सुरक्षा परिषद की बैठक में भी पाकिस्तान हाथ लगी निराशा

संयुक्त राष्ट्रसंघ – संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में ‘कश्मीर’ का मुद्दा उठाने में पाकिस्तान को कामयाबी मिलने के दावे इस देश में किए जा रहे थे| लेकिन, एक ही दिन में पाकिस्तान का विमान जमीन पर उतरा है| सुरक्षा परिषद के स्थायि सदस्यों की बैठक में रशिया ने कश्मीर का प्रश्‍न भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षिय मसला होने की बात कहकर भारत का पक्ष लिया| इस वजह से सुरक्षा परिषद में अधिकृत स्तर पर कश्मीर का मुद्दा उपस्थित करने का पाकिस्तान का सपना टुट चुका है|

सुरक्षा परिषद में रशिया ने अपनाई भूमिका के बारे में इस देश के राजदूत ने जानकारी दी| कश्मीर प्रश्‍न पर द्विपक्षिय बातचीत से हल निकाले, यह रशिया की मांग है और सुरक्षा परिषद ऐसे प्रश्‍नों में हस्तक्षेप ना करें, यह इशारा भी रशिया ने संबंधित बैठक में दिया| वर्ष १९७२ में भारत और पाकिस्तान ने शिमला समझौता किया था| साथ ही वर्ष १९९९ में हुए ‘लाहोर डिक्लरेशन’ के तहेत संयुक्त राष्ट्रसंघ ने तय किए हुए दायरे में कश्मीर समस्या का हल निकल सकता है, यह विश्‍वास इस दौरान रशिया ने व्यक्त किया|

सुरक्षा परिषद के स्थायि सदस्यों के सामने चीन ने कश्मीर का मुद्दा उपस्थित करके पाकिस्तान को थोडीसी राहत दी थी| लेकिन, यह अपनी काफी बडी जीत होने के दावे पाकिस्तान ने किए थए| लेकिन, इससे ज्यादा कुछ सामने नही आएगा| अमरिका, रशिया, फ्रान्स और ब्रिटेन कभी भी भारत के विरोध में निर्णय नही करेंगे, इसका एहसास दिलानी की कोशिश पाकिस्तान के कुछ विश्‍लेषक कर रहे थे| लेकिन, सुरक्षा परिषद की इस अनौपचारिक बैठक से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने फोन के जरिए अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष से बातचीत करके उन्हें कश्मीर संबंधी अवगत कराया है, यह वृत्त प्राप्त हुआ था|

पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरेशी ने यह जानकारी दी| फिर भी सुरक्षा परीषद की इस बैठक से पाकिस्तान के हाथ कुछ भी लगा नही है| उलटा इस गतिविधि से पाकिस्तान की और भी बेइज्जती हुई दिख रही है|

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