पुँछ में हुई मुठभेड़ में और दो सैनिक शहीद – दो पुलिस वालों की हत्या में शामिल ‘लश्‍कर’ के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी समेत तीन ढ़ेर

  • आतंकियों द्वारा और दो आम नागरिकों की हत्या

दो सैनिक शहीदश्रीनगर – जम्मू-कश्‍मीर के पुँछ में स्थित नर खास के जंगलों में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान और दो सैनिक शहीद हुए। शुक्रवार के दिन ही एक अफसर समेत दो लोगों ने इस मुहिम के दौरान शहादत हासिल की थी। इससे नर खास के जंगलों में जारी ऑपरेशन में अब तक कुल चार सैनिक शहीद हुए हैं। पांच दिन पहले पुँछ के जंगलों में सर्च ऑपरेशन के दौरान पांच सैनिक शहीद हुए थे। इस वजह से छह दिनों से पुंछ में ऑपरेशन में सेना के नौं सैनिक शहीद हुए हैं। दूसरी ओर जम्मू-कश्‍मीर में आतंकियों के खिलाफ जोरदार मुहिम जारी है। विभिन्न हिस्सों में मुठभेड़ हो रही है। शनिवार के दिन पंपोर में हुई मुठभेड़ में तीन आतंकी मारे गए थे। इनमें टॉप १० आतंकियों की सूचि में शामिल ‘लश्‍कर’ के आतंकी का समावेश है। साथ ही आम नागरिकों की हत्या का सत्र भी अभी थमा नही है और शनिवार के दिन और दो नागरिकों की आतंकियों ने हत्या करने का वृत्त है।

११ अक्तुबर के दिन पुंछ के मेंढ़र उप-विभाग के भिम्बर गली के करीबी गांव में सर्च ऑपरेशन करने निकले दल पर आतंकियों ने हमला किया था। इस दौरान पांच सैनिक शहीद हुए। इसके बाद इस पूरे क्षेत्र में सर्च मुहिम चलाई गई। इस दौरान नर खास के जंगलों में आतंकी और सुरक्षा बलों की मुठभेड़ हुई। इस दौरान ज्युनिअर कमिशन्ड ऑफिरसर (जेसीओ) समेत एक सैनिक शहीद हुआ था।

ऐसे में शनिवार के दिन इन्हीं जंगलों में और एक ‘जेसीओ’ समेत एक सैनिक का शव बरामद हुआ। इनमें से एक सैनिक शुक्रवार की मुठभेड़ में घायल हुआ था। इसके बाद वह लापता होने की जानकारी प्राप्त हुई। क्या इन दो सैनिकों का आतंकियों से फिर से सामा हुआ, इसकी जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। लेकिन, दो सैनिकों की शहादत के बाद पुँछ में बीते छह दिनों में ९ सैनिक शहीद हुए हैं। नायक हरेंद्र सिंह और सुबेदार अजय सिंह यह इन शहीद सैनिकों के नाम हैं। इस दुर्गम और घने जंगल में छुपे हुए आतंकियों को खोजने के लिए सेना और जम्मू-पुलिस के संयुक्त दल सर्च मुहिम चला रहे हैं।

दूसरी ओर पुलवामा जिले के पंपोर में सुरक्षा बलों ने तीन आतंकियों को ढ़ेर किया। यह तीनों आतंकी ‘लश्‍कर ए तोयबा’ से जुड़े थे। इनमें से उमर मुश्‍ताक खानडे का समावेश शीर्ष के दस मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों में था। कुछ महीने पहले सड़क के किनारे चाय पीने के लिए खड़े जम्मू-पुलिस के दो पुलिसकर्मीयों पर पीछे से गोलीबारी की गई थी। इनकी हत्या में उमर का हाथ था। उमर के साथ उसके दो साथी भी मारे गए हैं। इस वजह से बीते सात दिनों में हुई नौं मुठभेड़ों में मारे गए आतंकियों की संख्या १४ हुई है।

इसी बीच जम्मू-कश्‍मीर में फिर से १९९० के दशक की तरह अराजकता का माहौल निर्माण हो और यहां पर काम करने के लिए बाहर से नागरिक ना आने पाएं, इसी उद्देश्‍य से अन्य राज्यों से यहां पर आए हुए मज़दूरों को आतंकी लक्ष्य कर रहे हैं। बीते हफ्ते में सात आम नागरिकों की आतंकियों ने हत्या की थी। शनिवार के दिन भी आतंकियों ने दो नागरिकों की हत्या की। इनमें से एक सड़क के किनारे पानीपूरी का ठेला लगाने वाले बिहारी नागरिक का समावेश है। अरविंद कुमार नामक इस नागरिक की श्रीनगर में हत्या कर दी गई। इसके अलावा पुलवामा में सगीर अहमद नामक मज़दूर की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। अहमद उत्तर प्रदेश का मूल निवासी था।

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