रशिया की तरफ से ‘माइक्रोवेव गन्स’ के परिक्षण शुरू – सूत्रों का दावा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

मॉस्को – सिर्फ चार महीनों पहले ही रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने, रशिया के नए हथियार दशक भर में वर्चस्व में होंगे, ऐसा दावा किया था। इस दावे की पुष्टि करने वाला वक्तव्य रशिया के हथियार निर्माण कंपनी ने किया है और रशिया ने माइक्रोवेव गन्स का परिक्षण शुरू करने की जानकारी दी है।

विश्व के प्रमुख देशों में वर्तमान में हाइपरसोनिक, लेझर और अंतरिक्ष में इस्तेमाल किए जा सकते हैं ऐसे ‘स्पेस वेपन्स’ विकसित करने के लिए जोरदार प्रतियोगिता शुरू है। इस प्रतियोगिता में अमरिका, रशिया, चीन, ब्रिटन, इस्राइल जैसे देशों ने अग्रक्रम प्राप्त किया है और लगभग हर महीने में नए हथियारों का परिक्षण की अथवा विकसित करने की जानकारी दी जाती है। कुछ दिनों पहले चीन ने एक ही समय पर तीन हाइपरसोनिक मिसाइलों का प्राथमिक परिक्षण करने की घोषणा की थी। उसके बाद अब रशिया की तरफ से ‘माइक्रोवेव वेपन्स’ के परीक्षणों की जानकारी सामने आई है।

‘इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर’ तकनीक में प्रमुख रशियन कंपनी ‘क्रेट’ के उपाध्यक्ष व्लादिमीर मिखीव ने नए घटनाक्रमों की जानकारी दी है। ‘अत्यंत प्रगत माने जाने वाली माइक्रोवेव हथियार यंत्रणा अस्तित्व में है और उसकी उचित दिशा में प्रगति शुरू है। प्रयोगशालाओं में और बाहर उसके परिक्षण नियमित रूपसे किया जा रहा है’, ऐसा मिखीव ने कहा है। तीन महीनों पहले क्रेट कंपनी ने रशिया के ‘सिक्स्थ जनरेशन फाइटर’ की जानकारी देते समय माइक्रोवेव तकनीक पर आधारित हथियार यंत्रणाओं का उल्लेख किया था।

माइक्रोवेव गन्स में अत्यंत शक्तिशाली ‘इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन’ का इस्तेमाल किया जाता है। उस वजह से इलेक्ट्रिक सर्किट तैयार होकर उर्जा के प्रचंड क्षमता का स्त्रोत सामने वाले लक्ष्य पर फेंका जाता है। इन यंत्रणाओं को ‘डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स’ भी कहा जाता है। सामने से आने वाला मिसाइल, विमान अथवा ड्रोन को इस यंत्रणा की सहायता से नष्ट किया जा सकता है।

रशिया ने पिछले कुछ सालों में पारंपरिक हथियार यंत्रणा के निर्माण के साथ साथ रक्षा बल के आधुनिकीकरण को तेज किया है और पुतिन ने उसके लिए पहल की है। कुछ वर्षों पहले उन्होंने सन २०२० तक रशिया के रक्षा बलों का चेहरा बदलने का उद्देश्य भी घोषित किया था। उसके बाद पिछले साल रशिया के उपरक्षा मंत्री युरी बोरिसोव्ह ने प्लाझ्मा, लेझर और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तकनीक पर आधारित प्रगत हाइपरसोनिक हथियार विकसित करने का दावा किया था।

रशिया को जल्द ही लेझर तकनीक और विद्युतचुम्बकीय तत्वों के आधार पर हथियार बनाने में सफलता मिलेगी, ऐसा दावा भी रशिया के उप रक्षामंत्री ने तब किया था। क्रेट कंपनी के उपाध्यक्ष ने किए वक्तव्य से रशियन रक्षा बलों ने इसके लिए तेजी से कदम उठाना शुरू किया है, यह स्पष्ट हो रहा है।

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