उत्तर प्रदेश में सेना भर्ती के दौरान हुई धांदली में ‘आयएसआय’ का हाथ होने की आशंका – पांच की गिरफ्तारी

लखनौ – जाली कागज़ातों का इस्तेमाल करके भारतीय सेना की भर्ती प्रक्रिया में धांदली करनेवाले गिरोह का मिलिटरी इंटेलिजन्स (एमआय) और उत्तर प्रदेश पुलिस के संयुक्त दल ने पर्दाफाश किया है। इस मामले में भारतीय सेना के एक पूर्व सैनिक और दो पुलिसकर्मियों समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बीते दो वर्षों में इस गिरोह ने कई युवाओं के जाली कागज़ात बनाकर उन्हें सेना में भर्ती कराया है। पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था ‘आयएसआय’ और अन्य देशविरोधी ताकतों ने इस गिरोह के ज़रिये अपने सदस्यों को सेना में भर्ती करवाया होगा, ऐसी आशंका है।

उत्तर प्रदेश पुलिस और मिलिटरी इंटेलिजन्स के अफ़सरों ने वार्तापरिषद में इस धांदली की जानकारी साझा की। इस रैकेट के ज़रिये भारतीय सेना में भर्ती हुए कम से कम २१ लोगों की जानकारी प्राप्त हुई है और अन्य लोगों के सुराग ढूंढे जा रहे हैं। जनवरी २०१९ से उत्तर प्रदेश के बरेली, पीलीभीत, बदाऊ और शाहजहानपुर जिलों के सभी कामयाब उम्मीदवारों के कागज़ातों की दुबारा जाँच करने के आदेश दिए गए हैं। जाली कागज़ातों की सहायता से भारतीय सेना में भर्ती होना बड़ी गंभीर बात है। इस मुद्दे पर सभी तथ्यों की जांच की जाएगी। यह रैकेट कितना फैला हुआ है, इसकी जाँच करने के लिए सभी आरोपियों से कड़ी पुछताछ की जा रही है। इस मामले में आयबी समेत अन्य सुरक्षा प्रणालियों को भी शामिल किया जा रहा है। इस मामले की जाँच के लिए सभी प्रणालियों का समन्वय स्थापित किया जा रहा है, ऐसा बरेली के डीआयजी राजेश पांडे ने कहा।

शाहजहानपुर के बांदा इलाके के एक घर से इस तरह का रैकेट चलाया जाने की जानकारी पुलिस को प्राप्त हुई थी। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करके पांच लोगों को गिरफ्तार किया। उनसे २१ उम्मीदवारों के नाम और पते बरामद हुए हैं। सरकारी दफ्तर एवं गांव प्रमुखों के २३ जाली स्टैम्प भी जब्त किए गए हैं। आरोपियों से बड़ी संख्या में जाली कागज़ात भी बरामद किए गए हैं।

इस रैकेट के माध्यम से भर्ती हुए सभी उम्मीदवारों की संख्या का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। भारतीय सेना की भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है। लेकिन इस प्रक्रिया में धांदली हुई है तो इसकी गहराई से जांच होगी, यह जानकारी मिलिटरी इंटेलिजन्स के अफ़सरों ने साझा की। सुरेश सोम नामक पूर्व सैनिक ने भर्ती प्रक्रिया से संबंधित गोपनीय जानकारी बाहर प्रदान की है और इसका इस्तेमाल पाकिस्तानी गुप्तचर प्रणाली ‘आयएसआय’ द्वारा किए जाने से इन्कार नहीं किया जा सकता, ऐसा दावा ‘एमआय’ ने किया है। इस रैकेट का लाभ उठाकर जाली कागज़ातों के ज़रिये सेना में शामिल हुए लोगों की संख्या ज्यादा हो सकती है, ऐसे संकेत भी ‘एमआय’ ने दिए हैं।

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