अमरिकी कंपनियों ने किया भारत में ४० अरब डॉलर्स का निवेश

नई दिल्ली/वॉशिंग्टन – भारत में इस साल अब तक अमरिकी कंपनियों ने ४० अरब डॉलर्स से ज़्यादा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआय) किया है। कोरोनावायरस के संकट के समय में भी अमरिकी कंपनियों ने भारत में किया यह भारी निवेश उल्लेखनीय है। यह अमरिकी कंपनियों का भारतीय बाज़ार पर बढ़्ता विश्वास रेखांकित करता है। उसी समय भारत में अमरिकी कंपनियों ने किये हुए निवेश की मिसाल देकर, भारत चीन के बड़े प्रतियोगी के रूप में उभरने का दावा, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के वित्तीय सलाहकार लॅरी कुडलो ने किया है।

India-US-investment‘यूएस-इंडिया स्ट्रॅटेजिक अँड पार्टनरशीप फोरम’ (यूएसआयएसपीएफ) इस व्यापार सलाहकार गुट ने किये हुए दावे के अनुसार, अमरिकी कंपनियाँ भारतीय बाज़ार तथा यहाँ के नेतृत्व पर विश्वास दिखा रही हैं। इस कारण जागतिक अर्थव्यवस्था पर गंभीर परिणाम करनेवाले कोरोना के संकट के समय में भी, अमरीका से भारी निवेश भारत में आया है। इस साल में अब तक ४० अरब डॉलर्स से अधिक निवेश अमरिकी कंपनियों ने किये होने का दावा ‘यूएसआयएसपीएफ’ ने किया है।

पिछले कुछ हफ़्तों में ही २० अरब डॉलर्स का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश अमरिकी कंपनियों ने भारत में किया है, इस बात की तरफ ‘यूएसआयएसपीएफ’ के अध्यक्ष मुकेश आघी ने ध्यान आकर्षित किया है। गुगल, फेसबुक, वॉलमार्ट जैसीं कंपनियों ने निवेश किया है। फिलहाल भारत अमरिकी कंपनियों के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य देशों के लिए भी आकर्षक निवेश केंद्र साबित हो रहा है। खाड़ी देशों से भी भारत में निवेश बढ़ गया है, ऐसा आघी ने कहा है।

इससे यही साबित होता है कि निवेशकों के लिए भारत अब भी आकर्षक बाज़ार मंड़ी है, ऐसा दावा भी आघी ने किया। भारत सरकार से निवेश के नियमों को सरल बनाया जा रहा है। घरेलू उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इन नीतियों का प्रभाव दिखाई दे रहा है, ऐसा उन्होंने कहा है। अमरिकी कंपनियों को चीन से बाहर निकलना चाहिये, ऐसी चेतावनी ट्रम्प प्रशासन ने दी होने के बाद, भारत में हो रहे इस निवेश का महत्व बढ़ गया है।

गुरुवार के दिन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के वित्तीय सलाहकार लॅरी कुडलो ने भी, अमरिकी कंपनियों के लिये भारत निवेश का आकर्षक केंद्र साबित होने का दावा किया। भारत में गुगल, फेसबुक, अमॅझॉन इन जैसीं कंपनियों ने किये हुए निवेशों का हवाला देकर, अमरिकी कंपनियों का विश्वास चीन ने खोया होने की तथा उस समय भारत चीन का प्रतियोगी बनकर सामने आने की बात कुडलो ने कही है। भारत ने कॉर्पोरेट टॅक्स में कटौती करने की वजह से भारत निवेशकों के लिये आकर्षक केंद्र बनेगा, ऐसा कुडलो ने कहा है।

इसी दौरान, १० जुलाई को समाप्त हुए हफ़्ते में, भारत का विदेशी मुद्रा भंड़ार ५१६ अरब डॉलर्स के आगे गया है। एक हफ़्ते में देश के विदेशी मुद्रा भंड़ार में ३.१ अरब डॉलर्स की बढ़ोतरी हुई है। ३ जुलाई को समाप्त हुए हफ़्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंड़ार ५१३.५४ अरब डॉलर्स था। इसमें ‘फॉरेन करन्सी ऍसेट’ के (एफसीए) रूप में २.३७२ अरब डॉलर्स की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही, सोने की क़ीमत ७१ करोड़ २० लाख डॉलर्स से बढ़ गयी है। रिझर्व्ह बँक के सोने की क़ीमत ३४.७२९ अरब डॉलर्स पर पहुँची है।

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