कोरोना का टीका उपलब्ध होने का बाद अमरिकी ‘डॉलर’ की गिरावट संभव – नामांकित वित्तसंस्था ‘सिटीबैंक’ का दावा

वॉशिंग्टन – अगले कुछ महीनों में उपलब्ध हो रहा कोरोना का टीका और इस महामारी की पृष्ठभूमि पर अमरीका ने बरकरार रखी हुई आर्थिक नीति (क्रेडिट पॉलिसी) की वजह से अगले वर्ष अमरिकी ‘डॉलर’ की २० प्रतिशत गिरावट हो सकती है, यह दावा नामांकित वित्तसंस्था ‘सिटीबैंक’ ने किया है। कुछ महीने पहले ही अमरीका के शीर्ष निवेशक पीटर शिप ने भी डॉलर की गिरावट होने का अनुमान व्यक्त करके, ‘डॉलर’ का स्थान ‘सोना’ प्राप्त कर सकता है, यह बयान किया था। कोरोना की पृष्ठभूमि पर, अमरिकी अर्थव्यवस्था पटरी पर आने की बात शेअर बाज़ार में हुए कारोबार एवं अन्य आँकड़ों से सामने आयी थी। इस पृष्ठभूमि पर सिटीबैंक जैसीं नामांकित वित्तसंस्था ने, ‘डॉलर’ की गिरावट होगी, यह दावा करना ग़ौरतलब साबित हो रहा है।

‘डॉलर’

अमरीका में कोरोना संक्रमितों की संख्या १.१६ करोड़ पर जा पहुँची है और ढ़ाई लाख से भी अधिक कोरोना संक्रमितों की मृत्यु हुई है। अमरीका के अलग अलग प्रांतों में इस महामारी की दूसरीं लहर उठने की बात भी स्पष्ट हो रही है और इसका फैलाव रोकने के लिए आपातस्थिति एवं लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। ये गतिविधियाँ जारी होते हुए, बीते कुछ दिनों में कोरोना का टीका विकसित करने की कोशिशों में जुटी तीन बड़ी कंपनियों ने, अपना टीका अधिक प्रभावी होने के दावे किए हैं।

‘डॉलर’

इन कंपनियों में अमरीका की ‘मॉडर्ना’, ‘फायझर’ एवं ब्रिटेन स्थित ‘ऐस्ट्राझेनेका’ कंपनी का समावेश है। तीनों कंपनियों ने, अपना टीका ९० प्रतिशत और उससे भी अधिक प्रभावी होने का दावा करके, आवश्‍यक यंत्रणाओं की अनुमति प्राप्त करने पर इस वर्ष के अन्त तक करोड़ों डोस तैयार कर सकेंगे, यह बात कही है। इन कंपनियों के अलावा रशिया और चीन ने भी अपना टीका अंतिम चरण में है और इस टीके का निर्माण करने की तैयारी होने की बात कही है। कोरोना के टीके के बारे में हुए इन दावों की वजह से अगले वर्ष से प्रमुख देशों में कोरोना के टीकाकरण की शुरूआत होगी, ऐसा माना जा रहा है।

‘डॉलर’

इस पृष्ठभूमि पर गौर करें, तो सिटीबैंक का दावा अहमियत रखता है। अपने दावे में हालाँकि सिटीबैंक ने निश्चित कारण नहीं बताए हैं, फिर भी बैंक ने ऐसा कहा है कि अमरीका के साथ विश्‍वभर में व्यापक स्तर पर शुरू हो रहा टीकाकरण, डॉलर की गिरावट को गति देनेवाला साबित होगा। यह दावा करते समय अमरीका की केंद्रीय ‘फेडरल रिज़र्व्ह’ बैंक मौजूदा आर्थिक नीति में बदलाव नहीं करेगी और आवश्‍कता के अनुसार अधिक से अधिक आर्थिक निधी अर्थव्यवस्था में उतारने की प्रक्रिया जारी रखेगी, यह संभावना भी इस विचार में रखी है।

अगले कुछ वर्षों में अमरिकी डॉलर असफल साबित होगा या उसकी गिरावट होगी, ऐसें दावें अलग अलग वित्तसंस्थाओं, विश्‍लेषकों एवं आर्थिक विशेषज्ञों ने किए हैं। इसके पीछे, चीन और रशिया जैसें प्रमुख देशों ने, डॉलर को निकाल बाहर करने की दिशा में शुरू की हुई कोशिश प्रमुख कारण होने की बात कही गई है। अमरीका के मित्रदेश कहे जानेवाले युरोपिय देश भी, डॉलर के अलावा अन्य चलनों का, विकल्प के तौर पर विचार कर रहे हैं यह बात भी सामने आयी है। लेकिन, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और अन्य अधिकारियों ने लगातार, डॉलर ही विश्‍व का सबसे मज़बूत चलन होने का भरोसा दिलाया है।

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