‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ पर प्रतिबंध लगाने के ट्रम्प ने दिए संकेत

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन/बर्लिन – ‘अमरिका नॉर्ड स्ट्रीम २ ईंधन परियोजना पर नजर रखकर है| अन्य देशों को जो चाहिए वह करने का अधिकार होने का हमें अहसास है| ईंधन परियोजना के मुद्दे पर दिखाई दे रही समस्या का जिक्र हमने ही किया था| इस योजना पर प्रतिबंध लगाने का विचार शुरू है’, इन शब्दों में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने नॉर्ड स्ट्रीम २ परियोजना पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू करने के संकेत दिए|

पिछले वर्ष ट्रम्प ने नॉर्ड स्ट्रीम २ परियोजना को आक्रामकता के साथ विरोध किया था| इस वजह से जर्मनी हमेशा के लिए ईंधन पाने के लिए रशिया पर निर्भर रहेगी और रशिया इसका गलत लाभ उठाएगी, यह दावा अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने किया था| ट्रम्प की इस भूमिका के बाद अमरिका के नेतृत्व ने लगातार नॉर्ड स्ट्रीम २ परियोजना के मुद्दे पर जर्मनी से तीखें शब्दों में जवाब मांगा है और इसका सीधा असर अमरिका-जर्मनी संबंधों पर होने की चेतावनी दी है|

पिछले वर्ष दिसंबर महीने में अमरिकी संसद में यह ईंधनवाहिनी यूरोप पर रशिया की पकड मजबूत करने का षडयंत्र होने का आरोप करके अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने इस परियोजना पर प्रतिबंध लगाए, यह मांग भी आक्रामकता के साथ हुई थी| मई महीने में अमरिकी संसद में इस विषय पर एक विधेयक भी रखा गया है| इससे पहले अमरिकी उर्जामंत्री एवं जर्मनी में नियुक्त राजदूत ने भी नॉर्ड स्ट्रीम २ के मुद्दे पर जर्मनी को फटकारा है|

मार्च महीने में अमरिकी उर्जामंत्री रिक पेरी इन्होंने रशिया और जर्मनी मे तैयार की जा रही इस परियोजना का उद्देश्य सियासी होने का दावा करके अमरिका इस परियोजना पर प्रतिबंध लगाने का विचार कर रही है, यह संकेत दिए थे| अमरिका के जर्मनी में नियुक्त राजदूत रिचर्ड ग्रेनेल इन्होंने एक जर्मन पत्रिका को दी हुई मुलाकात में नॉर्ड स्ट्रीम २ में शामिल हुई कंपनियों पर हमेशा खतरे की तलवार लटकी रहेगी, यह इशारा दिया था|

जर्मनी और रशिया यह दोनों देशों ने ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ से आग्रही भूमिका अपनाई है और अमरिका की कोशिश रोकने के लिए भी प्रयत्न हो रहे है| यूरोप की ईंधन संबंधी जरूरतों की नीति यूरोपिय देश तय करेंगे, इसमें अमरिका ने हस्तक्षेप करने की जरूरत नही है’, इन शब्दों में जर्मनी की विदेशमंत्री हैको मास इन्होंने अमरिका को सुनाया था| इस परियोजना पर एकतरफा प्रतिबंध लगाना यानी पूरी तरह से गलत रास्ता होने की बात मास ने स्पष्ट शब्दों में रखी?थी|

नॉर्ड स्ट्रीम २ रशिया से सीधे जर्मनीतक नैसर्गिक ईंधन वायू की आपुर्ति करेगी?और यह महत्वाकांक्षी परियोजना करीबन ११ अरब डॉलर्स की है| रशिया और जर्मनी इन दोनों देशों ने यह परियोजना काफी अहम होने की बात रेखांकित की है| यूरोपिय महासंघ ने भी इस परियोजना पर अपना ध्यान रहेगा, यह ऐलान किया गया है| नॉर्ड स्ट्रीम २ परियोजना पूरी होने के बाद भी युक्रेन के माध्यम से यूरोप को ईंधन की आपुर्ति जारी रहेगी, यह वादा किया है|

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