११६. आंतर्राष्ट्रीय संबंध

११६. आंतर्राष्ट्रीय संबंध

व्याप्ति से केवल लगभग २०-२१ हज़ार वर्ग किमी. होनेवाले इस्रायल ने आज विज्ञान-तंत्रज्ञान, कृषि, जलव्यवस्थापन ऐसे कई क्षेत्रों में जो नेत्रदीपक प्रगति हासिल की है, वह लक्षणीय है ही; लेकिन आज इस्रायल का डंका जागतिक पटल में बज रहा है, उसका कारण यह नहीं है! आज अमरीका जैसी ताकतवर जागतिक महासत्ता को भी, उसके सामने […]

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११२. सदा संघर्षग्रस्त इस्रायल-१

११२. सदा संघर्षग्रस्त इस्रायल-१

    अथक संघर्ष के बाद ‘एक देश’ के रूप में इस्रायल का जन्म हुआ| उससे पहले के लगभग तीन हज़ार वर्ष ज्यूधर्मीय निरंतर संघर्ष करते आये थे और उस उस समय की विभिन्न ताकतवर सत्ताओं की ग़ुलामी में फँस रहे थे| सन १९४८ में इस्रायल ने आज़ादी प्राप्त की| लेकिन उसके बाद भी, एक […]

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ईरान की गश्ती जहाजों पर हमला करने के लिए ‘क्लस्टर’ से तैनात अमरिकी विमानों की गश्त

ईरान की गश्ती जहाजों पर हमला करने के लिए ‘क्लस्टर’ से तैनात अमरिकी विमानों की गश्त

वॉशिंगटन: पर्शियन खाड़ी से यात्रा करने वाले व्यापारी तथा लष्करी जहाजों पर ‘स्वार्म’ हमलें करनेवाले ईरान के निगरानी जहाजों पर कार्रवाई की तैयारी अमेरिका ने की है| पर्शियन खाडी की हवाई सीमा में गश्त करने वाले ‘एफ-१५ई स्ट्राइक इगल्स’ लड़ाकू विमान अमेरिका ने क्लस्टर बॉम्ब से सज्ज किए हैं| ‘क्लस्टर बम’ से सज्जित इन विमानों […]

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८८. युद्धविराम समझौता; स्वतंत्र इस्रायल की मार्गक्रमणा शुरू

८८. युद्धविराम समझौता; स्वतंत्र इस्रायल की मार्गक्रमणा शुरू

सन १९४८ के अरब-इस्रायल युद्ध में इस्रायल की विजय हुई। इस्रायल के चारों ओर से आक्रमण कर आयीं ५ अरब देशों की शस्त्रसुसज्जित ताकतवर सेनाएँ बनाम बहुत ही कम युद्धसामग्री के साथ, अपर्याप्त सैनिकबल के साथ उनका प्रतिकार करनेवाली इस्रायली सेना ऐसा यह विषम सामना इस्रायल ने अनगिनत अड़चनों को मात देकर जीता। अरब सेनाएँ […]

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८७. ऑपरेशन बालाक; अरब निर्वासित समस्या भड़की

८७. ऑपरेशन बालाक; अरब निर्वासित समस्या भड़की

सन १९४८ के अरब-इस्रायल युद्ध में शुरू के कुछ दिन ही सही, लेकिन इस्रायल की अपर्याप्त युद्धसामग्री के कारण अरबों का पल्ड़ा भारी होने लगा। तब विदेशस्थित, दुनियाभर में बिखेरे हुए ज्यूधर्मियों ने अपनी इस मातृभूमि को इस संकट से बाहर निकालने की ठान ली और अल्प-अवधि में ही इस्रायल की ओर पैसों की तथा […]

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८६. १९४८ का अरब-इस्रायल युद्ध

८६. १९४८ का अरब-इस्रायल युद्ध

इस्रायल की भूमि में स्वतंत्र ज्यू-राष्ट्र स्थापन हुआ होने की घोषणा करके डेव्हिड बेन-गुरियन ठेंठ तेल अवीव्हस्थित अपने सेना-मुख्यालय की ओर रवाना हुए थे। इस नये राष्ट्र ने जनतन्त्र शासनपद्धति अपनायी होने के कारण उसके शासक ये चुनाव पद्धति से ही चुने जानेवाले थे। लेकिन पहले चुनाव होने तक के समय में अंतरिम सरकार शासन […]

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८५. धरातल पर आधुनिक ‘इस्रायल’ का जन्म

८५. धरातल पर आधुनिक ‘इस्रायल’ का जन्म

‘हम इस इस्रायल की भूमि में ज्यू-राष्ट्र स्थापन हुआ होने की घोषणा इसके द्वारा कर रहे हैं’ – डेव्हिड बेन-गुरियन ने अपनी धीरगंभीर आवाज़ में घोषित किया। १४ मई १९४८ के इस समारोह की शुरुआत ‘हातिक्वा’ (जो आगे चलकर इस्रायल का राष्ट्रगीत बन गया) गायन से हुई थी। उसके बाद डेव्हिड बेन-गुरियन ने धीरगंभीरतापूर्वक ज्यूराष्ट्र-स्थापना […]

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७९. ब्रिटन के कन्धे पर से युनो के आँगन में….

७९. ब्रिटन के कन्धे पर से युनो के आँगन में….

सन १९४७ की शुरुआत में ही, ब्रिटीश मंत्रिमंडल की ‘उस’ बैठक के बाद ब्रिटन का पॅलेस्टाईन प्रश्‍नविषयक अगामी रूख स्पष्ट हुआ था, जो अरबों के पक्ष में होने के कारण ज्यूधर्मियों के लिए निराशाजनक ही था। ब्रिटिशों के लिए, अपने मध्यपूर्वी इलाके के हितसंबंध मह़फूज़ रखने के लिए अरबों का सहयोग अत्यधिक ज़रूरी होने के […]

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७५. महायुद्ध ख़त्म हुआ….‘युद्ध’ नहीं

७५. महायुद्ध ख़त्म हुआ….‘युद्ध’ नहीं

सन १९४५ में दूसरा विश्‍वयुद्ध समाप्त हुआ। दूसरे विश्‍वयुद्ध में ज्यूधर्मियों ने ब्रिटन को समर्थन दिया था और ज्यूधर्मीय सैनिक ब्रिटन की ओर से जर्मनी के खिलाफ़ लड़े थे। लेकिन ऐसा होने के बावजूद भी विश्‍वयुद्ध के पश्‍चात् पॅलेस्टाईन प्रान्त के बारे में ब्रिटन की अरबानुनयी नीति पुनः जारी हुई। इसका कारण, मध्यपूर्वी क्षेत्र में […]

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६४. १९३० के दशक की गतिविधियाँ

६४. १९३० के दशक की गतिविधियाँ

इसवीसन १९२९ में जेरुसलेम में हुए अरब-ज्यू दंगे, ज्यूधर्मियों की जायदादों का, सिनोगॉग्ज का प्रचंड ध्वंस करने के बाद और बड़े पैमाने पर जीवितहानि होने के बाद आगे चलकर थम गये; ऊपरी तौर पर सबकुछ शान्त हुआ प्रतीत हो रहा था, लेकिन दोनों पक्षों में झुलस रही आग शान्त नहीं हुई। इन दंगों के बाद […]

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