दहशतगर्दों के समर्थक देशों पर कडी कार्रवाई हो – संयुक्त राष्ट्रसंघ में रखी भारत ने मांग

संयुक्त राष्ट्रसंघ – दहशतगर्दों की आर्थिक सहायता करनेवालों पर सभी सदस्य देश कडी कार्रवाई करें, यह सूचना करनेवाले संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रस्ताव का भारत ने स्वागत किया है| लेकिन, इस प्रस्ताव का प्रभाव इसके अमल पर रहेगा, यह कहकर भारत ने इस प्रस्ताव पर अमल करने के लिए आग्रही भूमिका अपनाई है| ‘दहशतगर्दों का पक्ष लेकर उनका समर्थन करनेवाले देश अपने इस कृती का एवं दहशतगर्दों पर कार्रवाई ना करने के खुलासे करते रहते है| इन देशों पर भी कडी कार्रवाई हो’, यह मांग भारत ने बडे जोर के साथ रखी है| सीधे जिक्र किए बिना भारत ने पाकिस्तान पर की इस आलोचना का अच्छा खासा झटका पाकिस्तान को लगा दिख रहा है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ ने दहशतगर्दों की आर्थिक सहायता करनेवालों पर कडी कार्रवाई करने की सूचना अपने सदस्य देशों को करने के लिए रखा प्रस्ताव पुरी सहमति के साथ मंजूर किया| कोई भी इस प्रस्ताव के विरोध में गया नही है, फिर भी इस प्रस्ताव का प्रभाव इसके नुसार किए अमल से दिखना जरूरी है, ऐसा कडा इशारा भारत के संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त राजदूत सयेद अकबरूद्दीन इन्होंने दिया है| इस विषय पर हुई चर्चा के दौरान बात करते समय अकबरूद्दीन इन्होंने इस संबंध में भारत ने तय की हुई भूमिका पुख्ता तरीके से रखी| ‘फानयान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) ने दहशतगर्दों को आर्थिक सहायता करनेवालों के विरोध में तय किए हुए ढांचे का भी उन्होंने स्वागत किया| फिलहाल ‘एफएटीएफ’ ने पाकिस्तान को ‘ग्रे’ सुचि में शामिल किया है| आगे के समय में आतंकियों को पैसे देनेवालों पर कार्रवाई नही की तो पाकिस्तान का समावेश ‘ब्लैक लिस्ट’ में करने का इशारा ‘एफएटीएफ’ ने दिया है| इस पृष्ठभूमि पर भारत के राजदूत ने ‘एफएटीएफ’ की कार्रवाई का किया स्वागत ध्यान आकर्षित करता है|

साथ ही पाकिस्तान का सीधे नाम लेने से बचकर अकबरूद्दीन इन्होंने कुछ देश आतंकियों का पक्ष लेते है एवं अपने इस कृती का एवं दहशतगर्दों पर कार्रवाई किए बिना खुलासे देते रहते है| ऐसे दहशतगर्दों के समर्थक देशों से अन्य सभी देशों को खतरा बनता है, यह चेतावनी अकबरूद्दीन इन्होंने दी| उन्हों ने की इस आलोचना से पाकिस्तान काफी परेशान हुआ है और ‘एफएटीएफ’ का इस्तेमाल राजनयिक हथियारों की तरहा ना हो, यह उम्मीद पाकिस्तान की संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त राजदूत मलिहा लोधी इन्होंने व्यक्त की| साथ ही कश्मीर का प्रश्‍न भी उन्होंने उपस्थित किया| लेकिन, उनके इस कोशिश को किसी का भी समर्थन प्राप्त नही हुआ है|

पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद चीन के अलावा सभी देशों को दहशतगर्दों के विरोध में खडा करने में भारत को बडी सफलता प्राप्त होती दिख रही है| इस वजह से चीन जैसा शक्तिशाली देश भी मुश्किल से घिर गया है और मसूद अजहर का बचाव करनेवाले चीन को बडा अपमान सहन करने की स्थिति का सामना करना पड रहा है| अमरिका, फ्रान्स और ब्रिटेन ने ‘अजहर’ का समर्थन कर रहे पाकिस्तान के साथ ही चीन को भी कटघरें में खडा किया दिख रहा है| इसीलिए चीन दहशतगर्दों का बचाव करता नही, यह स्पष्ट करने पर चीन विवश हुआ है| इस पृष्ठभूमि पर संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत के राजदूत ने दहशतगर्दों का समर्थन करनेवाले देशों पर आलोचना करते समय सीधे नाम लिए बिना पाकिस्तान के साथ चीन को भी लक्ष्य किया दिख रहा है|

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