गोलान पहाडी पर इस्रायल के हक को मंजूरी देने का समय आ गया – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष का ऐलान

Third World Warवॉशिंगटन/जेरूसलम: ‘गोलान पहाडी पर इस्रायल के सार्वभौम अधिकार को मंजूरी देने का समय आ गया है’, यह ऐलान करके अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने पुरी दुनिया में खलबली मचाई है| उनके इस ऐलान का इस्रायल ने जोरदार स्वागत किया है| लेकिन, इस पर भडके सीरिया गोलान पहाडी लष्करी कार्रवाई करके कब्जें में लेने की धमकी दी है| तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन इन्होंने गोलान पहाडी पर इस्रायल ने किए अवैध कब्जे को मंजूरी नही देना मुमकिन नही है, यह चेतावनी दी है| वही, खाडी क्षेत्र के विश्‍लेषक ट्रम्प इन्होंने ‘गोलान’ संबंधी यह ऐलान करके सीरिया और ईरान को इस्रायल पर हमला करने के लिए निमंत्रण दिया है, यह चिंता व्यक्त की है|

गोलान पहाडी, इस्रायल, हक, मंजूरी, समय, आ गया, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष, ऐलानअमरिकी विदेश मंत्री माईक पोम्पिओ इस्रायल की यात्रा पर है और तभी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होंने सोशल मीडिया पर ‘गोलान’ संबंधी अहम घोषणा की है| ‘५२ वर्ष के बाद गोलान पहाडी पर इस्रायल के सार्वभौम अधिकार को अमरिका ने मंजूरी देने का समय आ चुका है| गोलान पहाडी का क्षेत्र इस्रायल की सुरक्षा के लिए सामरिक दृष्टी से अहम है और इसका इस क्षेत्र की स्थिरता एवं सुरक्षा से नजदिकी संबंध है’, ऐसा ट्रम्प ने आगे कहा है| इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू इन्होंने ट्रम्प ने किए इस वक्तव्य का जोरदार स्वागत किया है|

ईरान जैसा देश इस्रायल के विनाश के लिए सीरिया का इस्तेमाल कर रहा है और ऐसे में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने गोलान पहाडी से जुडा यह निर्णय करने की प्रगल्भता एवं साहस दिखाया है, इन शब्दों में प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू इन्होंने ट्रम्प की प्रशंसा की है| लेकिन, इस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग अलग प्रकार की प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है| अरब देशों ने ट्रम्प इनके इस निर्णय को विरोध जताया हौ और गोलान के मुद्दे पर हम सीरिया के पक्ष में होने का ऐलान किया है|

वही, सीरिया ने गोलान पहाडी का क्षेत्र फिर से कब्जे में लेने के लिए लष्करी कार्रवाई करने की धमकी दी है| ट्रम्प इनका यह ऐलान काफी गैरजिम्मेदाराना होने की आलोचना भी सीरियन सरकार ने की है|

गोलान पहाडी, इस्रायल, हक, मंजूरी, समय, आ गया, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष, ऐलानगौरतलब है की, वर्ष १९६७ में इस्रायल एवं अरब देशों में भडके छह दिनों के युद्ध में इस्रायल ने सीरिया से गोलान पहाडी जीत ली थी| युद्ध खतम होने के बाद भी इन पहाडियों पर बनाया कब्जा छोडने से इस्रायल ने इन्कार किया था| इस्रायल के अरब देशों के साथ संबंध सुधारने के साथ पैलस्टाईन का प्रश्‍न छुडाने के लिए कई विकल्प रखे जा रहे है| वर्ष १९६७ के पहले की सीमा पर इस्रायल समझौता करे एवं गोलान पहाडी पर जमाया हक छोड दे, यह प्रस्ताव भी इनमें शामिल रहा| लेकिन, गोलान पहाडी अपनी सुरक्षा के लिए काफी अहम है, यह कहकर इस्रायल ने यह प्रस्ताव डटकर ठुकराया था|

यह होते हुए भी इन पहाडियों पर इस्रायल ने किए कब्जे को अमरिका ने अधिकृत स्तर पर मंजूरी दी नही है| फिलहाल रशिया और ईरान का समर्थन प्राप्त कर रहे सीरिया ने गोलान पहाडी की सरहदी क्षेत्र के निकट लष्करी गतिविधियां शुरू की है, ऐसे समाचार प्रसिद्ध हुए थे| लेकिन, ईरान, सीरिया और ईरान समर्थक संगठनों ने गोलान पहाडी के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की कार्रवाई की तो इस पर उन्हें तीखा जवाब प्राप्त होगा एवं उसके परीणाम उन्हें भुगतने होंगे, यह चेतावनी हाल ही में इस्रायली प्रधानमंत्री ने दी थी| इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने गोलान पहाडी पर इस्रायल के हक को मंजूरी देकर एक ही समय पर सीरिया, ईरान और रशिया को भी झटका दिया दिख रहा है| रशिया ने भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इन्होंने ‘गोलान पहाडी’ को लेकर किए वक्तव्य पर आलोचना की है और यह संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियमों का उल्लंघन होता है, यह दावा भी किया है|

तुर्की ने भी इस पर आलोचना की है और ट्रम्प इनके इस निर्णय की वजह से हिंसा का विस्फोट होगा, ह चिंता तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावूसोग्लू इन्होंने व्यक्त की है|

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