लेबनान में सरकार एवं प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव में बढोतरी – प्रदर्शनकारियों ने मनाया अलग ही ‘स्वतंत्रता दिन’

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बैरूत – पिछले डेढ महीने से लेबनान में सरकार के विरोध में हो रहे प्रदर्शन शुक्रवार के दिन तीव्र हुए| देश के स्वतंत्रता दिन पर लाखों प्रदर्शनकारियों ने सरकारी लष्करी संचलन पर बहिष्कार करके लेबनान के अलग अलग रास्तों पर उतरकर स्वतंत्र परेड की| ईरान का समर्थन प्राप्त होनेवाली लेबनान की हिजबुल्लाह की सरकार इस्तीफा दे, यह मांग भी प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान रखी| इसी बीच लेबनान पर गिरे संकट के लिए अमरिका जिम्मेदार होने का आरोप हिजबुल्लाह के उप प्रमुख शेख नईम कासेम ने किया|

शुक्रवार के दिन लेबनान में ७६ वां स्वतंत्रता दिन मनाया गया| इस अवसर पर लेबनान की हंगामी सरकार ने लष्करी संचलन का आयोजन किया था| इस में लेबनीज सेना एवं हिजबुल्लाह शामिल थी| पर, लेबनीज जनता ने लाखों की संख्या में इस लष्करी संचलन पर बहिष्कार किया और सुबह से ही रास्ते पर उतरकर सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया| इस दौरान, ‘पहले लेबनान ने भ्रष्टाचार और अराजकता के प्रभाव में स्वतंत्रता दिन मनाया था| पर इसके आगे लेबनीज जनता को स्वाभिमान के साथ जीना मुमकिन होगा, ऐसे स्वतंत्र देश की जरूरत है’, यह नारे दिए गए|

साथ ही ‘यह सिर्फ प्रदर्शन नही है, बल्कि लेबनान की जनता को सच्चे मायने में स्वतंत्रता का अनुभव करना है’, ऐसे पोस्टर भी जगह जगह पर देखे जा रहे थे| शुक्रवार के प्रदर्शनों में लेबनीज महीला और बच्चे भी बडी संख्या में शामिल हुए थे| साथ ही इन प्रदर्शनों में हर एक समुदाय के लोग शामिल हुए थे, ऐसा खाडी एवं पश्‍चिमी माध्यमों ने अपनी खबरों में कहा है| इससे पहले गृहयुद्ध में झुलसे लेबनान में पहली बार जनता की एकता देखी गई है और सभी जनता सरकार के विरोध में एक होती दिखाई दी, यह दावा अंतरराष्ट्रीय माध्यमों ने किया है|

लेबनान की राजनीती में ईरान का बढा हुआ हस्तक्षेप, देश में बढ रही बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की हुई गिरावट जैसे मुद्दों की पृष्ठभूमि पर अक्टुबर महीने से ही लेबानन में युवावर्ग रास्ते पर उतर कर सरकार के विरोध में जोरदार नारेबाजी करता दिखाई देने लगा था| किसी भी राजनयिक दल के समर्थन के बिना शुरू हुए इन प्रदर्शनों के सामने झुककर प्रधानमंत्री साद अल हरिरी ने इस्तीफा दिया था| लेबनीज प्रदर्शनकारियों ने उनके इस्तीफे का स्वागत किया और राष्ट्राध्यक्ष मिशेल एयॉन एवं अन्य नेता भी इस्तीफा दे, यह मांग भी की थी|

इसी बिच लेबनान की राजनीति में अमरिका हस्तक्षेप कर रही है और वर्तमान में सरकार के विरोध में शुरू प्रदर्शनों को भी अमरिका ने ही बढावा दिया है, यह आरोप शेख कासेम ने किया है|

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