दक्षिण कोरिया के साथ युद्धाभ्यास करने की कीमत अमरीका को चुकानी ही पड़ेगी

चीन में नियुक्त उत्तर कोरिया के राजदूत का बयान

बीजिंग/सेऊल – अमरीका और दक्षिण कोरिया के युद्धाभ्यास की सोमावर से शुरूआत हुई। यह युद्धाभ्यास पूरी तरह से कम्प्युटर सिम्युलेशन पर आधारित है और इसमें मैदानी अभ्यास का समावेश नहीं होगा। लेकिन, यह युद्धाभ्यास हम पर हमला करने की रिहर्सल होने का आरोप लगा रहे उत्तर कोरिया ने अब इसके लिए अमरीका को धमकाया है। अमरीका को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, यह इशारा उत्तर कोरिया ने दिया है। साथ ही अमरीका चीन और उत्तर कोरिया का समान शत्रु है और इसके खिलाफ दोनों देशों को एकजूट होने की आवश्‍यकता होने का निवेदन चीन में नियुक्त उत्तर कोरिया के राजदूत ने किया है।

china-threat-south-korea-us-1अमरीका और दक्षिण कोरिया की सेनाओं के नौं दिन के युद्धाभ्यास की शुरूआत हुई है। कोरोना की पृष्ठभूमि पर यह युद्धाभ्यास पूरी तरह से कम्प्युटर सिम्युलेशन पर आधारित होगा। बीते छह महीनों के दौरान अमरीका और दक्षिण कोरिया की सेनाओं का यह दूसरा युद्धाभ्यास है। इससे पहले मार्च में दोनों देशों की सेनाओं ने मैदानी युद्धाभ्यास किया था और उस युद्धाभ्यास में दोनों देशों के सैनिक बड़ी संख्या में शामिल हुए थे। लेकिन, इसकी तुलना में आकार से छोटे और कम्प्युटर सिम्युलेशन पर आधारित इस युद्धाभ्यास की वजह से उत्तर कोरिया काफी बेचैन हुआ है।

चीन में नियुक्त उत्तर कोरिया के राजदूत रि राँग-नाम ने चीनी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ के माध्यम से अमरीका और दक्षिण कोरिया के इस युद्धाभ्यास की आलोचना की। ‘यह युद्धाभ्यास उत्तर कोरिया के खिलाफ युद्ध या परमाणु युद्ध की रिहर्सल है। इस युद्धाभ्यास के ज़रिये अमरीका उत्तर कोरिया पर हमला करने की तैयारी कर रही है और इसे बिल्कुल बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगे। इसके लिए अमरीका को निश्चितरूप से कीमत चुकानी पड़ेगी’, ऐसा उत्तर कोरिया के राजदूत ने धमकाया है। कोरियन क्षेत्र में शांति बरकरार रखनी हो तो दक्षिण कोरिया से अमरीका अपनी सेना हटाए, यह माँग भी राजदूत नाम ने की है।

अमरीका और दक्षिण कोरिया के इस युद्धाभ्यास से उत्तर कोरिया के साथ चीन को भी खतरा होने का आरोप नाम ने लगाया। ‘अमरीका चीन और उत्तर कोरिया का समान शत्रु है। अमरीका सिर्फ दक्षिण कोरिया के साथ ही नहीं बल्कि आग्नेय एशिया एवं चीन के पड़ोसी देशों के साथ युद्धाभ्यास और सहयोग बढ़ा रही है। इस सहयोग के ज़रिये अमरीका चीन को घेर रही है। अमरीका की इन लष्करी गतिविधियों को रोकने के लिए चीन और उत्तर कोरिया को एकजुट होना होगा’, यह निवेदन उत्तर कोरिया के राजदूत ने किया।

बीते हफ्ते रशिया में नियुक्त उत्तर कोरिया के राजदूत सिन हाँग-शोल ने भी रशियन वृत्तसंस्था से बातचीत करते समय अमरीका के खिलाफ उत्तर कोरिया और रशिया का सहयोग बढ़ाने का निवेदन किया था। अमरीका रशिया और उत्तर कोरिया के लिए समान शत्रु होने का दावा हाँग-शोल ने किया था।

इसी बीच, चीन और रशिया ने कुछ घंटे पहले ही अमरीका के साथ तनाव की पृष्ठभूमि पर लष्करी सहयोग बढ़ाने का ऐलान किया। इन दोनों देशों का सामरिक सहयोग अमरीका और मित्रदेशों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है, यह इशारा अमरिकी अधिकारी दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में चीन और रशिया में नियुक्त उत्तर कोरिनय राजदूत ने अमरीका विरोधी गुट में शामिल होने के संकेत दिए हैं।

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