अमरिका बातचीत का नया प्रस्ताव दे रही है तभी तालिबान ने अफगानिस्तान में किए हमले में ३६ लोग मारे गए

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काबुल – पिछले चौबीस घंटे में तालिबानी आतंकियों ने कुंदूझ और उरूझ्गान प्रांत में किए हमलों में ३६ लोगों की मौत हुई है| तालिबान कए इन दोनों हमलों का लक्ष्य अफगान सेना हुई है और इसके आगे भी अफगान सुरक्षा यंत्रणा पर हमलें शुरू रहेंगे, यह ऐलान भी तालिबान ने किया है| कुछ घंटे पहले अमरिका के रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने अफगानिस्तान की यात्रा करके तालिबान के साथ फिर से बातचीत करने के लिए अमरिका तैयार होने का ऐलान किया था| पर, अगले कुछ ही घंटों में तालिबान ने यह हमलें करके अमरिकी प्रस्ताव ठुकराया है|

अफगानिस्तान की उत्तरी हिस्सें में होनेवालें कुंदूझ प्रांत के चेकपोस्ट पर सोमावर दे रात आतंकियों ने बडा हमला किया| इस दौरान आतंकियों ने अफगान सेना को घिराव किया हौ बम फेंके एवं जोरदार गोलीबारी भी की| इस दौरान अफगान सेना के १५ सैनिक मारे गए थे और दर्जन से भी अधिक लोग जख्मी हुए है|

इस हमलें से कुछ घंटे पहले मध्य अफगानिस्तान के उरुझ्गान प्रांत में भी तालिबानी आतंकियों ने अफगान सेना पर ऐसे ही हमला किया| पर इस हमले में अफगान सेना ने तालिबान के आतंकियों को जोरदार जवाब दिया| इस हमले में २१ अफगान सैनिक और २० आतंकी मारे गए| तालिबान का प्रवक्ता झुबिउल्ला मुजाहिद ने इस हमलें की जिम्मेदारी स्वीकारी| एवं अफगान सुरक्षा यंत्रणा पर हो रहे हमलें बंद नही होगें, यह बात भी तालिबान के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया|

तालिबान के इन हमलों से पहले अमरिकी रक्षामंत्री एस्पर ने अफगानिस्तान की यात्रा की थी| इस दौरान अमरिकी रक्षामंत्री एस्पर ने अफगान राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी के साथ वरिष्ठ अफगानी नेता एवं अफसरों से बातचीत की| साथ ही अफगानिस्तान से अमरिका की सेना पीछे हटाने का भी एस्पर ने समर्थन किया|

अमरिकी रक्षामंत्री ने पत्रकारों के साथ बातचीत करते समय अमरिका अफगानिस्तान में तैनात अपने सैनिकों की संख्या ८,६०० तक कम करने के लिए तैयार होने की बात कही| फिलहाल अमरिका के करीबन १४ हजार सैनिक अफगानिस्तान में तैनात है| साथ ही तालिबान के साथ नए से बातचीत शुरू करने का जिक्र भी एस्पर ने किया|

अफगानिस्तान की स्थिरता के लिए तालिबान के साथ फिर से बातचीत शुरू करने के लिए और विदेशी सैनिकों को हटाने के मुद्दे पर अमरिका जोर दे रही है, यह एस्पर ने कहा| जल्द ही तालिबान के साथ अमरिका की बातचीत शुरू होगी, यह भरौसा भी एस्पर ने व्यक्त किया| पिछले वर्ष से अमरिका और तालिबान के बीच शुरू शांतिवार्ता फिलहाल बंद हुई है और एस्पर की यह यात्रा इसी नजरिए से अहम समझी जा रही है|

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