सऊदी की भ्रष्टाचार विरोधी कारवाई मतलब शुरुआत है- सऊदी के अटॉर्नी जनरल

रियाध: हफ्तेभर में सऊदी अरेबिया में हुई उलट पुलट की ओर पूरी दुनिया चकित होकर देख रही है। ११ राजपुत्र और ३८ बड़े नेता और अधिकारीयों को भ्रष्टाचार विरोधी कारवाई के नीचे गिरफ्तार किया गया है, लेकिन यह सिर्फ शुरुआत है, ऐसा सऊदी के अटॉर्नी जनरल ‘सौद अल-मोजेब’ ने कहा है। इस कारवाई का अगला चरण जल्द ही शुरू होने वाला है, ऐसा कहकर अल-मोजेब ने झटका दिया है।

भ्रष्टाचार विरोधी

चार दिनों पहले भ्रष्टाचार के अंतर्गत गिरफ्तार किये गए ४९ लोगों को सऊदी के पंचतारा होटल में रखा गया है। इस होटल को सैन्य शिविर का स्वरुप प्राप्त हुआ है, जहाँ से मीडिया को दूर रखा गया है। गिरफ्तार किए गए राजपुत्र, मंत्री अधिकारी और व्यावसायिकों की प्राथमिक पूछताछ पूरी होने की जानकारी अटॉर्नी जनरल ‘अल-मोजेब’ ने दी है।

इन सभी के खिलाफ सबूतों का जुटाव पिछले तीन सालों से शुरू था, ऐसा भी अल-मोजेब ने कहा है। संदिग्ध को कानून की सहायता लेने की अनुमति होगी साथ ही उनके खिलाफ कोर्ट के मुक़दमे भी चलाए जाएंगे, ऐसा भी अटॉर्नी जनरल ने कहा है। लेकिन इसके आगे के चरण में और कुछ संदिग्धों को कब्जे में लिया जाएगा क्या, इस बात पर बोलना अटॉर्नी जनरल ने टाला है।

पिछले कुछ घंटों में सऊदी ने कुछ बड़े व्यक्तियों के विदेश सफर पर पाबन्दी लगाईं है, जिसमें राजघराने के सदस्य, वरिष्ठ मंत्री, उद्योजकों का समावेश है। इन दिनों सऊदी के सभी अधिकार हाथ में आए प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में चल रही इस कारवाई पर सभी स्तर से तीव्र आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है। सऊदी की जनता ने साथ ही सरकार संलग्न मीडिया ने इस कारवाई का स्वागत किया है।

दौरान, प्रिंस मोहम्मद ने पिछले दो सालों में कुछ आक्रामक निर्णय लिए हैं। येमेन में स्थित हौथी बागियों के खिलाफ संघर्ष पुकारना, क़तर का बहिष्कार, ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ आक्रामक भूमिका लेना और इंधन पर निर्भरता कम करके अर्थव्यवस्था को सुधारना, इनका इसमें समावेश है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सऊदी में पहली बार महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस देना और फुटबॉल स्टेडियम में भी महिलाओं को उपस्थित रहने के अनुमति देना, जैसे साहसी सामाजिक सुधारों की शुरुआत प्रिंस मोहम्मद ने की है।

अब भ्रष्टाचार विरोधी समिति की स्थापना करके उसके सभी अधिकार हाथ में आए प्रिंस मोहम्मद ने सऊदी में पहले सत्ता पर आए राजपुत्र और प्रभावी अधिकारीयों पर कठोर कारवाई शुरू की है। इस बहुत बड़ी उलट पुलट के पीछे अलग ही राजनीती होने का आरोप लगाना शुरू हुआ है और इस बारे में विविध दावे और तर्क लगाए जा रहे हैं।

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के सलाहकार और नाते से उनके जमाई जैरेड कश्नर ने कुछ दिनों पहले सऊदी अरेबिया को भेंट दी थी। इस जानकारी को सामने नहीं लाया गया है, फिर भी एक अमरिकी दैनिक ने इस भेंट की जानकारी प्रसिद्द की है। इस भेंट में प्रिंस मोहम्मद के साथ सुबह चार बजे तक कश्नर ने गोपनीय चर्चा करने की बात, इस दैनिक ने बताई है। इसके बाद सऊदी में उलट पुलट शुरू हुई, ऐसा इस दैनिक ने कहा है।

 सऊदी के और एक राजपुत्र की मौत ?

सऊदी अरेबिया में हेलिकॉप्टर दुर्घटना में प्रिंस ‘मन्सूर बिन मुकरीन’ के मारे जाने की घटना को अभी २४ घंटे पूरे नहीं हुए हैं और प्रिंस ‘अब्दुल अझिझ’ की भी मृत्यु होने का दावा किया जा रहा है। भ्रष्टाचार विरोधी पथक के साथ हुई गोलीबारी में प्रिंस अब्दुल की मौत हुई है, ऐसी जानकारी सोशल मीडिया से सामने आ रही है। लेकिन सऊदी राजघराने अथवा मीडिया की ओरसे इस बारे में जानकारी नहीं मिली है।

प्रिंस अब्दुल अझिझ यह सऊदी के ‘राजे फहाद’ के सुपुत्र हैं। रविवार को सऊदी में हुई भ्रष्टाचार विरोधी कारवाई में गिरफ्तार हुए राजपुत्रों में अब्दुल अझिझ का भी समावेश है। लेकिन इस गिरफ़्तारी के सिलसिले के समय राजपुत्रों के अंगरक्षक और भ्रष्टाचार विरोधी पथक में मुठभेड़ हुई।

इसमें प्रिंस अब्दुल अझिझ जख्मी हुए हैं और उनको अस्पताल में दाखिल करने की खबर भी ‘अल मसदार न्यूज़ नेटवर्क’ की वेबसाइट पर प्रसिद्द हुई थी। लेकिन कुछ ही मिनटों में यह खबर वेबसाइट से हटाई गई। लेकिन सऊदी की अन्य मीडिया में भी इस बारे में खबर प्रसिद्द हुई थी। विश्वस्त सूत्रों की ओरसे यह जानकारी मिली है, ऐसा इस खबर में कहा गया था। इस वजह से प्रिंस अब्दुल के विषय में संभ्रम निर्माण हुआ है।

 

 

सऊदी की कारवाई को ट्रम्प का समर्थन

वॉशिंगटन: अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने सऊदी अरेबिया में क्राउन्स प्रिंस ‘मोहम्मद बिन सलमान’ ने राजपुत्र और अधिकारीयों के खिलाफ शुरू की हुई कारवाई की प्रशंसा की है। इस समय ट्रम्प ने, सऊदी अरेबिया के ‘किंग सलमान’ और सऊदी अरेबिया के ‘क्राउन प्रिंस’ पर अपना पूरा भरोसा जताया है।

सऊदी अरेबिया की गतिविधियों की ओर पूरी दुनिया अत्यंत सावधानी से देख रही है, ऐसे में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने की हुई यह प्रशंसा ध्यान आकर्षित करती है। सोमवार को ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर लगातार दो ‘ट्वीट’ करके सऊदी की कारवाई का समर्थन किया है।

पहले ट्वीट में ट्रम्प ने, सऊदी अरेबिया के सुप्रीमो ‘किंग सलमान’ और ‘क्राउन्स प्रिंस ऑफ़ सऊदी अरेबिया’ पर अपना पूरा भरोसा है, ऐसा कहा है। उसी समय उनको वह निश्चित रूपसे क्या कर रहे हैं, इसकी पूरी समझ है, ऐसा भी ट्रम्प ने उल्लेख किया है।

गिरफ्तार हुए सऊदी के राजपुत्र और अधिकारीयों के साथ कठोर व्यवहार किया जा रहा है, इस आरोप की भी ट्रम्प ने खबर ली है। जिन पर कठोर कारवाई के बारे में गला फाड़ा जा रहा है, उन्होंने पिछले बहुत सालों से सऊदी को लूटा था, ऐसा ट्रम्प ने इस ट्वीट में कहा है।

ट्रम्प की ओरसे सऊदी में चल रही इन कार्रवाइयों को खुलकर समर्थन मिलने की वजह से प्रिंस मोहम्मद के पीछे अमरिका होने का आरोप लगाना शुरू हुआ है। प्रिंस मोहम्मद जैसे जवान राजपुत्र का इस्तेमाल करके अमरिका ही सऊदी में उलट पुलट मचा रही है, ऐसा दावा इस्लामी देशों के कुछ विश्लेषक कर रहे हैं। कुछ लोगों ने इसके पीछे इस्रायल की साजिश होने का आरोप लगाया है।

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