‘आयएसआय’ के इशारे पर ‘टार्गेट किलिंग’, खलिस्तानी आतंकी सुखमीत पाल का दुबई से प्रत्यर्पण – पुछताछ में बड़े खुलासे होने की संभावना

नई दिल्ली – खलिस्तानी आतंकी सुखमीत पाल सिंह उर्फ भिकरीवाल का दुबई से प्रत्यर्पण किया गया हैं। सुखमीत पाल के पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ से संबंध है और उसकी गिरफ्तारी होने से काफी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। पंजाब के तरणतारण जिले में शौर्यचक्र विजेता बलविंदर सिंह भिखीविंड की अक्तुबर महीने में हत्या की गई थी। इनकी हत्या का ‘मास्टरमार्इंड’ सुखमीत पाल ही होने की बात कही जाती है। दिल्ली में ७ दिसंबर के दिन रोमांचक तरीके से पीछा करके हुई मुठभेड़ के बाद पुलिस ने पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से दो खलिस्तानी आतंकी थे। यह आतंकी भी बलविंदर सिंह भिखीविंड की हत्या मे शामिल थे। उनकी गिरफ्तारी के दुसरें ही दिन सुखमीत पाल की दुबई में गिरफ्तारी होने का वृत्त है।

खलिस्तानी

गुरूवार के दिन खलिस्तानी आतंकी सुखमीत पाल सिंह को दुबई पुलिस ने भारतीय यंत्रणाओं के हाथों सौप दिया। दुबई से पहुँचे विमान से सुखमीत को भारत लाया गया है। दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरते ही उसे गिरफ्तार किया गया। पंजाब पुलिस सुखमीत को ट्रांझिट रिमांड पर पंजाब लाने की तैयारी मे जुटी हैं। सुखमीत पाल के संबंध ‘आयएसआय’ से है और ‘आयएसआय’ के इशारे पर सुखमीत और उसके गिरोह ने पंजाब में ‘टार्गेट किलिंग’ शुरू किया था।

शौर्यचक्र विजेता बलविंदर सिंह भिखीविंड की हत्या भी इसी ‘टार्गेट किलिंग’ का हिस्सा था। वर्ष १९८०-९० के दशक में पंजाब खलिस्तानी आतंकवाद से झुलस रहा था तब इस आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने का साहस बलविंदर सिंह और उनके परिवार ने दिखाया था। इसके साथ ही बलविंदर सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ नागरिकों को एक किया था। उनके इसी साहसी कार्य के सम्मान में उन्हें शौर्यचक्र प्रदान करके सम्मानित किया गया था। ऐसें में ‘आयएसआय’ के इशारे पर ही बलविंदर सिंह भिखीविंड की हत्या करके पंजाब में दुबारा आतंकवाद फैलाने की योजना थी। इसके अनुसार सुखमीत पाल सिंह ने अपने साथियों की सहायता से बलविंदर सिंह भिखीविंड की हत्या करने की साज़िश को अंज़ाम दिया।

वर्ष २०१६ में पंजाब के नाभा सेंट्रल जेल की सुरक्षा तोड़कर छह गुनाहगार फरार हुए थे। इनमें से दो खलिस्तानी आतंकी थे। इनमें से एक खलिस्तानी लिब्रेशन फोर्स (केएलएफ) का प्रमुख हरमिंदर सिंह मिंटो भी था। इस ‘जेल ब्रेक’ की साज़िश में भी सुखमीत पाल सिंह उर्फ भिकरीवाल का हाथ होने का दावा किया जा रहा था। इस वजह से सुखमीत पाल की गिरफ्तारी होना बड़ी कामयाबी समझी जा रही हैं। इसके अलावा ‘ड्रग टेररिझम’, ‘सीएए’ और ‘एनआरसी’ के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों में भी सुखमीत के शामिल होने के आरोप हैं। साथ ही दिल्ली-एनसीआर में सुखमीत पाल लगातार कुछ लोगों के संपर्क में होने की जानकारी प्राप्त हो रही हैं। इस वजह से सुखमीत पाल की हुई गिरफ्तारी को बड़ी कामयाबी समझा जा रहा है।

सुखमीत पाल अपना नाम बदलकर और जाली कागजातों के आधार पर प्राप्त किए ‘पासपोर्ट’ की सहायता से दुबई में रह रहा था। २५ दिन पहले दिल्ली में ‘हिज़बुल मुजाहिद्दीन’ के तीन आतंकियों समेत दो खलिस्तानी आतंकियों को भी गिरफ्तार किया गया था। यह आतंकी भी बलविंदर सिंह की हत्या की साज़िश का हिस्सा थे। उनकी पुछताछ करने पर सुखमीत पाल दुबई में नाम और भेष बदलकर रह रहा थाऔर उसके ठिकाने जानकारी प्राप्त हुई थी। यह जानकारी तुरंत ही दुबई की सुरक्षा यंत्रणा को प्रदान करके उनके प्रत्यर्पण की तैयारी शुरू की गई थी। ८ दिसंबर के दिन सुखमीत पाल को दुबई की सुरक्षा यंत्रणा ने हिरासत मे लिया था।

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