आतंकी साज़िश में शामिल ‘एबीटी’ के दो दहशतगर्दों को सात वर्ष की सजा

कोलकाता – भारत में आतंकी हमला करने की साज़िश करने के मामले में बांगलादेश की आतंकी संगठन ‘अन्सारुल्ला बांगला टीम’ (एबीटी) के दो सदस्यों को ‘एनआयए’ की विशेष अदालत ने सात वर्ष की सजा सुनाई है।

abt-terroristsभारत में आतंकी गतिविधियां करने के लिए ‘एबीटी’ के दहशतगर्दों ने २०१६ में घुसपैठ की थी। भारत में दाखिल होने के बाद यह आतंकी हैद्राबाद, पुणे और मुंबई में रहे थे। वे इन शहरों में मज़ूर बनकर काम कर रहे थे। उन्होंने पटना की एक दूकान से रसायन, और कोलकाता से हथियार एवं बारूद प्राप्त करने की कोशिश की थी। नवंबर २०१७ में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

उनसे सियालदाह रेल्वे स्टेशन का नक्शा, हावड़ा ब्रिज, विस्फोटक और बम बनाने का सामान, जाली आधार कार्ड, पैन कार्ड बरामद किए गई थे। आतंकी गतिविधियों के मामले में गिरफ्तारी हुई ‘एबीटी’ के आतंकियों में से चार बांगलादेशी और एक भारतीय नागरिक था। १ मार्च, २०१८ के दिन यह मामला एनआयए के हाथों में सौंपा गया था।

एनआयए की अदालत ने आतंकी हमले की साज़िश के मामले में दो आतंकियों को सजा सुनाई गई। इनमें बांगलादेश के जेसोर ज़िले का निवासी सहादत हुसैन (२६) और ढाका का निवासी उमर फारूकी (२७) को सजा दी गई। इन दोनों को ‘आयपीसी’ और अवैध कृति प्रतिबंधक कानून (यूएपीए) की अलग अलग धाराओं के तहेत दोषी करार दिया गया। अदालत ने हुसेन को २६ हज़ार और फारूकी को ३३ हज़ार रुपये जुर्माना भरने की सजा भी सुनाई है।

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