अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अमरीकी डॉलर भरोसेमंद नहीं रहा – रशियन वित्तमंत्री का दावा

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मॉस्को – अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले व्यापार में अमरिकी डॉलर भरोसेमंद नहीं रहा है। ऐसा दावा करके इसके आगे रशिया अमरिकी डॉलर के व्यवहारों पर निर्भर नहीं रहने वाला है। ऐसी चेतावनी रशिया के वित्तमंत्री एंटोन सिल्युनोव ने दी है। रशिया ने अपनी अर्थव्यवस्था में अमरिकी डॉलर का स्थान नीचे लाया है और आने वाले समय में अमरिकी अर्थव्यवस्था और अमरिकी बॉण्ड में निवेश भी घटाया जाएगा, इस बात को सिल्युनोव ने स्पष्ट किया है। पिछले हफ्ते में, अमरिका ने रशिया पर प्रतिबन्ध लगाए तो वह आर्थिक युद की घोषणा होगी, ऐसी तीव्र चेतावनी रशिया के प्रधानमंत्री दिमित्री मेदेवेदेव्ह ने दी है।

रशियन न्यूज़ चैनल को दिए साक्षात्कार में, सिल्युनोव ने, सीधे शब्दों में रशिया अमरिकी डॉलर्स में चल रहे व्यवहारों से बाहर निकलने की तयारी में होने के संकेत दिए हैं।

‘रशिया इन दिनों अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और उससे संबंधित व्यवहार रुबल, यूरो और युआन मुद्राओं में कर रहा है। इसके परिणाम अमरिकी निवेशकों के सहन करने पड़ेंगे। इंधन के बहुतांश व्यवहार अभी भी डॉलर में हो रहे हैं। रशिया डॉलर को विकल्प निर्माण कर सकता है। रशिया की तरफ से किया जाने वाला इंधन आपूर्ति का भुगतान यूरो और अन्य मुक्त मुद्राओं में स्वीकार किया जा सकता है।यह संभावना हम नकारते नहीं हैं’, ऐसा रशियन वित्तमंत्री ने कहा है।

सिल्युनोव ने इस दौरान अमरिका ने रशिया पर लगाए प्रतिबंधों पर भी नाराजगी जताई है। अमरिका ने लगाए हुए प्रतिबन्ध कटु होते हुए भी रशिया के लिए खतरनाक नहीं है, ऐसा सिल्युनोव ने कहा है। सिल्युनोव ने दिये साक्षात्कार से पहले रशिया के एक संसद सदस्य ने भी अमरिकी डॉलर्स में व्यवहार पूरी तरह से रोकने के बारे में वक्तव्य किया था। सिनेटर इगोर मोरोझोव ने, रशिया अपने सभी सहकारी और भागीदार देशों ने एकजुट होकर डॉलर में व्यवहार रोकने का निर्णय लेना चाहिए, ऐसा आवाहन किया है। हाल ही में हुए ब्रिक्स देशों की परिषद में भी रशिया ने इस बारे में स्पष्ट भूमिका रखने का दावा उन्होंने किया है।

‘अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा के तौर पर रशिया का डॉलर को विरोध नहीं है। लेकिन अमरिका डॉलर का हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है, उस वजह से डॉलर पर से भरोसा कम होता जा रहा है’, ऐसा कहकर रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने दुनिअभर के निरीक्षक और अर्थशास्त्रियों ध्यान आकर्षित किया था। रशिया ने पिछले कुछ महीनों में अमरिकी कर्ज रोखों में निवेश कम किया है और जून महीने के अंत में वह १५ अरब डॉलर्स के भी नीचे गिरने की बात सामने आई थी।

दौरान, रशिया सोने के आरक्षित भंडारों के साथ चीन की युआन मुद्रा को प्राधान्य दे रहा है। रशिया के पास के आरक्षित सोने का भंडार लगभग दो हजार टन के पास जा पहुंचा है। विदेश मुद्रा भंडार को ध्यान में रखा जाए तो रशिया के पास का आरक्षित सोने का भंडार लगभग १८ प्रतिशत तक पहुंचा है।

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