रणनीतिक सहयोग ही भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की आधारशिला है – भारत में नियुक्त ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बॅरी ओ फॅरल

नई दिल्ली – रक्षा और रणनीतिक सहयोग, यह भारत-ऑस्ट्रेलिया के संबंधों की आधारशिला बनी है, ऐसा बयान ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बॅरी ओ फॅरल ने किया है। साथ ही, कोरोना वायरस की महामारी फैलने के बाद, उत्पादन के लिए चीन पर निर्भर रहनेवाले विश्‍व को काफी बड़ा सबक मिला होने के संकेत देकर, इस मोरचे पर भारत और ऑस्ट्रेलिया अधिक अच्छी तरह से सप्लाई की चेन तैयार करने की कोशिश करेंगे, यह विश्‍वास ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने व्यक्त किया है।

भारत-ऑस्ट्रेलिया, रणनीतिक सहयोग

नई दिल्ली में ‘इंडिया-ऑस्ट्रेलिया पार्टनरशिप इन द इंडो-पैसिफिक रिजन’ इस विषय को लेकर वेबिनार का आयोजन किया गया था। इस वेबिनार में बात करते समय ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने, भारत और ऑस्ट्रेलिया के संबधों की अहमियत रेखांकित की। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को लेकर दोनों देशों का ध्येय एक समान होने की बात ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने इस दौरान ड़टकर रखी। मुक्त और खुला इंडो-पैसिफिक क्षेत्र, भारत और ऑस्ट्रेलिया को अपेक्षित है, यह कहकर, दोनों देश इसके लिए प्रतिबद्ध हैं, यह फॅरल ने स्पष्ट किया। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल ही में संपन्न हुए ‘म्युच्युअल लॉजिस्टिक सपोर्ट एग्रीमेंट’ इस समझौते की मिसाल देकर, दोनों देशों का सहयोग नई उँचाई पर पहुँचा होने की बात उच्चायुक्त ने कही।

दोनों देशों में हुआ यह समझौता ऐतिहासिक साबित होता है, यह कहकर उन्होंने इस समझौते का स्वागत किया। साथ ही, कोरोना वायरस की महामारी के बाद, उत्पादन के लिए चीन पर बड़ी मात्रा में निर्भर रहनेवाले देशों को बड़ा सबक मिला है, इस ओर ऑस्ट्रेलियन उच्चायुक्त ने ध्यान आकर्षित किया। भारत और ऑस्ट्रेलिया इससे उचित सबक प्राप्त करेंगे और विश्‍व के लिए आवश्‍यक उत्पादन एवं सप्लाई चेन विकसित करेंगे, ऐसी इच्छा दोनों देशों ने प्रदर्शित की है, ऐसी जानकारी भी ऑस्ट्रेलियन उच्चायुक्त ने इस दौरान प्रदान की। अलग शब्दों में, विश्‍व की फैक्टरी के तौर पर जाने जानेवाले चीन के लिए विकल्प देने के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया यह सहयोग कर रहें हैं, ऐसा उन्होंने कहा है। एक ही दिन पहले, चीन ने अपने नागरिकों को ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करने से दूर रहने की सूचना की थी। उससे पहले ऑस्ट्रेलिया की निर्यात पर चीन ने पाबंदी लगाने की बात भी सामने आयी थी। लेकिन, इसकी परवाह किए बिना ऑस्ट्रेलिया ने, सभी स्तरों पर भारत के साथ सहयोग करके चीन को प्रत्युत्तर दिया है। इतना ही नहीं, बल्कि भारत के साथ सहयोग, यह ऑस्ट्रेलिया की विदेश नीति का अहम हिस्सा होने का संदेश यह देश लगातार दे रहा है। ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने इस वेबिनार के दौरान किए अपने संबोधन से यही बात नए से रेखांकित की है।

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