चीन के ओबीओआर को चुनौती देने के लिए ऑस्ट्रेलिया अमरिका जापान का नया संगठन

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कैनबेरा – चीन से महत्वाकांक्षी ‘वन बेल्ट वन रोड’ के लिए अरब डॉलर्स का निवेश हो रहा है, फिर भी उसे कार्यान्वित एवं उसकी सफलता पर प्रश्नचिन्ह निर्माण हो रहे हैं। दुनिया की वित्तीय संस्थाओं से अग्रणी के वित्ततज्ञ एवं विश्लेषक चीन के इस महत्वाकांक्षी योजना पर आशंका उपस्थित कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर दुनिया के अन्य प्रमुख देशों से चीन के इस महत्वाकांक्षी योजना को चुनौती देने के लिए प्रयत्न शुरू है और उसे अब ऑस्ट्रेलिया, अमरिका, जापान के नए संगठन का समावेश हुआ है।

ऑस्ट्रेलिया के विदेशमंत्री जूली बिशप इनसे उसकी घोषणा की गई है। इस घोषणा में ऑस्ट्रेलिया के साथ अमरिका एवं जापान इंडो पैसिफिक क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं से संबंधित निवेश के लिए साथ आने की बात कही जा रही है। इस क्षेत्र में विकास को होनेवाली चुनौतियों पर ध्यान देते हुए संपर्क बढ़ाने के लिए तथा आर्थिक विकास के लिए तीनों देश साझेदार के तौर पर साथ आए हैं, ऐसा विदेश मंत्रियों के निवेदन में स्पष्ट किया गया है।

ओबीओआर

इंडो पैसिफिक क्षेत्र में शांति एवं समृद्धि रहे इसके लिए अधिक सहायता आवश्यकता है, यह बात ध्यान में लेकर नए संगठन की स्थापना की जाने की जानकारी ऑस्ट्रेलिया के विदेश विभाग ने दी है। ऑस्ट्रेलिया अमरिका जापान इन तीनो देशो ने एक संयुक्त निवेदन प्रसिद्ध किया है। उसमें इंडो पैसिफिक क्षेत्र में अच्छे निवेश के लिए आवश्यकता होने की बात कही गई है।

अच्छा निवेश यह पारदर्शकता, खुली स्पर्धा, जागतिक दर्जा का पालन, स्थानीय मनुष्य बल का उपयोग और अव्यवहारिक कर्ज का बोझा टालने जैसे घटकों से तैयार होता है। इन शब्दों में ऑस्ट्रेलिया, अमरिका, जापान इस अग्रणी के संगठन ने चीन को लक्ष्य किया है। इस नए साझेदारी के पीछे तीनों देशों के इंडो पैसिफिक क्षेत्र को खुले एवम संपन्न रखने के लिए हुई वचनबद्धता, यह मुख्य उद्देश्य रहेगा, ऐसे शब्दों में निवेश का जोर इंडो पैसिफिक क्षेत्र में ही रहेगा, ऐसा निवेदन में स्पष्ट किया गया है।

ऑस्ट्रेलिया का विदेश एवं व्यापारी विभाग, अमरिका की ओवरसीज प्राइवेट इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन एवं जापान की बैंक फॉर इंटरनेशनल का ऑपरेशन इनपर नए संगठन की जिम्मेदारी होकर, नए संगठन इंडो पैसिफिक में जोखिम होनेवाले परियोजनाओं को योग्य वित्तीय सहायता एवं निवेश प्रदान करने का काम संपन्न करेगा, ऐसे संकेत दिए जा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में एक विश्लेषक स्टीफन किर्शनर ने नए साझेदारी का उपक्रम के तौर पर चीन के ओबीओआर को निजी क्षेत्र में निवेश के लिए विकल्प देने का भाग है, ऐसा दावा किया है।

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने ५ वर्षों पहले महत्वाकांक्षी ओबीओआर योजना की शुरुआत करके उसमें लगभग एक लाख करोड़ डॉलर्स इतने बड़े तादाद में निवेश करने की गवाही दी थी। पिछले ५ वर्षों में चीन ने अनेक देशों में ओबीओआर अंतर्गत प्रकल्प शुरू किए हैं, फिर भी उसे अपेक्षित सफलता नहीं मिली है और इसके विपरीत चीन के जागतिक वर्चस्ववाद की धारणा का भाग होने वाले आरोप होने लगे हैं। उसमें इस योजना में पारदर्शिता एवं चीन से अविकसित देशों पर दिए जानेवाले कर्ज के बोझ की वजह से इसके विरोध में आवाज आहिस्ता से तीव्र होने लगा है।

इस पृष्ठभूमि पर अमरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान इस नए संगठन की नई साझेदारी चीन के सत्ताधारियों के लिए सिरदर्द बढ़ानेवाली ठहरेगी, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया से नए साझेदारी की घोषणा होते हुए अमरिका के विदेशमंत्री माइक पोम्पिओ ने इंडो पैसिफिक क्षेत्र में अमरिका ११.३ करोड डॉलर का निवेश करने की बात घोषित की है।

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