड्डा अन्य जगह पर स्थानांतरित किया था| इस लष्करी अड्डे पर रखे लडाकू एवं गश्ती विमान अमरिका ने वापिस बुलाए थे| पर पिछले कुछ दिनों से अमरिका ने खाडी क्षेत्र में अपनी सेना तैनाती बढाई है| चार दिन पहले ही अमरिका की यूएसएस अब्राहम लिंकन यह विमान वाहक युद्धपोत पर्शियन खाडी में दाखिल हुई है और यह युद्धपोत बाहरिन के बंदरगाह में तैनात होगी| इसके कुछ ही घंटे बाद अमरिका के ‘एफ-३५’ विमानों का बेडा यूएई पहुंच रहा है| इसके अलावा अमरिका के तीन हजार सैनिक सुरक्षा यंत्रणा के साथ सौदी अरब में तैनात हो रहे है| ईरान से बने खतरे को ध्यान में रखकर अमरिका ने यह तैनाती की दिख रही है|

अमरिका के लष्करी अड्डे एवं सुरक्षा यंत्रणा के लिए अपनी जमीन देनेवाले खाडी देश ईरान के हमलों का लक्ष्य साबित होंगे, यह धमकी ईरान ने पहले ही दी है| ईरान की इस धमकी की ओर अमरिका काफी गंभीरता से ध्यान देता दिख रही है|

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