अफगानिस्तान के लिए अमरीका के विशेषदूत खलिलझाद ने की भारतीय विदेशमंत्री से चर्चा

नई दिल्ली, (वृत्तसंस्था) – अमरीका ने अफगानिस्तान के लिए नियुक्त किए हुए विशेषदूत झल्मे खलिलझाद ने भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर से फोन पर बातचीत की है। अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में भारत का योगदान भी अपेक्षित होने की बात खलिलझाद ने इस दौरान कही। गौरतलब है कि अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी ने, कोरोना वायरस का संकट होते हुए अफगानिस्तान को भारत ने औषधि और अनाज की सप्लाई करने पर भारत का शुक्रिया अदा किया है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के बीच बनें मित्रता के संबंधों की मिसाल देकर यह कहा है कि दोनों देश आतंकवाद के विरोध में लड रहे हैं।

फरवरीं महीने में अमरीका और तालिबान के बीच शांति समझौता हुआ है। इसके बावजूद अफगानिस्तान में तालिबान का खूनखराबा बंद नही हुआ है। रविवार के दिन अफगानिस्तान में तालिबान ने किए हमले में अफगान सुरक्षा दल के २९ सैनिक मारे गए थे। साथ ही, अमरीका और अफगान सुरक्षा दल के तालिबान पर हो रहें हमलों की मात्रा भी बढी है। शांति समझौते के बाद अमरीका और अफगान सुरक्षा दल ने अफगानिस्तान में लगभग ५ हमलें किए है, यह दावा तालिबान कर रही है। इस वजह से, अमरीका और तालिबान ने किया शांति समझौता ख़तरे में पड़ गया है। ऐसी स्थिति में विशेषदूत खलिलझाद और भारत के विदेशमंत्री के बीच हुई बातचीत ध्यान आकर्षित कर रही है।

इस चर्चा के दौरान अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया, तालिबानी आतंकियों की जेल से रिहाई, अफगानिस्तान की सियासी अस्थिरता इन मुद्दों पर गहरी बातचीत हुई। अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए, भारत ने की हुई कोशिशों का अमरीका स्वागत कर रही है, यह बयान खलिलझाद ने इस दौरान किया। भारत ने अफगानिस्तान के विकास के लिए दो अरब डॉलर्स से भी अधिक रकम का निवेश किया है। भारत आज भी अफगानिस्तान को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। अफगानिस्तान में कोरोना वायरस की महामारी फैल रही है और ऐसे में भारत ने अफगानिस्तान को हायड्रॉक्सीक्लोराक्वीन, पैरासिटामॉल और ७५ हज़ार टन गेहूँ की निर्यात की है। इसके लिए अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष ने भारत का शुक्रिया अदा किया है। इसपर बातचीत करते समय भारतीय प्रधानमंत्री ने, दोनों देशों के मित्रता के संबंधों का विशेष जिक्र करके, दोनों देश आतंकवाद के विरोध में लड रहे हैं, यह बात कही है।

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