कोरोना ने कराई हानि का दुनिया को अंदाज़ा नहीं हुआ है – भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर

कोरोना ने कराई हानिनई दिल्ली – ‘कोरोना की महामारी ने कराई हानि का अभी भी पूरा अंदाज़ा नहीं हुआ है। ऐसी परिस्थिति में कोरोना की ओर, ‘अन्य चुनौतियों में से एक’ इस रूप में नहीं देखा नहीं जाना चाहिए। बल्कि पुनः पुनः उद्भवित होनेवाले संकट के रूप में इस महामारी की ओर देखना चाहिए। ऐसी परिस्थिति में इस जागतिक चुनौती का सामना करने के लिए जागतिक स्तर पर एकजुट अत्यावश्यक है’, ऐसा विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जताया। उसी समय, कोरोना की महामारी के कारण जागतिक सप्लाई की विश्‍वासार्ह चेन तैयार करने के लिए जापान और ऑस्ट्रेलिया समेत भारत पहल कर रहा है, यह विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया। साथ ही, कोरोना के दौर में भी भारत ने उद्योग, कृषि, कामगार और शिक्षा क्षेत्र में अहम सुधार करवाये, इस पर भी विदेश मंत्री ने गौर फरमाया।

‘फ्युचर ऑफ एशिया’ इस ‘निक्केई’ ने आयोजित किए ऑनलाइन चर्चा सत्र में विदेश मंत्री एस. जयशंकर बात कर रहे थे। इस समय जयशंकर ने यह मान्य किया की कोरोना की महामारी की ज़बरदस्त चुनौती भारत के सामने खड़ी है। साथ ही, इस चुनौती का सामना करने के लिए कितने भी बड़े देश की क्षमता पर्याप्त नहीं होगी, बल्कि यह जागतिक स्तर पर की चुनौती है, इसपर जयशंकर ने गौर फरमाया। इसी कारण कोरोना की महामारी के विरोध में अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग अत्यावश्यक है, इसका एहसास विदेश मंत्री जयशंकर ने कराया। साथ ही, कोरोना के संकट के कारण कुछ बातों पर गंभीरता से विचार करने का समय आया है, ऐसा भारत के विदेश मंत्री ने जताया।

संकटों से बाधित नहीं होगी, ऐसी विश्‍वासार्ह सप्लाई चैन विकसित करके जागतिक अर्थव्यवस्था अधिक मजबूत बनाने की दिशा में भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया का सहयोग शुरू हुआ है। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवश्यक बातों की जागतिक सप्लाई अगर सुनिश्चित करनी हो, तो कोरोना की महामारी की जागतिक चुनौती प्रगल्भतापूर्वक समझ लेने की ज़रूरत है। यह कार्य केवल राष्ट्रीय स्तर तक सोचकर होनेवाला नहीं है, बल्कि इसके लिए विशेष अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग की ज़रूरत पड़ेगी, इसका एहसास भारत के विदेश मंत्री ने कराया।

हालाँकि स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है, फिर भी कोरोना के टीके को बुद्धिसंपदा कानून के दायरे से हटाने से इन्कार करनेवाली अमरीका तथा अन्य पश्चिमी देशों को भारत के विदेश मंत्री ने लक्ष्य किया दिख रहा है। उसी समय कोरोना की महामारी आने के बाद चीन का उत्पादन क्षेत्र मंदी का सामना कर रहा था और उसका जागतिक अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर हुआ था, इस समस्या का भी उल्लेख विदेश मंत्री जयशंकर ने किया। इसी कारण जागतिक सप्लाई चेन के अधिक विश्‍वासार्ह केंद्र के रूप में भारत दुनिया के सामने आ रहा है, इस पर जयशंकर ने गौर फरमाया दिखाई दे रहा है।

कोरोना के संकट के दौर में भारत क्वाड देशों के साथ तथा युरोपीय महासंघ और ब्रिटेन के साथ चर्चा कर रहा है। मुक्त व्यापारिक समझौता और टीकों के संदर्भ में सहयोग बढ़ाकर, भविष्यकालीन संकटों का मुकाबला करने के लिए सिद्धता बढ़ाने भारत के ये प्रयास शुरू हुए हैं, ऐसी जानकारी विदेश मंत्री ने दी।

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