पत्रकार खशोगी की मृत्यु अपने दूतावास में ही होने की बात को सऊदी ने कबूल की है

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रियाध/इस्तांबुल/वॉशिंग्टन – सऊदी अरेबिया के अग्रणी पत्रकार और अमरिकी मीडिया में स्तंभलेखक के तौर पर काम करने वाले जमाल खशोगी की तुर्की में स्थित सऊदी के दूतावास में मृत्यु होने की बात को सऊदी अरेबिया ने मान्य किया है। सऊदी के पथक की तरफ से चल रही पूछताछ के दौरान पत्रकार खशोगी और सऊदी अरेबिया के अधिकारियों के बीच हाथापाई हुई और इसमें ही खशोगी की मृत्यु हुई, ऐसा सऊदी अरेबिया ने प्रसिद्ध किए हुए निवेदन में कहा गया है। सऊदी के इस निवेदन पर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने समाधान व्यक्त किया है, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तीव्र प्रतिक्रिया आई है।

दो हफ़्तों पहले शुक्रवार २ अक्टूबर को खशोगी तुर्की के इस्तांबुल शहर में स्थित सऊदी के दूतावास में गए थे। उसके बाद वह लापता हुए थे। सऊदी अरेबिया के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने वह दूतावास से तत्काल बाहर निकलने का दावा किया था। लेकिन खशोगी के निकटवर्ती और तुर्की यंत्रणाओं के साथ साथ विदेशी नेता और विश्लेषकों ने, सऊदी राजवट की तरफ से खशोगी की हत्या किए जाने का आरोप किया था।

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खशोगी की हत्या का रहस्य बढ़ता जा रहा है, उसी समय सऊदी अरेबिया ने तुर्की में स्वतंत्र पथक भेजकर पूछताछ शुरू की थी। इस पूछताछ के दौरान तुर्की की मीडिया और और सूत्रों ने सऊदी अरेबिया के पथक ने खशोगी की हत्या करने के सबूत सामने लाना शुरू किया। तुर्की और यूरोपीय मीडिया ने खशोगी की हत्या में शामिल सऊदी अधिकारीयों के नाम और तस्वीरें ‘हिट स्क्वाड’ के नाम के अंतर्गत प्रसिद्ध करने से सनसनी मच गई।

इस पृष्ठभूमि पर ट्रम्प ने सऊदी पर प्रतिबन्ध लगाने की धमकी दी। उसके बाद अमरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने सऊदी का दौरा भी किया। ट्रम्प की धमकी और पॉम्पिओ का सऊदी का दौरा और बिन सलमान का लगातार सामने आने वाला नाम इस वजह से सऊदी घराने पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था। उसी समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी दबाव बढ़ने से सऊदी ने अन्त में इस बात को मान्य किया है।

खशोगी की मृत्यु का इकबालिया बयान देते समय सऊदी अरेबिया की यंत्रणाओं ने १८ लोगो को कब्जे में लेने की जानकारी दी है। उसीके साथ ही सऊदी राजघराने से संबंधित वरिष्ठ सलाहकार ‘सूद अल-काहतानी’ और गुप्तचर विभाग के उपप्रमुख ‘अहमद अस्सिरी’ के साथ साथ ‘जनरल इंटेलिजेंस’ विभाग के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित किया गया है। इसके अलावा आने वाले कुछ दिनों में गुप्तचर और सुरक्षा विभाग से संबंधित कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है। ऐसे संकेत सऊदी ने दिए हैं।

सऊदी का इकबालिया बयान और कार्रवाई के बाद ट्रम्प ने समाधान व्यक्त किया है और यह बड़ा कदम होने का दावा किया है। जो कुछ भी हुआ है वह अस्वीकार करने जैसा है और इस मामले में कुछ सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं, लेकिन संसद के सहकार्य से आगे की कार्रवाई होगी, ऐसा ट्रम्प ने कहा है। उसी समय सऊदी अरेबिया यह अमरिका का खाड़ी का अत्यंत महत्वपूर्ण सहकारी देश है, ऐसा सूचक उल्लेख भी ट्रम्प ने इस दौरान किया है।

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