अफगानिस्तान में चल रहे रक्तपात की गूंजे पाकिस्तान में सुनाई देने लगीं ; पाकिस्तानी लष्कर पर ‘तेहरिक’ का हमला – अधिकारी समेत ११ जवान मारे जाने की खबर

‘तेहरिक’इस्लामाबाद  – अफगानिस्तान से अमरीका की सेना वापसी यानी तालिबान की जीत है, यह बताकर उसकी खुशी मनाने वाले पाकिस्तान को इसका पहला झटका लगा। खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ ने पाकिस्तानी लष्कर पर हमला करके एक अधिकारी समेत ११ जवानों को मार दिया। साथ ही, इस आतंकवादी संगठन ने कुछ जवानों का अपहरण किया होने की खबरें आ रही है। पाकिस्तान की यंत्रणाओं ने इस खबर को दबाने की हर संभव कोशिश करके देखी। लेकिन सोशल मीडिया और भारतीय माध्यमों ने इसकी खबरें देने के बाद, अपने २ जवान इस हमले में मारे गए, ऐसा पाकिस्तानी लष्कर ने घोषित किया।

अफगानिस्तान की लगभग ८० प्रतिशत से अधिक भूमि पर तालिबान ने कब्ज़ा किया होकर, जल्द ही तालिबान अफगानिस्तान में सत्ता हस्तगत करेगा, ऐसे दावे किए जाते हैं। पाकिस्तान के कट्टरपंथी, तालिबान की जीत का जल्लोष मना रहे हैं। पाकिस्तान की सरकार और लष्कर हालाँकि ऊपरी तौर पर इसके बारे में तटस्थ भूमिका अपना रहे हैं, फिर भी तालिबान को पाकिस्तान से हर संभव सहयोग मिल रहा है, यह बात छिपी नहीं है। लेकिन अफ़गानिस्तान तालिबान के कब्ज़े में जाने के बाद पाकिस्तान की स्थिति भयंकर होगी, ऐसी चेतावनी इस देश के ज़िम्मेदार विश्लेषक और पत्रकार दे रहे हैं। उनकी चेतावनियाँ सच हो रहीं हैं, यह दिखा देनेवाला घातपात ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ ने करवाया।

तेहरिक ने खैबर-पख्तुनख्वा के खुर्रम इलाके में हमला करके पाकिस्तानी लष्कर के ११ जवानों को मार गिराया। इतना ही नहीं, बल्कि तेहरिक के आतंकियों ने कुछ जवानों का अपहरण किया होने की भी खबर है। मारे गए लोगों में पाकिस्तानी लष्कर के कॅप्टन अब्दुल बसित का समावेश होने की बात सामने आई है। पाकिस्तान ने अगर तालिबान की सहायता की और अफगानिस्तान में अगर तालिबान की सत्ता स्थापित हुई, तो पाकिस्तान का तालिबान होनेवाले ‘तेहरिक’ को बहुत बड़ी ताकत मिलेगी, ऐसी चिंता पाकिस्तान के कुछ विश्लेषकों ने व्यक्त की थी। यह खतरा उठाकर भी पाकिस्तान अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के लिए तालिबान की सहायता कर रहा है।

अफगानिस्तान का तालिबान और पाकिस्तान का तालिबान यह दो ना होकर, वे समान विचारधारा पर आधारित संगठन हैं। इस कारण अफगानिस्तान के तालिबान को मिली सफलता पाकिस्तान के ‘तेहरिक’ को बढ़ावा देगी और उसके बाद पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों का भयंकर सत्र शुरू होगा, ऐसी चिंता ये विश्लेषक व्यक्त कर रहे थे । तालिबान के प्रवक्ता ने भी, ‘तेहरिक’ और पाकिस्तान के बीच का संघर्ष यह पाकिस्तान का अंदरूनी मामला है, यह बताकर, उससे अपना ताल्लुक नहीं है, ऐसा कहा है।

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