राज्य में निजी कंपनियों की स्कूलों को अनुमति

नागपुर: राज्य में निजी कंपनियों को स्कूल खोलने का रास्ता साफ़ हुआ है। राज्य सरकार ने ‘महाराष्ट्र सेल्फ फाइनेंस स्कूल एक्ट-२०१२’ में सुधार किया है और यह सुधारित विधेयक बुधवार को देर रात विधानसभा में मंजूर हुआ। निजी कंपनियों की ओरसे शुरू किए जाने वाली स्कूलों को सरकारी अनुदानित स्कूलों की तरह सभी नियम लागू होंगे, ऐसा सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया है।

इसके अलावा निजी अंतरर्राष्ट्रीय पाठशालाओं में पढ़ाई करना संभव नहीं है ऐसी छात्रों को उसी दर्जे की शिक्षा मिले, इसके लिए सरकार १०० अंतर्राष्ट्रीय पाठशालाएं शुरू करने वाला है, ऐसा भी सरकार ने घोषित किया है। इसके लिए एसएससी बोर्ड की तरह अंतर्राष्ट्रीय बोर्ड स्थापित किया जाने वाला है।

राज्य में केवल विश्वस्त संस्था, पंजीकृत सोसाइटी को ही गैर अनुदानित स्कूल शुरू करने की अनुमति है। लेकिन सामाजिक उत्तरदायित्व कानून के अंतर्गत (सोशल रिस्पोंसिबिलिटी एक्ट) कई निजी कंपनियां, संस्थाएं निधि सामाजिक कार्य करने के लिए आरक्षित रखते हैं। इस निधि द्वारा स्कूल खोलने की अनुमति मिल जाए, यह माँग कई कंपनियों की ओर से की जा रही थी। इसका विचार करके सरकार ने ‘महाराष्ट्र सेल्फ फाइनेंस स्कूल एक्ट-२०१२’ में परिवर्तन किया है। इस वजह से निजी कंपनियों को न लाभ न हानि के तत्व पर स्कूल शुरू करने की अनुमति मिलने वाली है।

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सिर्फ शहरों में ही नहीं ग्रामीण इलाकों में भी निजी कंपनियां इस वजह से स्कूल शुरू कर सकेंगी। कंपनियों को अपनी परियोजना के पास भी कर्मचारियों के बच्चों के साथ आसपास के क्षेत्र के बच्चों के लिए स्कूल खोलना आसान होगा। इसका लाभ ग्रामीण इलाकों के बच्चों को भी होगा। लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें रखी गयी हैं।

महापालिका क्षेत्र में स्कूल शुरू करते समय ५०० वर्ग मीटर क्षेत्रफल की आवश्यकता है। बाकी इलाके में कम से कम एक एकड़ जगह का बंधन डाला गया है, यह जानकारी राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावदे ने दी है। उसके पहले यह शर्त क्रमशः २००० वर्ग मीटर और दो एकड़ थी।

यह सुधारित विधेयक मंजूर करने से पहले विधिमंडल में ढाई घंटे तक चर्चा हुई। निजी कंपनियों को स्कूल शुरू करने की अनुमति मिली तो फीज बढाने का रास्ता आसान हो जाएगा, यह डर इस समय कुछ विधानसभा सदस्यों ने जताया। उसपर यह डर बेबुनियाद है, ऐसा तावडे ने कहा। साथ ही राज्य में शुल्क नियंत्रण कानून लागू किया गया है और उसके द्वारा फीज पर नियंत्रण रखे जाने की जानकारी भी तावदे ने सदन को दी है। साथ ही इन स्कूलों में छात्र और उनके पालकों को कोई भी तकलीफ नहीं होगी, इसका ख्याल सरकार रखेगी, ऐसा भी शिक्षा मंत्री तावडे ने स्पष्ट किया है।

सरकार की तरफ से १०० अंतर्राष्ट्रीय स्कूल निर्माण किए जाने वाले हैं, यह भी तावडे ने घोषित किया है। अंतर्राष्ट्रीय स्कूलों में दी जाने वाली दर्जे की शिक्षा जनसामान्य बच्चों को भी मिले, इसके लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय बोर्ड की स्थापना की जाएगी, ऐसी जानकारी शिक्षा मंत्री ने दी है।

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