झिंजियांग, हाँगकाँग के मुद्दे पर अमरीका ने चीन के सामने जताई चिंता

झिंजियांगवॉशिंग्टन/बीजिंग – झिंजियांग में उइगरवंशी और हाँगकाँग में जनतंत्र के समर्थन में उतरे प्रदर्शनकारियों पर चीन ने की हुई कार्रवाई पर विश्‍वभर से तीव्र प्रतिक्रियाएं दर्ज़ हो रही हैं। चीन की इन कार्रवाईयों के खिलाफ ‘इंटर पार्लमेंटरी अलायन्स ऑन चायना’ नामक गुट ने कार्रवाई करने की माँग की। इसी बीच यूरोपिय महासंघ और इस्लामी देशों के गुट भी चीन के विरोध में स्वर आलाप रहे हैं। ऐसी स्थिति में अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने चीन के नेताओं से बातचीत करके झिंजियांग और हाँगकाँग के मुद्दों पर चिंता जताई। चीन के विरोध में सख्त भूमिका अपनाने के बजाय बायडेन प्रशासन नर्म भूमिका अपनाता हुआ दिख रहा है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर के ‘एम्नेस्टी इंटरनैशनल’ नामक मानव अधिकार संगठन ने दो दिन पहले ही चीन ने झिंजियांग में उइगरवंशियों के खिलाफ की हुई कार्रवाई की रपट जारी की थी। उइगर और अन्य अल्पसंख्यांकों को कैद करके चीन उन पर योजनाबद्ध अत्याचार कर रहा है, यह आरोप इस संगठन ने लगाया। उइगरवंशी एवं अन्य अल्पसंख्यांकों के लिए झिंजियांग नरक समान स्थान हो गया है, यह आरोप इस रपट में लगाया गया है।

झिंजियांगइस रपट के बाद उइगरवंशियों का गुलामों की तरह इस्तेमाल कर रही चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के खिलाफ आक्रामक भूमिका अपनाने का आवाहन ‘इंटर पार्लमेंटरी अलायन्स ऑन चायना’ नामक गुट ने ‘जी ७’ देशों से किया है। ब्रिटेन में जारी ‘जी ७’ बैठक की पृष्ठभूमि पर यह आवाहन किया गया है। यूरोपिय महासंघ ने भी उइगरवंशिंयों का मुद्दा रेखांकित करके चीन की कड़ी आलोचना की थी। इसके अलावा दो दिन पहले इस्लामी देशों के गुटों ने भी चीन के उइगरवंशियों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ उठाई थी।

पूरा विश्‍व चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के अत्याचारों के विरोध में सख्त भूमिका अपना रहा है और ऐसे में विश्‍व का नेतृत्व कर रही अमरीका भी चीन के विरोध में कड़ी भूमिका अपनाने की उम्मीद थी। अमरीका के विदेशमंत्री ब्लिंकन झिंजियांगने शुक्रवार के दिन चीन की विदेश नीति के प्रमुख यांग जिएची के साथ फोन पर बातचीत की। इस दौरान झिंजियांग में उइगरवंशियों के हुए नरसंहार और मानवता विरोधी अपराध एवं हाँगकाँग में जनतांत्रिक मुल्यों के हो रहे नुकसान पर चिंता जताई, यह बात अमरीका के विदेश मंत्रालय ने घोषित की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच विवाद होने की जानकारी कुछ वृत्तसंस्थाओं ने प्रदान की है।

मानव अधिकारों पर पुख्ता भूमिका अपना रहे बायडेन का प्रशासन चीन द्वारा हाँगकाँग, झिंजियांग एवं तिब्बत में हो रहे मानव अधिकारों के उल्लंघन को नजरअंदाज कर रहा है, ऐसे आरोप लगाना शुरू हुआ है। मानव अधिकारों के हनन का मुद्दा उठाकर चीन में आयोजित हो रहे विंटर ओलिम्पिक का अमरीका बहिष्कार करे, यह माँग रिपब्लिकन पार्टी के नेता कर रहे हैं। इस पर बायडेन प्रशासन ने रिस्पान्स नहीं दिया है। इसके बजाय मानव अधिकारों के मुद्दों पर चिंता जताकर बायडेन प्रशासन चीन के विषय में सख्त भूमिका अपनाने के बजाय समय की बर्बादी करता हुआ दिखाई दे रहा है।

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