आतंकियों का अभ्यारण्य ख़त्म होने के बाद ही अफ़ग़ानिस्तान में शांति बनेगी – अजित डोवल

नई दिल्ली, (वृत्तसंस्था) – आतंकियों के सुरक्षित स्वर्ग और अभ्यारण्य खत्म हुए बिना अफ़ग़ानिस्तान में शांति स्थापित होना संभव नहीं है, यह चेतावनी भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने दी है। अफ़ग़ानिस्तान के लिए नियुक्त अमरीका के विशेषदूत झल्मे खलिलझाद समेत हुई चर्चा के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने, सीधे नाम का जिक्र किए बिना, पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवाद ही अफ़ग़ानिस्तान में जारी हिंसा का प्रमुख कारण होने की ओर ध्यान आकर्षित किया। विशेषदूत झल्मे खलिलझाद फिलहाल अफ़ग़ानिस्तान की शांति प्रक्रिया के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए भारत पहुँचे हैं। उन्होंने इस दौरान विदेशमंत्री एस.जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भेंट की। फ़रवरी महीने में अमरीका और तालिबान के बीच अफ़ग़ान शांति समझौता हुया था। लेकिन, यह समझौता होने के बावज़ूद अफ़ग़ानिस्तान में खूनखराबा बंद नहीं हुआ है। तालिबान के हमलें अफ़ग़ानिस्तान में अभी भी हो रहें हैं और ये हमलें बंद होने की संभावना नहीं हैं, यह बात स्वयं तालिबान ने ही स्पष्ट की हैं। इस वजह से अफ़ग़ान शांति समझौते के लिए खतरा बना हैं और अफ़ग़ानिस्तान में तैनात अपनी सेना हटाने का ऐलान करनेवाली अमरीका भी इन हमलों की वजह से मुश्‍किलों में फँसी हैं। ऐसी स्थिति में अफ़ग़ान शांति समझौता बचाने के लिए अमरिका के विशेषदूत झल्मे खलिलझाद भारत और पाकिस्तान की यात्रा कर रहे हैं।

लेकिन, पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवाद ही अफ़ग़ानिस्तान में हो रहे संघर्ष की ज़ड़ है, इसका एहसास भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहगार अजीत डोभाल ने झल्मे खलिलझाद को कराया। जबतक आतंकियों के सुरक्षित स्वर्ग और अभ्यारण्य बनें रहेंगे, तब तक अफ़ग़ानिस्तान में शांति स्थापित होना संभव ही नहीं हैं, यह बात अजीत डोभाल ने झल्मे खलिलझाद के साथ हुई बातचीत के दौरान स्पष्ट की। आतंकियों के ये सुरक्षित स्वर्ग और अभ्यारण्य पाकिस्तान में ही हैं, यह बात भारत ने पहले भी कई बार स्पष्ट की थी। अफ़ग़ानिस्तान की सरकार ने भी, पाकिस्तान में बनें आतंकियों के सुरक्षित स्वर्ग ही अपने देश की बुनियादी समस्या हैं, यह बात समय समय पर घोषित की थी।

तालिबान के हक्कानी गुट के आतंकियों का एवं जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों का इस्तेमाल करके पाकिस्तान के कुख्यात आयएसआय संग़ठन ने अफ़ग़ानिस्तान में भयंकर हमलों का सत्र शुरू किया है, यह बात सामने आयी है। मार्च महीने में अफ़ग़ानिस्तान की राज़धानी काबुल में स्थित सिख धर्मियों के गुरुद्वारा पर आतंकी हमला हुआ था। यह हमला पाकिस्तान के आतंकियों ने करवाया था, यह भी अब स्पष्ट हो चुका हैं। इस मामले में अफ़ग़ान यंत्रणा ने पाकिस्तानी आतंकियों की गिरफ़्तारी भी की है। इस वजह से, भारत द्वारा पाकिस्तान के विरोध में रखें जा रहें आरोपों को नय्रे से समर्थन प्राप्त होता दिख रहा हैं। अफ़ग़ानिस्तान की समस्या का हल निकालने के लिए पाकिस्तान सहायता नहीं करेगा, बल्कि पाकित्यान ही अफ़ग़ानिस्तान की समस्या हैं, इस सच्चाई का एहसास भी अजीत डोभाल ने अलग शब्दों में खलिलझाद को कराया। तभी विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने, अफ़ग़ानिस्तान के विकास के लिए भारत हर तरह की सहायता प्रदान करेगा, यह भरोसा भी इस दौरान दिलाया। ऐसें में, अफ़ग़ानिस्तान की प्रगति और विकास के लिए भारत प्रदान कर रहें योगदान की झल्मे खलिलझाद ने सराहना की है। भारत के बाद झल्मे खलिलझाद पाकिस्तान पहुँच रहे हैं।

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