भारत के उच्च आयुक्त ने इम्रान खान से मुलाकात की है

इस्लामाबाद- पाकिस्तान के होनेवाले प्रधानमंत्री इम्रान खान इनकि पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने भेंट की है। दोनों देशों में राजनीतिक स्तर पर चर्चा रुकी है और इसी दौरान हुई इस चर्चा को दोनों देशों के माध्यमों ने प्रसिद्धि दी है। इसके साथ ही भारत और पाकिस्तान में समझौते फिर से शुरु होंगे ऐसी चर्चा शुरू हुई है। भारत के प्रधानमंत्री के साथ भेंट और चर्चा के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ इन पर आलोचना करनेवाले इम्रान खान आगे चलकर भारत के बारे में कौनसा निर्णय लेंगे ऐसा टेढ़ा सवाल पाकिस्तानी पत्रकार पूछने लगे है।

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पाकिस्तान के चुनाव में तहरीक-ए-इंसाफ पक्ष को सबसे अधिक जगह मिली है। फिर भी सरकार स्थापित करने के लिए अभी भी इस पक्ष को प्रयत्न करने लग रहे हैं। इसीलिए इम्रान खान इनकी शपथविधी का कार्यक्रम आगे धकेला जा रहा था। पर प्रधानमंत्री पद स्वीकारने से पहले ही इम्रान खान इनके सामने चुनौतियां उग्ररूप धारण कर रही हैं। नवाज शरीफ इनके पीएमएल-एन एवं पाकिस्तान पीपल्स पार्टी ने एकजुट करके इम्रान इनके सामने चुनौतियां अधिक जटिल बनाई है। इसके लिए लष्कर के मदद लेते हुए इम्रान खान अपनी सरकार चलाएंगे, ऐसी आलोचना शुरू हुई है। इसकी वजह से स्वतंत्र रूप से इम्रान खान कोई भी निर्णय नहीं ले सकते, ऐसी टिप्पणी पाकिस्तान के विश्लेषक लगा रहे हैं।

विशेष रूप से भारत के बारे में धारणा तैयार करने की स्वतंत्रता इम्रान खान को नहीं होगी। जल्द ही वह उनके ध्यान में आएगा, ऐसा पाकिस्तान के बुजुर्ग पत्रकार कहने लगे हैं। भारत से चर्चा करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं है, इसका एहसास इम्रान खान को हुआ है। इस चर्चा के लिए उन्होंने दो कदम आगे करने की घोषणा भी की थी। पर वास्तव में उन्हें वैसा करने नहीं दिया जाएगा। ऐसे प्रयत्न करने पर पाकिस्तान के लष्कर ने नवाज शरीफ को षड्यंत्र से सत्ता से नीचे खींचा था, इसकी याद यह पत्रकार दिला रहे हैं।

इस पृष्ठभूमि पर भारत के उच्च आयुक्त अजय बिसारिया ने इम्रान खान से मुलाकात की है। उस समय उच्च आयुक्त बिसारिया ने इम्रान खान को भारतीय क्रिकेट संघ के हस्ताक्षर होनेवाली बैट भेंट के तौर पर दी है। तथा यह भेंट सकारात्मक एवं रचनात्मक थी, ऐसा उच्चायुक्त बिसारिया ने कहा है। इस भेंट का अर्थ भारत इम्रान खान के नेतृत्व में पाकिस्तान से चर्चा करने के लिए क्या तैयार होगा, ऐसा सवाल कई लोग करने लगे हैं। पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवादी संगठनों के हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ चर्चा रोकी थी। यह संवाद की प्रक्रिया फिर से शुरू होने की आशंका उच्चायुक्त के इस भेंट से होने के बाद सामने आ रही है। पर इम्रान खान को पाकिस्तान के आतंकवादी धारणा में बदलाव करना संभव हुआ, तो दोनों देशों में चर्चा की प्रक्रिया आगे हो सकती है, ऐसा दिखाई दे रहा है।

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