दूसरे देश में हत्या करवाना यह सौदी की नहीं, ईरान की नीति – सौदी के विदेश राज्यमंत्री की फ़टकार

रियाध – ‘दूसरे देश में घुसकर किसी की हत्या करवाना, यह ईरान की नीति है, सौदी अरब की नहीं’, ऐसी ज़बरदस्त फ़टकार सौदी अरब के विदेश राज्यमंत्री अदेल अल-जुबैर ने लगाई। साथ ही, अपने देश में होनेवाली हर एक ग़लत बात के लिए सौदी की हुक़ूमत को दोषी क़रार देना यह ईरान की पुरानी बुरी आदत है, ऐसी आलोचना जुबैर ने की। दो दिन पहले ईरान के विदेशमंत्री ने, अपने परमाणु वैज्ञानिक की हत्या की साज़िश में सौदी भी शामिल होने का दोषारोपण किया था। उसपर सौदी की ओर से यह प्रतिक्रिया आयी है।

saudi-iranपरमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीज़ादेह की हत्या के लिए ईरान ने अमरीका और इस्रायल पर आरोप किये हैं। इसको लेकर ईरानी अधिकारियों तथा सरकारी माध्यमों द्वारा अलग अलग दावे किये जा रहे हैं। परमाणु वैज्ञानिक की हत्या के लिए इस्तेमाल किये गए इस्रायली बनावट के हथियार भी बरामद हुए होने का दावा ईरानी अधिकारियों ने किया। ईरान के विदेशमंत्री जावेद झरिफ ने सोशल मीडिया में जारी की अपनी पोस्ट में, इस हत्याकांड की साज़िश इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू और सौदी अरब के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान की कथित मुलाक़ात में रची गयी, ऐसा आरोप भी किया है।

ईरानी विदेशमंत्री ने किये इन आरोपों पर सौदी ने ग़ुस्सा ज़ाहिर किया है। ईरान में होनेवाली हर ग़लत गतिविधि के लिए सौदी की हुक़ूमत को दोषी क़रार देनेवाले ईरान के विदेशमंत्री झरीफ ये उतावलेपन से झूठे आरोप कर रहे होने की आलोचना जुबैर ने की। ‘ईरान में जो कुछ भी ग़लत घटित होता है, उसके लिए सौदी अरब की हुक़ूमत को ज़िम्मेदार ठहराना यह ईरान के विदेशमंत्री झरीफ की पुरानी बुरी आदत है। यदि ऐसा है, तो फिर आनेवाले समय में भूकंप अथवा बाढ़ के लिए भी क्या सौदी को ही ज़िम्मेदार ठहराओगे?’, ऐसा सवाल जुबैर ने किया।

saudi-iranउसीके साथ, अन्य देशों में हत्याएँ करवाना, यह ईरान की नीति होने का दोषारोपण जुबैर ने किया। ‘सन १९७९ में आयातुल्ला खोमेनी ने करायी क्रांति के बाद ईरान ने अन्य देशों में कई हत्याकांड करवाये हैं। ईरान के इन हत्याकांडों में, ग़ैरक़ानूनी करतूतों में अपने नागरिक गँवानेवाले सौदी जैसे अन्य देश इसके बारे में यक़ीनन ही जानकारी देंगे। लेकिन ईरान की तरह दूसरों के देश में घुसकर हत्याकांड करवाना यह सौदी की नीति नहीं है’, ऐसा हमला जुबैर ने किया। जुबैर ने सोशल मीडिया में की इस आलोचना पर ईरान की ओर से प्रतिक्रिया नहीं आयी है।

सन १९७९ में हुई क्रांति के बाद ईरान की हुक़ूमत ने एशिया, युरोप, अमरीका तथा लैटिन अमरीका में करवायीं हत्याओं और हमलों में कम से कम २१ अहम व्यक्तियों के साथ सैंकड़ों लोग मारे गये होने का आरोप किया जाता है। इनमें ज्यूवंशिय, अरब तथा पश्‍चिमी देशों के नागरिकों का बड़े पैमाने पर समावेश था। वहीं, सन २०११ में जब जुबैर अमरीका में नियुक्त सौदी के राजदूत थे, तभी ईरान ने उनकी हत्या की साज़िश रची होने का अमरीका ने किया था। इस मामले में अमरीका ने हमलावरों को गिरफ़्तार किया था और उन्होंने अपना गुनाह क़बूल किया होने की बात भी अमरीका ने घोषित की थी।

इसी बीच, इस्रायल और सौदी के नेताओं के बीच हुई भेंट के बारे में हालाँकि माध्यमों में काफ़ी कुछ बातें प्रकाशित हो रहीं हैं, फिर भी इन दोनों देशों ने अधिकृत रूप में इस ख़बर की पुष्टि नहीं की है। सौदी के विदेश मंत्रालय ने, ऐसी भेंट हुई ही नहीं, ऐसा कहा था। वहीं, इस्रायल की सरकार ने भी इस भेंट की अधिकृत स्तर पर पुष्टि करना टाला है।

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