अमरीका और तैवान ने किए ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट डील’ पर हस्ताक्षर

– तैवान के साथ व्यापारी समझौता करने के लिए ५० अमरिकी सिनेटर्स का पत्र

वॉशिंग्टन/तैपेई – आग्नेय कोण एशिया के साथ लैटिन अमरिका की बुनियादि सुविधाओं का विकास करने के लिए अमरीका और तैवान ने अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए। एशिया और लैटिन अमरिकी देशों की चीन पर निर्भरता कम करने के लिए यह समझौता करने की बात कही जा रही है। यह समझौता होने के दौरान ही अमरिकी संसद में तैवान के साथ व्यापारी समझौता करने की गतिविधियां शुरू हुई हैं। अमरीका के ५० सिनेटर्स ने ट्रम्प प्रशासन को पत्र देकर द्विपक्षीय समझौते के लिए बातचीत शुरू करने की माँग की है। ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर डील’ पर हस्ताक्षर और संभावित व्यापारी समझौते की गतिविधियां, अमरीका ने चीन के खिलाफ़ शुरू किए तीव्र व्यापारी और राजनीतिक संघर्ष का अहम चरण समझा जा रहा है।

taiwan-usaअमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने तैवान के साथ सहयोग करने के मुद्दे पर अधिक सक्रिय भूमिका अपनाई है। अमरीका ने तैवान में शुरू किया हुआ राजनीतिक कार्यालय, अमरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने तैवान के नेताओं से की हुई भेंट और बड रहे रक्षा सहयोग के मुद्दे ट्रम्प ने अपनाई भूमिका का हिस्सा होने की बात समझी जा रही है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने तीन दशकों के लंबे समय के बाद तैवान को लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करने का ऐतिहासिक निर्णय भी किया था। इसके बाद बीते दो महीनों में अमरीका के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने एक के बाद एक लगातार तैवान की यात्रा की थी। तैवान के साथ हुआ नया समझौता इसी नीति का अगला स्तर समझा जा रहा है।

अमरीका के तैवान में शुरू किये दूतावास के तौर पर जाने जा रहे ‘अमरिकन इन्स्टिट्यूट इन तैवान’ और ‘तैपेई इकॉनॉमिक ॲण्ड कल्चरल रिप्रेज़ेंटेटिव ऑफिस’ ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ‘फ्रेमवर्क टू स्ट्रेंथेन इन्फ्रास्ट्रक्चर फायनान्स ॲण्ड मार्केट बिल्डिंग को-ऑपरेशन’ नामक इस समझौते के माध्यम से अमरीका की आग्नेय कोण एशिया और लैटिन अमरीका में शुरू हो रहे प्रकल्पों के लिए तैवान की सहायता प्राप्त की जा रही है। साथ ही ‘ग्लोबल सप्लाई चेन’ में चीन ने स्थापित किया हुआ वर्चस्व तोड़ने के लिए विकल्प के तौर पर अन्य व्यवस्था निर्माण करने के संकेत भी दिए गए हैं। इस समझौते की वजह से तैवान को अधिकृत मंजूरी ना देनेवाले देशों के साथ तैवान के संबंध मज़बूत होने में सहायता होगी, यह दावा तैवानी सूत्रों ने किया है। इस समजौते पर हस्ताक्षर हो रहे थे तभी अमरिकी संसद में भी तैवान के साथ नज़दिकियां बढ़ाने की दिशा में कोशिश शुरू की गई है।

taiwan-usaसंसद के ५० रिपब्लिकन और डेमोक्रैटिक सिनेटर्स ने अमरिकी ट्रेड रिप्रेज़ेटेटिव रॉबर्ट लायथायज़र को पत्र दिया है। इस पत्र में अमरीका और तैवान के बीच व्यापारी समझौता आवश्‍यक होने की भूमिका अपनाई गई है और इसके लिए बातचीत शुरू करने की माँग भी की है। अमरीका खुले इंडो-पैसिफिक के लिए पहल कर रही है और इसके लिए समविचार देशों के साथ व्यापारी समझौता करना अहम है। चीन ने अपनाई गलत व्यापारी पद्धती को प्रत्युत्तर देने के लिए तैवान जैसे देश के साथ व्यापारी समझौता करना उपयुक्त साबित हो सकता है। खुला बाज़ार और निकोप प्रतियोगिता पर जोर देनेवाला तैवान जैसा देश विश्‍वासनीय व्यापारी साझेदार साबित हो सकता है, यह संदेश अन्य देशों तक पहुँचेगा, इन शब्दों में अमरिकी सिनेटर्स ने तैवान के साथ व्यापारी समझौता करने के लिए जोर दिया है। वरिष्ठ अमरिकी अधिकारी केथ क्रैक ने बीते महीने में तैवान की यात्रा के दौरान तैवान के आर्थिक एवं व्यापार विभाग के अधिकारियों से बातचीत की थी। इसके बाद व्यापारी समझौता करने की गतिविधियां शुरू होना ध्यान आकर्षित करता है।

इसी बीच, अमरीका के बाद अन्य देश भी तैवान के मुद्दे पर चीन के खिलाफ़ आक्रामक होने की बात सामने आ रही है। कुछ दिन पहले कनाड़ा की गश्‍त पोत ने तैवान की खाड़ी से यात्रा करने की जानकारी तैवान के रक्षा मंत्रालय ने सार्वजनिक की है। स्थानीय माध्यमों के दावों के अनुसार यह गश्‍त पोत अमरीका के ‘फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशन’ का हिस्सा थी। लेकिन, अमरीका या कनाड़ा ने इस पर कोई बयान दर्ज़ नहीं किया है। इससे पहले बीते वर्ष के सितंबर महीने में कनाड़ा के युद्धपोत ने तैवान की खाड़ी में यात्रा की थी। अमरीका के अलावा जापान, फ्रान्स और ऑस्ट्रेलिया के युद्धपोतों ने ‘साउथ चायना सी’ के समुद्री क्षेत्र में यात्रा करके चीन को चुनौती दी थी। इन देशों में अब कनाड़ा का भी समावेश होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

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