युरोपियन अर्थव्यवस्था की गिरावट के संकेत; फ्रान्स और जर्मनी में नकारात्मक माहौल

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

ब्रुसेल्स  – युरोपीय महासंघ के प्रमुख देशों के ‘युरोझोन’ गुट का आर्थिक विकास दर चार वर्षों के सबसे कम पायदान पर गिरा है और अगले दो वर्ष में संपूर्ण महासंघ की अर्थव्यवस्था को इस गिरावट का बडा झटका लगने के संकेत प्राप्त हो रहे है| इस परिस्थिति के पिछे जर्मनी, फ्रान्स और इटली की नकारात्मक स्थिति कारण है, यह सामने आ रहा है| ‘युरोपियन सेंट्रल बैंक’ ने भी इसका समर्थन किया है और अर्थव्यवस्था के अनिश्‍चितता का समय शुरू है, यह दावा किया है|

कुछ दिनों पहले ‘आईएचएस मार्किट’ इस प्रमुख गुट ने युरोपीय देशों में औद्योगिक तरक्की के संबंधी आंकडे घोषित किये थे| उसमें औद्योगिक तरक्की से जुडे ‘पर्चेसिंग मॅनेजर्स इंडेक्स’ यह सुचकांक ५१.३ तक गिरा है, यह स्पष्ट हुआ| इसके पहले ५२.७ दर्ज हुए इस सुचकांक में हुई गिरावट युरोप के शीर्ष देशों में बनी नकारात्मक स्थिति के संकेत दे रही है, यह कहा जा रहा है| यह गिरावट नवंबर २०१४ के बाद का नीच्चांक है, यह भी स्पष्ट हुआ है|

इस गिरावट के पिछे फ्रान्स और जर्मनी में हुई गिरावट प्रमुख कारण साबित हुआ है| फ्रान्स में शुरू प्रदर्शनों से नीजि क्षेत्र को तगडा झटका मिला है| इस क्षेत्र में ढाई सालों में पहली बार मंदी की स्थिति बनी है| वही जर्मनी में औद्योगिक विकास चार वर्षों के नीच्चांकी स्तर पर गिरा है, यह दर्ज हुआ है| यह दोनों देश युरोपीय अर्थव्यवस्था के इंजिन के तौर पर जाने जाते है| इस वजह से इन देशों की आर्थिक गिरावट युरोप के लिए तगडा झटका देने वाली है|

युरोपीय महासंघ की ‘युरोपियन सेंट्रल बैंक’ ने भी आर्थिक स्तर पर हुई गिरावट के स्पष्ट संकेत दिए है| ‘अमरिका-चीन व्यापारयुद्ध’, ‘ब्रेक्झीट’ और ‘इटली की आर्थिक गतिविधियां’ की वजह से युरोप में असंतुलन निर्माण होने की आशंका बैंक जता रही है| इस परिस्थिति में अगले दो वर्षों में युरोपिय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक परिणाम हो सकते है, यह चिंता बैंक के प्रमुख मारिओ द्रागी इन्होंने जताई है|

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