‘साउथ चाइना सी’ का लष्करीकरण ना हो – रक्षामंत्री राजनाथ सिंग

बैंकॉक: खुले समुद्री मार्गों में सभी देशों के हितसंबंध जुडे होते है, यह कहकर भारत के रक्षामंत्री नेसाउथ चाइना सीमें भारत को भी रुचि होने की बात स्पष्ट की| ‘इस समुद्री क्षेत्र की समस्या का हल लष्करी बल का प्रयोग करके नही, बल्कि बातचीत के जरिए निकले, यह भारत की उम्मीद है| साउथ चाइना सी का लष्करीकरण नही होना चाहिए, यह निवेदन करके रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने चीन को फटकार लगाई|

सोमवार के दिनआसियानकी बैठक में बोलते समय रक्षामंत्री राजनाथ सिंग नेसाउथ चाइना सीके क्षेत्र से भारत के भी हितसंबंध जुडे होने का एहसास दिलाया| भारत ही नही, बल्कि व्यापारी यातायात हो रहे अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में पुरी दुनिया के हितसंबंध जुडे हुए होते है, ऐसा राजनाथ सिंग ने कहा| इसी वजह से इस क्षेत्र में स्थिरता बरकरार रहेगी और इसके लिए लष्करी बल का इस्तेमाल करने का अवसर ना बने, यह उम्मीद होने की बात भारतीय रक्षामंत्री ने कही है| साउथ चाइना सी जीसइंडोपैसिफिकक्षेत्र का हिस्सा है, इसके बारे में भारत का नजरिया तय है| यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय कानून के दायरे में ही नियंत्रित हो और यह क्षेत्र मुक्त एवं सर्वसमावेशक रहें, यह भारत की इच्छा है, यह कहकर राजनाथ सिंग ने चीन की आक्रमक निती दो लक्ष्य किया|

पिछले कुछ वर्षों से चीनसाउथ चाइना सीसमेत पूरे इंडोपैसिफिक क्षेत्र में अपने बल का प्रयोग करके वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रहा है| इसके लिए लष्करी बल के साथ ही अपनी आर्थिक ताकत का इस्तेमाल करने की चीन की साजिश है और इसके विरोध में अमरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने मोर्चो खोला है| अपनी विदेश निती की आजादी बरकरार रखकर भारत भी चीन की इस आक्रामकता के विरोध में अमरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ सहयोग बढा रहा है और आसियान के सदस्य देशों को भी भारत ने चीन के विरोध में सहयोग करना शुरू किया है|

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