सिरिया में अमरिका ने कब्जा किये क्षेत्र में तुर्की सबसे बडी लष्करी कार्रवाई करेगा – तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की घोषणा

Third World Warअंकारा – उत्तर सिरिया से बहने वाले ‘यूफ्रेट्स नदी’ के पूर्वी भाग में सबसे बड़ी आतंकवादी विरोधी कार्रवाई शुरू करने की बात तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने घोषित की है। इस भाग में प्रभाव होने वाले कुर्द बागियों के विरोध में यह कार्रवाई होगी, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने स्पष्ट किया है। यूफ्रेट्स नदी के पूर्वी भाग पर अमरिका के लष्कर का नियंत्रण होकर सिरिया में कुर्दों को अमरिका का समर्थन है। जिसकी वजह से तुर्की का कुर्दों पर यह हमले मतलब तुर्की की अमरिका को चुनौती हो सकती है।

अमरिका ने सिरिया के संघर्ष में कुर्द बागियों से किए सहयोग से अमरिका एवं तुर्की में निर्माण हुआ विवाद, आज भी झुलस रहा है, ऐसा एर्दोगन की घोषणा से स्पष्ट हो रहा है। २ दिनों पहले एक बैठक में बोलते हुए तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने सिरिया में कार्रवाई की जानकारी दी है। तुर्की के लष्कर ने सिरिया के उत्तरी भाग में आतंकवादी संघर्ष शुरू किया है और आनेवाले समय में इस संघर्ष की व्याप्ति बढ़ाई जाएगी ऐसा एर्दोगन ने कहा है। सिरिया में इस कार्रवाई की तैयारी पूर्ण हुई है और यूफ्रेट्स नदी के पूर्वी भाग में छुपे हुए आतंकवादियों को जल्दी नष्ट कर देंगे, ऐसी चेतावनी दी है।

राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन इनके घोषणा को कुछ ही घंटे पहले तुर्की के लष्कर ने सिरिया में कुर्दिस्तान पीपल्स प्रोटेक्शन पार्टी (वायपीजी) जगहों पर हमले किए थे। इससे पहले तुर्की के लष्कर ने वायपीजी के बागियों को रशिया का नियंत्रण होनेवाले यूफ्रेट्स नदी के पश्चिमी भाग से पूर्व की तरफ खदेड़ा था। पर आगे की कार्रवाई में तुर्की उत्तर सिरिया मार्ग से यूफ्रेट्स नदी के पूर्वी भाग में दाखिल होकर इन कुर्द बागियों पर हमले करने की बात एर्दोगन की घोषणा से स्पष्ट हो रही है।

राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन, लष्करी कार्रवाई, यूफ्रेट्स नदी, तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष, घोषणा, तुर्की, अमरीका, रशियातुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने कि हुई यह घोषणा अमरिका को चेतावनी होने का दावा किया जा रहा है। सिरिया में वायपीजी यह संघटना तुर्की के कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी पीकेके इस राजनीतिक पक्ष से संबंधित होने का आरोप तुर्की ने किया था। तुर्की ने पीकेके इस संगठन को आतंकवादी घोषित किया है और इस संगठन को सहायता करनेवाली वायपीजी भी आतंकवादी होने की बात तुर्की ने कही है। ऐसा होने पर अमरीका से वायपीजी को मिलने वाला समर्थन तुर्की के एकता को चुनौती देने वाला है, ऐसा आरोप तुर्की के नेताओं से किया जा रहा है।

पर अमरिका ने तुर्की के इन आरोपों की परवाह ना करते हुए वायपीजी को सहायता शुरू रखी है। मुख्य तौर पर इस संघटना को आतंकवादी नहीं माना जा सकता, ऐसा स्पष्ट करके अमरिका ने तुर्की को फटकारा था। इसकी वजह से सिरिया में अस्साद प्रशासन हटाने पर एकमत होने वाले अमरिका और तुर्की का कुर्द बागियों के संगठन पर तीव्र मतभेद होने की बात दुनिया के सामने आ रही है।

पर पिछले कई दिनों से अमरिका और तुर्की, सिरिया के प्रश्न पर एक होने के संकेत मिल रहे थे। दोनों देशों के सैनिकों ने सिरिया में कुछ भाग में संयुक्त गश्ती करने का निर्णय लिया था और उसके बाद रशिया, जर्मनी, फ्रान्स एवं तुर्की के राष्ट्र प्रमुख की इस्तांबुल में सिरिया विषयक बैठक हुई है और इस बैठक के बाद तुर्की की भूमिका में फिर एक बार बदलाव होने के चिन्ह दिखाई देने लगे हैं। तुर्की ने अमरिका के नियंत्रण में होनेवाले पूर्व विभागों पर हमले करने की घोषणा करके अमरिका को चेतावनी देने की बात दिखाई दे रही है।

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