अमरिका से श्रीलंका को समुद्री सुरक्षा के लिए सहायता करेगी – दोनों देशों का संयुक्त निवेदन

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन – हिंद महासागर से पैसिफिक महासागर तक के क्षेत्र में शुरू चीन की गतिविधियां रोकने के लिए अमरिका ने आक्रामक भूमिका अपनाई है| इस क्षेत्र में देशों के साथ सहयोग बढाने की कोशिश अमरिका ने शुरू की है और इसके लिए अमरिका ने श्रीलंका के साथ तय उद्देश्य के लिए सहयोग बढाना शुरू किया है| अमरिकी विदेशमंत्रालय के वरिष्ठ मंत्री डेव्हिड हेल इन्होंने श्रीलंका के विदेशमंत्री तिलक मरापाना के साथ हुई बातचीत के बाद यह जानकारी दी|

श्रीलंका के विदेशमंत्री मरापाना अमरिका की यात्रा पर है| वर्तमान में अमरिका-श्रीलंका सहयोग को लेकर हो रही यह तिसरी बैठक होने की बात कही जा रही है| इस बैठक के बाद संयुक्त निवेदन प्रसिद्ध किया गया| इस निवेदन में पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता और शांति स्थापित करने के लिए एक होकर कोशिश करने की बात दोनों देशों ने तय की| खास तौर पर श्रीलंका के हंबंटोटा बंदरगाह फिलहाल चीन के कब्जे में होने से अमरिक-श्रीलंका के बीच समुद्री सुरक्षा के विषय पर हुई बातचीत अहमियत रखती है|

श्रीलंका के राजपक्षे सरकार के साथ नजदिकीयां बनाकर चीन ने श्रीलंका का सामरिक अहमियत रखनेवाला हंबंटोटा बंदरगाह प्राप्त किया था| श्रीलंका में सत्ता बदलने की बाद यह बंदरगाह चीन के कब्जे से छुडाने की कोशिश हुई| लेकिन, चीन से लिए कर्ज के शिकंजे में फंसने से श्रीलंका ने की यह कोशिश सफल नही हो सकी थी| फिलहाल यह बंदरगाह चीन के कब्जे में है| लेकिन, अब इस बंदरगाह का इस्तेमाल लष्करी कामों के लिए ना हो, यह इशारा श्रीलंका ने दिया है| इस पृष्ठभूमि पर अमरिका ने श्रीलंका के साथ समुद्री सुरक्षा के लिए कोशिश करने के लिए पहल की है और अमरिका की यह पहल काफी अहमियत रखती है|

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