ईरान के साथ बढते तनाव की पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन की दुसरी युद्धपोत पर्शियन खाडी में दाखिल होगी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरलंदन/तेहरान: मात्र तीन दिन पहले अपने ईंधन टैंकर पर हमला करने की ईरान की कोशिश नाकाम करने में कामयाब हुए ब्रिटेन ने ईरान की यह हरकत काफी गंभीरता से देखना शुरू किया है| पर्शियन खाडी में सफर कर रहे ब्रिटीश जहाजों को ‘स्टेट ऑफ अलर्ट’ जारी करके ब्रिटेन ने अपने इन जहाजों की सुरक्षा के लिए अपनी दुसरी युद्धपोत रवाना की है| फिलहाल ‘ब्लैक सी’ में तैनात ‘एचएमएस डंकन’ अगले कुछ ही दिनों में पर्शियन खाडी में दाखिल होगी, यह जानकारी ब्रिटीश सूत्रों ने दी|

पिछले सप्ताह में यूरोप के निकटक जिब्राल्टर की खाडी में ईरान ईंधन टैंकर के विरोध में की गई कार्रवाई के बाद ब्रिटेन और ईरान के संबंध काफी बिगडे है| ब्रिटेन की इस कार्रवाई का बदला लेने की धमकी ईरान ने दी है और बुधवार के दिन पर्शियन खाडी में ब्रिटेन के ईंधन टैंकर के विरोध में नाकाम हुई कार्रवाई इन्हीं कोशिशों का हिस्सा है| यह कोशिश नाकाम होने के बाद भी ब्रिटेन या अन्य देशों के ईंधन टैंकर पर कब्जा करने का आदेश प्राप्त हुआ होता तो, हम इसपर अमल करने में हमने कभी भी देरी नही की होती, यह दावा ईरान की रिव्होल्युशनरी गार्डस् ने किया था|

इस वजह से निकट के समय में ब्रिटेन के जहाजों को फिर से ईरान लक्ष्य करने का खतरा बढा है| यह खतरा ध्यान में रखकर ब्रिटीश सरकार ने तेजी से गतिविधियां शुरू की है| पर्शियन खाडी से सफर कर रहे ब्रिटीश जहाजों को बने खतरे का स्तर ‘क्रिटिकल लेव्हल’ तर जा पहुंचने के आदेश जारी किए गए है| इस का मतलब ब्रिटेन के जहाजों पर कभी भी हमलें हो सकते है| इसी कारण इन जहाजों की सुरक्षा ब्रिटेन के लिए प्राथमिकता मुद्दा बना है|

इसके लिए ब्रिटेन की दुसरी युद्धपोत ‘एचएमएस डंकन’ पर्शियन खाडी में तैनात की जा रही है| फिलहाल यह युद्धपोत ‘ब्लैक सी’ में युद्धाभ्यास में शामिल हुई है और इसे अब पर्शियन खाडी में तैनात होने के आदेश दिए गए है| अगले सप्ताह में यह युद्धपोत पर्शियन खाडी में तैनात होगी, यह दावा ब्रिटीश सूत्रों ने किया| फिलहाल ‘एचएमएस मॉंट्रोस’ यह ब्रिटीश विध्वंसक ईरान के निकट पर्शियन खाडी में तैनात है|

इसके अलावा ब्रिटेन ने मई महीने में ही नौसेना की ‘स्पेशल फोर्सेस’ का युनिट पर्शियन खाडी में तैनात करने के लिए रवाना किया है| इन मरिन्स की सहायता करने के लिए मर्लिन हेलिकॉप्टर्स भी तैनात किए गए है और यह हेलिकॉप्टर्स ओमान के अड्डे में तैयार रखे गए है|

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