‘तुर्की’ यानी खाड़ी क्षेत्र को अस्थिर करनेवाली शक्ति – इस्रायल के रक्षामंत्री का इशारा

जेरूसलम – ईरान के साथ तुर्की भी खाड़ी क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए जारी कोशिशों में अड़ंगे डाल रहा है। यह दोनों देश इस क्षेत्र में संघर्ष को बढ़ावा दे रहे हैं। भूमध्य समुद्र और उत्तरी सीरिया में जारी तुर्की की हरकतें, लीबिया में हो रही दखलअंदाज़ी और पैलेस्टिन में हमास के आतंकियों से होनेवाले संबंध खाड़ी क्षेत्र की स्थिरता दूर करनेवाली है, इन शब्दों में इस्रायल के रक्षामंत्री बेनी गांत्ज़ ने तुर्की यानी खाड़ी क्षेत्र को अस्थिर करनेवाली शक्ति होने का इशारा दिया। उसी समय तुर्की नाटो का सदस्य होना एक ज़टिल बात होने का दावा भी उन्होंने किया। कुछ दिन पहले तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने ऑटोमन साम्राज्य का दाखिला देकर जेरूसलम तुर्कों का शहर होने का दावा करके इस्रायल को उकसाया था। इस पृष्ठभूमि पर इस्रायल के रक्षामंत्री ने तुर्की पर आलोचना करना ध्यान आकर्षित कर रहा है।

खाड़ी क्षेत्र को अस्थिर

बीते दो महीनों में इस्रायल ने खाड़ी क्षेत्र के ‘यूएई’ और बहरीन इन दो अरब देशों के साथ संबंध स्थापित करके सनसनी निर्माण की थी। इस्रायल ने उठाया यह कदम ईरान के विरोध में खाड़ी क्षेत्र के देशों का मोर्चा बनाने की गतिविधियों का हिस्सा समझा जा रहा है। इस्रायल की इन गतिविधियों को ईरान के साथ तुर्की ने भी जोरदार विरोध किया है और इस्रायल को धमकाया है। इस्रायल की राजधानी जेरूसलम को लेकर तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने संसद में किया बयान और पैलेस्टिन के मुद्दे पर अपनाई भूमिका भी उसी का हिस्सा साबित होता है। एर्दोगन के बयान पर इस्रायल ने तुरंत प्रतिक्रिया दर्ज़ करना टाल दिया था। लेकिन, रक्षामंत्री गांत्ज़ ने अरब पत्रकारों के साथ हुई परिषद के दौरान तुर्की को लक्ष्य करके उचित प्रत्युत्तर दिया हुआ दिखाई दे रहा है।

खाड़ी क्षेत्र को अस्थिर

अरब कौन्सिल फॉर रीजनल इंटिग्रेशन नामक गुट ने वार्ता परिषद का आयोजन किया था। इस दौरान रक्षामंत्री गांत्ज़ ने यह दावा किया है कि, इस्रायल ने अरब देशों के साथ किए हुए शांति समझौते पैलेस्टिन के साथ शांति स्थापित करने के लिए अहम है। यह संभव ना हो, इसी उद्देश्‍य से ईरान के साथ तुर्की भी सक्रिय हुआ है, यह आरोप उन्होंने किया। तुर्की की जारी आक्रामक हरकतों का ज़िक्र करने के साथ यह देश नाटो का सदस्य होने की ओर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।

खाड़ी क्षेत्र को अस्थिर

तुर्की, नाटो का सदस्य होने से तुर्की से संबंधित समस्या काफी जटिल बनी है। इस कारण अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने सामने उपलब्ध सभी विकल्पों का विचार करना होगा। तुर्की की गतिविधियां सीधे आतंकवाद का समर्थन करनेवाली हैं। इस मार्ग पर आगे बढ़ने से तुर्की को रोकना हो तो, जागतिक स्तर पर उस पर दबाव डालना होगा, यह इशारा इस्रायल के रक्षामंत्री ने दिया।

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन बीते वर्ष से ही खाड़ी क्षेत्र के मुद्दे पर लगातार आक्रामक भूमिका अपना रहे हैं। ईरान के साथ सहयोग बढ़ानेवाले तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने परमाणु हथियारों से सज्जित होने की दिशा में भी तैयारी शुरू की है। इस्रायल अरब देशों के साथ सहयोग बढ़ा रहा है, तभी तुर्की ने पैलेस्टिन में स्थित आतंकी गुटों के साथ नज़दिकीयां बढ़ाना शुरू किया है। उसी समय सीरिया और लीबिया में तुर्की का हस्तक्षेप होना और भूमध्य समुद्र में ग्रीस के विरोध में जारी गतिविधियां भी इस क्षेत्र की अस्थिरता बढ़ानेवाली साबित हुई हैं। इस्रायल के रक्षामंत्री ने इस ओर ध्यान आकर्षित करना भी अहमियत रखता है।

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