पठाणकोट के वायुसेना अड्ड़े पर गोलीबारी

घात में बैठे आतंकवादियों का कारनामा

An Indian air force chopper on a reconnaissance mission flies over the Indian airbase in Pathankot, 430 kilometers (267 miles) north of New Delhi, India, Saturday, Jan. 2, 2016. At least four gunmen entered an Indian air force base near the border with Pakistan on Saturday morning and exchanged fire with security forces, leaving two of them dead, officials said. (AP Photo/Channi Anand)

पठाणकोटस्थित वायुसेना के अड्डे पर हमला करनेवाले सभी आतंकवादियों को ख़त्म करने में सुरक्षा बलों को क़ामयाबी मिली होने की ख़बर प्रसारित होते होते ही, इस अड्डे पर घात में बैठे और कुछ आतंकवादियों ने हमला किया हुआ होने की बात स्पष्ट हुई। इन आतंकवादियों को ख़त्म करने की मुहिम सुरक्षा बलों द्वारा नये से शुरू की गयी है, लेकिन उसका कुछ तफ़सील ज़ाहिर नहीं किया गया है। लेकिन इस मूठभेड़ में वायुसेना के छ: और ‘एनएसजी’ का एक, ऐसे कुल सात जवान शहीद हो चुके हैं। लेकिन वायुसेना की मालमत्ता का नुकसान करने के आतंकवादियों के प्रयास क़ामयाब नहीं हो पाये।

रविवार को सुबह पठाणकोटस्थित वायुसेना के अड्डे पर से पुन: गोलीबारी एवं विस्फोट की आवाजें सुनायी दीं। घात में बैठे आतंकवादियों के साथ सुरक्षा बल की मूठभेड शुरू होने के बाद ये विस्फोट तथा गोलीबारी की आवाजें शुरू हुईं, ऐसा कहा जाता है। इस कारण, हमलावर आतंकवादियों की संख्या निश्चित कितनी थी, इस बारे में जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। इन आतंकवादियों को ख़त्म करने के लिए रविवार को बड़े पैमाने पर जवान तैनात किये गए। साथ ही, इस मुहिम के लिए युएव्ही तथा हेलिकॉप्टर्स का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। लष्कर, बीएसएफ़ तथा पंजाब पुलीस ने इस पूरे इलाक़े को चारों तरफ़ से घेर लिया होने के कारण आतंकवादी यहाँ से भाग जाने में क़ामयाब नहीं हो पायेंगे, यह बात स्पष्ट हुई है।

अभी तक इस अड्डे पर रहनेवाले आतंकवादियों को ज़िन्दा पकड़ने के प्रयास जारी रहने के कारण यह मुहिम इतने लंबे समय तक चलती रही, ऐसी चर्चा शुरू हुई है। लेकिन पंजाब पुलीस एवं वायुसेना ने इस बात की पुष्टि नहीं की है। अभी तक यह मुहिम चल रही होने के कारण इसके तफ़सील प्रसारमाध्यमों के सामने जाहिर नहीं कर सकते, ऐसा वायुसेना के तथा रक्षामंत्रालय के अधिकारियों ने स्पष्ट किया।

pathankot terrorist attack

इस ‘ऑपरेशन’ में अब तक बायुसेना के ६ जवान शहीद हो चुके हैं; वहीं, ८ जन ज़ख़्मी हो चुके हैं। साथ ही, इस पूरी मुहिम में विशेष बहादुरी दिखानेवाले एनएसजी का १ जवान शहीद हो चुका है और १२ जन ज़ख़्मी हुए हैं, ऐसा कहा जाता है। एनएसजी के लेफ़्टनंट कर्नल निरंजन कुमार, आतंकवादियों द्वारा छिपाये गए बम को नाक़ाम करते समय वीरगति को प्राप्त हो गये। पठाणकोटस्थित वायुसेना का यह अड्डा कुल २ हज़ार एकर तक फ़ैला हुआ होकर इस इलाक़े में घना जंगल है। इसलिए यह ख़ोजमुहिम और कुछ समय तक चल सकती है, ऐसी जानकारी रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने दी।

वायुसेना के अड्डे में घुसकर ‘मिग-२९’ लड़ाकू विमानों का नुक़सान करने के आतंकवादियों के इरादे थे। लेकिन सुरक्षा बल ने आतंकवादियों का षड्यंत्र नाक़ाम कर दिया। इसके लिए सुरक्षा बल की सराहन की जा रही है। लेकिन ‘सभी हमलावर आतंकवादियों को ख़त्म कर दिया है’ यह घोषणा शनिवार को करते समय, कुछ आतंकवादी अभीतक घात में बैठे हैं, इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी गयी, यह सवाल प्रसारमाध्यमों के प्रतिनिधियों द्वारा पूछा जा रहा है। साथ ही, आतंकवादियों की संख्या को लेकर क्या सुरक्षा बलों में भी संभ्रमावस्था है, यह सवाल भी पूछा जा रहा है।

लेकिन इस मुहिम के जारी रहते, इस बारे में जानकारी प्रकाशित करना संभव नहीं है, यह कहते हुए संबंधित अधिकारी, यह मुहिम ख़त्म होने पर ही इसके सभी तफ़सील बताये जायेंगे, यह बार बार स्पष्ट कर रहे हैं।

रक्षामंत्री ने की प्रधानमंत्री से मुलाक़ात

रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाक़ात करके उन्हें पठाणकोट के इस हमले के बारे में जानकारी दी। इस समय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहगार अजित डोवल, एनआयए के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस आतंकवादी हमले की पार्श्वभूमि पर, रक्षा तथा गृह मंत्रालयों की उच्चस्तरीय बैठकों का आयोजन किया जा रहा होकर, देशभर की सुरक्षा व्यवस्था पर विचार हो रहा है। पंजाब के उपमुख्यमंत्री ने ‘हमारा राज्य जम्मू-कश्मीर से सटा हुआ है’ यह बताकर पंजाब में ‘बीएसएफ़’ की तैनाती को बढ़ाने की माँग की है।

जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंग ने, पठाणकोट के आतंकवादी हमले के पीछे पाक़िस्तान का हाथ होने का आरोप किया। उसी समय, ‘जैश’ के आतंकवादियों के द्वारा किये गये इस हमले के कारस्तान की योजना, रावलपिंडी स्थित पाक़िस्तानी लष्कर के मुख्यालय में ही बनायी गयी थी, ऐसी जानकारी भी प्रसारमाध्यमों में प्रकाशित हुई है। वैसे ही, ये आतंकवादी पाक़िस्तानी होने की बात भी सामने आने लगी है; लेकिन अभी तक अधिकृत रूप में भारत ने इस सन्दर्भ में पाक़िस्तान पर आरोप नहीं किया है। यह बात स्वागतार्ह होने का मत पाक़िस्तान के विश्लेषक कर रहे हैं।

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