‘आयएस’ के खिलाफ़ सहयोग करने पर पुतिन और ट्रम्प में चर्चा

मॉस्को: रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने अमरीका के संभावित राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प से फोन पर चर्चा की | रशियन एजन्सियों ने यह जानकारी दी | फिलहाल अमरीका और रशिया के संबंधों में तनाव है | ये संबंध समाधानकारक स्तर पर नहीं हैं, इसका स्वीकार करते हुए, संबंधों में सुधार लाने के साथ ही, दोनों देशों में सहयोग बढ़ाने के लिए कोशिश करने का निश्चय इस समय दोनों नेताओं ने किया | साथ ही, ‘आयएस’ जैसे ख़तरनाक आतंकवादी संगठन के खिलाफ एक होकर कार्रवाई करने के लिए राष्ट्राध्यक्ष पुतिन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच सहमति हुई है, ऐसा रशियन एजन्सियों का कहना है |

putin&-trump- फोन पर चर्चा

‘अमरीका का राष्ट्राध्यक्ष बनने के बाद मैं रशिया के साथ संबंध सुधारने के लिए अहमियत दूँगा’ ऐसा यक़ीन ट्रम्प ने दिलाया था| ट्रम्प की प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार हिलरी क्लिंटन ने, ‘ट्रम्प रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के एजंट हैं’ ऐसा आरोप किया था; लेकिन ट्रम्प ने रशिया तथा पुतिन अमरिकी जनता के दुश्मन नहीं है, ऐसा कहकर इस बारे में ठोस भूमिका अपनायी थी | इस पृष्ठभूमि पर, ट्रम्प ने राष्ट्राध्यक्षपद का चुनाव जीतने के बाद व्लादिमीर पुतिन ने उनसे फोन पर की हुई चर्चा, यह महत्त्वपूर्ण बात मानी जाती है | इस वक्त अमरीका और रशिया के बीच सहयोग बढ़ाने का दोनो नेताओं ने तय किया है, साथ ही संवाद बढ़ाने की प्रक्रिया अधिक व्यापक और गतिमान करने की तैयारी दिखाई है |

इसके लिए दोनो नेता एकदूसरे के साथ फोन से संपर्क में रहनेवाले हैं | इससे अमरीका और रशिया के बीच का सहयोग, साथ ही व्यापार और आर्थिक सहयोग बढ़ाने में मदद होगी, ऐसी जानकारी रशियन एजन्सियों द्वारा जारी की गयी है | वहीं, रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने ट्रम्प से मुलाकात करने की इच्छा ज़ाहिर की है, ऐसी जानकारी रशियन एजन्सियों ने दी है | पुतिन के साथ हुई चर्चा के बाद ट्रम्प के कार्यालय से भी इस मामले की जानकारी जारी की गई | ट्रम्प को चुनाव में मिली जीत के बाद उन्हें बधाई देने के लिए रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने फोन किया था | इसके साथ, दोनो देशों के बीच मजबूत और दीर्घकालीन सहयोग के बारे में चर्चा हुई, यह भी ट्रम्प के कार्यालय से कहा गया |

२० जनवरी को डोनाल्ड ट्रम्प का शपथग्रहण समारोह होनेवाला है | इसके बाद अमरीका का सारा कारोबार अपने हाथ में लेनेवाले ट्रम्प, सीरीया के मामले में क्या भूमिका अपनाते हैं, इसकी ओर जानकारों का भी ध्यान लगा हुआ है | ओबामा प्रशासन द्वारा, सीरिया के अस्साद के विरोध में लड़नेवाले अलगाववादियों को समर्थन दिया गया था। साथ ही, रशिया के साथ सीरिया में ‘आयएस’ के ठिकानों पर हमले करने से ओबामा प्रशासन ने इन्कार किया था | इस वजह से रशिया और अमरीका में तीव्र मतभेद पैदा हुए थे | वहीं, ट्रम्प ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान ‘आयएस’ का खात्मा करने का ऐलान किया था | इस पृष्ठ्भूमि पर, पुतिन ने ट्रम्प के साथ फोन पर की हुई चर्चा महत्त्वपूर्ण मानी जाती है |

इसी दौरान, ट्रम्प अमरीका की, सीरियासंबंधित नीति में बदलाव ना करें, ऐसी माँग नाटो तथा अरब मित्र देश करने लगे हैं | इससे सीरिया की अस्साद सरकार और म़जबूत होगी, ऐसा दावा भी अमरीका के मित्रदेशों ने किया है | इस वजह से, ट्रम्प ने यदि अमरीका की सीरिया विषयक नीति में बदलाव किये, तो अमरीका के आखाती मित्रदेशों से तीव्र प्रतिक्रियाएँ आ सकती हैं |

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