‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र की स्थिरता के लिए तैवान अमरिका-जापान से सहयोग बढाएगा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरतैपेई – अमरिका के साथ लष्करी सहयोग प्रस्थापित करनेवाले तैवान ने अब इंडो-पैसिफिक सहयोग में उतरने का सोचा है| अमरिका और जापान के साथ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति, स्थिरता और उन्नति के लिए सहायता करने की घोषणा तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग वेन ने की है| कुछ दिनों पहले हवाई द्वीप पर अमरिका ने आयोजित किए इंडो-पैसिफिक गुट की सुरक्षा विषयक बैठक में तैवान के लष्करी अधिकारी उपस्थित थे|

पिछले हफ्ते में अमरिका एवं जापान के अभ्यासक एवं विश्‍लेषकों के गुट ने तैवान का दौरा करके राष्ट्राध्यक्ष त्साई से मुलाकात की है| इस भेंट में राष्ट्राध्यक्ष त्साई ने अमरिका एवं जापान के साथ त्रिपक्षीय सहयोग में शामिल होने की तैयारी दिखाई है| अमरिका के मुक्त और स्वतंत्र इंडो-पैसिफिक क्षेत्र धारणाओं का सम्मान करते हुए तैवान भी इस क्षेत्र में अमरिका एवं जापान से सहयोग करने के लिए तैयार है| अमरिका, जापान और तैवान का सहयोग इस क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता के लिए सहायक होगा, ऐसा त्साई ने घोषित किया है|

अमरिका, जापान और तैवान ने इस वर्ष कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग स्थापित करने की जानकारी राष्ट्राध्यक्षा त्साई ने दी है| इसमें महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण, सायबर सुरक्षा, भ्रष्टाचार और नशीले पदार्थ के विरोध में कार्रवाई में त्रिपक्षीय सहयोग था| पर इसके परे जाकर तैवान, अमरिका एवं जापान के साथ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग में उतरने की बात त्साई ने कही है|

वर्ष भर पहले अमरिका ने पैसिफिक कमांड क्षेत्र का इंडो-पैसिफिक ऐसा नामकरण किया है| चीन का प्रभाव बढ़ते समय इस क्षेत्र में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान इन देशों को शामिल करके बड़ी संगठन बनाने के संकेत अमरिका ने दिए थे| अमरिका के इस इंडो-पैसिफिक संगठन में हम भी शामिल होने की बात तैवान के राष्ट्राध्यक्ष ने घोषित करते हुए चीन के लिए बहुत बड़ी चुनौती खड़ी की है|

तैवान यह अपना सार्वभौम भाग होने का दावा चीन कर रहा है| पर चीन के इस दावेदारी की परवाह न करते हुए ट्रम्प सरकार ने तैवान के साथ लष्करी सहयोग बढ़ाया है| पिछले हफ्ते में अमरिका ने तैवान को स्वतंत्र देश मानने के स्पष्ट संकेत दिए थे|

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